आँवला विटामिन ‘सी’ का सर्वोत्तम और प्राकृतिक स्रोत है। आंवला का वानस्पतिक नाम Phyllanthus emblica (पांईलैन्थस एम्बलिका) है। इसका अंग्रेजी नाम Emblicmyrobalan tree (एम्बलिक मायरोबालान ट्री) या इण्डियन गूजबेरी (Indian gooseberry) है। विटामिन सी के अलावा आंवले में आयरन, कैल्शियम और फास्फोरस भी काफी मात्रा में पाया जाता है इसमें विद्यमान विटामिन ‘सी’ नष्ट नहीं होता।आंवला हरा, ताजा हो या सुखाया हुआ पुराना हो, इसके गुण नष्ट नहीं होते। इसकी अम्लता इसके गुणों की रक्षा करती है। इसमें एक संतरे की तुलना में 4 गुना अधिक विटमिन सी होता है और 1 आंवले में संतरे से 10 गुना अधिक ऐंटिऑक्सिडेंट होता है। आँवला एक छोटे आकार और हरे रंग का फल है। इसका स्वाद खट्टा होता है। आयुर्वेद में इसके अत्यधिक स्वास्थ्यवर्धक माना गया है।महर्षि चरक का मत है की जगत में जितनी भी रसायन औषधियां है उन सबमे आंवला उत्कृष्ट है, क्योंकि इसमें जितने रोग निवारक, रक्तशोधक और आरोग्यवर्धक गुण है, उतने किसी अन्य वस्तु में नही। आंवले की तासीर ठंडी होती है अर्थात इसके सेवन से शरीर शीतल होता है। सभी ऋतुओं में आंवले का प्रयोग रस, चटनी, मुरब्बा, अचार, चूर्ण, आदि के रूप में किया जा सकता है। आंवले का सेवन कैसे भी करें, वो फलदायी है।
आंवला में पोषक तत्व
आँवले के 100 ग्राम रस में 921 मि.ग्रा. और गूदे में 720 मि.ग्रा. विटामिन सी पाया जाता है। आर्द्रता 81.2, प्रोटीन 0.5, वसा 0.1, खनिज द्रव्य 0.7, कार्बोहाइड्रेट्स 14.1, कैल्शियम 0.05, फॉस्फोरस 0.02, प्रतिशत, लौह 1.2 मि.ग्रा., निकोटिनिक एसिड 0.2 मि.ग्रा. पाए जाते हैं।
आंवला और शहद के फायदे-
- आंवला और शहद दोनों में अलग-अलग औषधीय गुण होते हैं, लेकिन इन दोनों का सेवन अगर साथ में किया जाए, तो असर दोगुना हो सकता है।
- शहद और आंवले के मिश्रण का नियमित रूप से सेवन करने पर सौंदर्य फायदे और बढ़ती उम्र का प्रभाव चेहरे पर नहीं मालूम पड़ता। जैसे चेहरे से झुर्रियों और फाइन लाइन मिटने लगती है दही के साथ आंवला और शहद का उपयोग फेस मास्क बनाने के लिए किया जा सकता है।
- शहद और आंवले के मिश्रण को बालों में लगाने से बाल सुंदर, मुलायम और कहीं अधिक घने होते है। साथ ही यह उपाय बालों को झड़ने से बचाता है।
- आंवला और शहद का सेवन पीलिया में फायदेमंद होता है।
- आंखों को स्वस्थ रखने के लिए आंवले के जूस में शहद मिलाकर ले सकते हैं। मोतियाबिंद की समस्या भी खत्म हो जाती है।
- आँवला चूर्ण 5-10 ग्राम एक चम्मच शहद में मिलाकर सुबह खाली पेट चाटने से थाइरोइड जैसी गंभीर बीमारी भी फायदेमंद होता है।
- शहद और आंवले के मिश्रण का नियमित रूप से सेवन करने पर लिवर स्वस्थ रहता है।
- शहद और आंवले के सेवन से एसिडिटी से राहत मिलती है। भूख बढ़ती है और पाचन में भी मदद मिलती है।शहद में भीगा आंवला अपच और एसिडिटी का सबसे अच्छा उपाय है। यह भूख को बढ़ाने के साथ आहार के उचित पाचन में भी मदद करता है।
- शहद और आंवले खाने से सर्दी, खांसी और गले में खराश से जल्द राहत मिलती है और संक्रमण दूर होते है।सूखी खांसी से राहत के लिए आंवला पाउडर में शहद मिलाकर सेवन करने से फायदा होता है।
- शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन करने के लिए आंवला और शहद का मिश्रण सबसे बढि़या उपाय हैं। इससे वजन बढ़ने और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का जोखिम कम होता है।
- पेशाब में जलन हो तो खाली पेट आंवला और शहद सेवन करने से फायदा होता है।
आंवला और मिश्री के फायदे-
- तीन चम्मच आंवले का रस मिश्री मिलाकर रोज पीने से नकसीर बंद हो जाती है।
- दो चम्म्च आंवले का चूर्ण, एक चम्म्च देसी घी और एक चम्म्च मिश्री मिलाकर सुबह खाली पेट खाने से कुछ दिनों में सिरदर्द चला जाता है।
- आंवले का चूर्ण मिश्री के साथ दिन में तीन चार बार चूसने से खाँसी ठीक हो जाती है। आंवले का चूर्ण सुबह शाम एक चम्मच पानी के साथ लेने से हर प्रकार की खांसी में आराम मिलता है।
- आंवला का चूर्ण मिश्री के साथ खाली पेट रोजाना खाने से स्मरण शक्ति तेज हो जाती है।
- हिचकी तथा उल्टी होने की पर आंवले के रस को मिश्री के साथ दिन में दो-तीन बार सेवन करने से काफी राहत मिलेगी।
आमला चूर्ण व आंवला जूस सेवन के फायदे-
एंटीऑक्सीडेंट
आमला पाउडर व आंवला जूस विटामिन सी से भरपूर होते है जिसमें बहुत सारे एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर के सेल्स को मुक्त कणों से बचाते हैं। यह आपको भीतर से समृद्ध करते है और रोगों से लड़ने के साथ-साथ प्रतिरक्षा में सुधार करते है।
एंटी-इंफ्लेमेटरी
आमला पाउडर व आंवला जूस में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो पेट में एसिड के लेवल को कम करते है।
एंटी-एजिंग
आमला पाउडर व आंवला जूस एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होते है जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देते है और जो उम्र बढ़ने को धीमा करने में मदद करती है।
एंटी-डायबिटिक
आमला पाउडर व आंवला जूस में क्रोमियम होता है जो ब्लड शुगर के लेवल को कण्ट्रोल करने में मदद करता है।
ब्लड प्योरिफायर
आमला पाउडर व आंवला जूस को नियमित रूप से लेने से हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करता है।
दिल को स्वस्थ रखता है
आमला पाउडर व आंवला जूस खराब कोलेस्ट्रॉल के बनने, धमनियों के दबने और ब्लड वेसल्स की दीवारों को मोटा करने को कम करता है। जिससे हृदय रोगों के खतरे को कम करने में मदद मिलती है और हृदय को स्वस्थ रखता है।
कैंसर
आंवला जूस व आमला पाउडर के नियमित सेवन से हम कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बच सकते हैं। इसमें मौजूद कीमो प्रिवेंटिव प्रभाव के कारण कैंसर जैसी बीमारी को दूर किया जा सकता है। आंवला से हमारे शरीर में कैंसर की कोशिकाएं विकसित नहीं हो पाती है।
आंवला के नुकसान-
आपने आज तक यही सुना होगा कि आंवला खूब खाना चाहिए क्योंकि इसके अनेक फायदे होते हैं, लेकिन हम में से कई लोग यह नहीं जानते हैं कि आंवले के कई नुकसान भी होते हैं। इसका अधिक मात्रा में सेवन शरीर को बड़ा नुकसान भी पहुंचा सकता है।
- दुबलेपन की समस्या से जूझ रहे लोगों को आंवला चूर्ण का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह हमारे वजन को तेजी से घटाने का कार्य करता है जिससे अपना वजन बढ़ाने की इच्छा रखने वाले लोगों को नुकसान भी हो सकता है।
- लो ब्लड शुगर की समस्या से जूझ रहे लोगों को आंवला चूर्ण के सेवन से बचना चाहिए। यह हमारे रक्त से शुगर की मात्रा को तेजी से घटा सकता है जिससे हमारे शरीर में शुगर का स्तर सामान्य से घट सकता है।
- गर्भवती महिलाओं को आंवला चूर्ण का अत्यधिक सेवन करने से बचना चाहिए। इस के अधिक इस्तेमाल से पेट संबंधी समस्याएं जैसे कब्ज, अपच एवं दस्त भी हो सकता है।
- आंवले में विटामिन-सी होता है और इसे ज़्यादा मात्रा में खाने से आपके मूत्र में जलन हो सकती है।
- एलर्जी की समस्या वाले लोगों को आंवला चूर्ण का सेवन करने से पूर्व डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
- आंवला प्राकृतिक रूप से एसिडिक होता है और इसलिए इसे खाने से पेट से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। खासकर अगर आप इसे खाली पेट खाएंगे तो आपको एसिडिटी की समस्या हो जाएगी।
- आंवला फाइबर से भरपूर होता है जिसके अधिक सेवन से कब्ज़ हो सकता है।
- यदि आप किसी दवा पर हैं तो सप्लीमेंट के रूप में लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना उचित है।
आमला पाउडर व आंवला जूस की मात्रा व समय
- आंवला खाने का सबसे अच्छा समय सुबह होता है। यह शरीर से अतिरिक्त विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
- आंवला जूस व आमला पाउडर दोनों में से कोई एक ले। दोनों के फायदे बराबर है।
- भोजन के एक घंटे बाद लें सकते है।
- गर्म पानी के साथ 2 चम्मच रोजाना दिन दो बार लें|
- बाहरी उपयोग के लिए आप इसे जरूरत के अनुसार उपयोग कर सकते है।
आंवला रेसिपीज़ –
आंवले को विभिन्न तरीके से स्टोर करके रखा जाता है जैसे आंवला पाउडर, आंवले का अचार, आंवले का मुरब्बा, आंवला मीठी चटनी, और आंवला कैन्डी इत्यादि, तो हम आंवला कि कुछ रेसिपीज़ बताते है।
आंवला पाउडर
- आंवला को छोटे-छोटे टुकड़ों काटें और फिर धूप में सूखने के लिए रख दें।
- जब आंवला अच्छे से सूख जाए तब आंवला को पीस लें।
- अच्छे से पीसने के बाद आंवला पाउडर को एयरटाईट डिब्बे में डाल दें।
- तैयार है, आंवला पाउडर इसका सेवन 6 महीने तक करे।
आंवले का मुरब्बा
सामग्री
1 किलो बड़े आकार के आंवले
1 किलो पिसी हुई चीनी
1/2 चम्मच फिटकरी
तरीका
- मुरब्बा बनाने के लिए सबसे पहले आंवलों को 2-3 दिन तक पानी में भिगोकर रखें
2-3 दिन बाद छन्नी की सहायता से सारा पानी बाहर निकाल दें। - अब किसी कांटे की सहायता से आंवलों में छेद (गोदना) कर लें ताकि सारी चाशनी आंवले के अन्दर तक जा सके। छेद किए हुए आंवलों को फिटकरी वाले पानी में 2-4 दिन तक फिर से डुबोकर रखें।
- 2-4 दिन बाद इसे साफ पानी से धो लें और गर्म पानी में 3 से 4 मिनट तक भिगोकर रखें।अब पानी अलग करके आंवलों को थोड़ी देर हवा में सूखने के लिए रख दे।
- किसी बड़े बर्तन में आंवलों को डालकर उसके ऊपर 1 किलो पिसी हुई चीनी मिलाएं और 7 से 8 घंटे के लिए छोड़ दें ताकि चीनी अपना पानी छोड़ दें और आंवलों के साथ मिल जाए।
- आंवलों को चीनी वाले पानी के साथ गरम करने रखिये और लगातार हिलाएं जब तक 1 तार की चाशनी तैयार न हो जाए।
- आंवले का मुरब्बा खाने के लिए तैयार है इसे किसी कांच के बर्तन में बन्द करके रखें।
आंवला कैंडी
सामग्री –
1 किलो – आंवला
700 ग्राम -चीनी
तरीका
- आंवले को साफ पानी से धो लीजिये। उबालने रखिये 10 मिनिट तक आंवले उबलने दीजिये।
- उबाले हुये आंवले को चलनी में डालकर पानी हटा दीजिये, ठंडा होने पर इनको चाकू की सहायता से काट कर फांके अलग अलग कर लीजिये और गुठली निकाल ले ।
- आंवले की कली किसी बड़े बर्तन में भरिये और 650 ग्राम चीनी ऊपर से भरकर रख दीजिये, बची हुई 50 ग्राम चीनी (आधा कप) का पाउडर बनाकर रख लीजिये।
- दूसरे दिन आप देखेगे सारी चीनी का शरबत बन गया है, इस शरबत को चमचे से चला कर, ढककर रख दीजिये।
- 2-3 दिन बाद यह आंवले के टुकड़े के अन्दर पर्याप्त मात्रा में भर चूकी है और वह भारी होकर नीचे तले में चले गये हैं।
- अब इस शरबत को चलनी से छान कर अलग कर दीजिये और चलनी में आंवले के टुकड़े रह जायेंगे, पूरी तरह से आंवले से शरबत निकल जाय तब इन टुकड़ों को थाली में डाल कर धूप में सुखा लीजिये।
- इन सूखे हुये आंवले के टुकड़ों में चीनी का पाउडर मिलाइये। ये आंवला कैन्डी तैयार हो गई है़, यह कैन्डी आप कन्टेनर में भर कर रख लीजिये और रोजाना 6-7 टुकड़े खाइये, यह स्वाद में तो अच्छी है ही आपकी सेहत के लिये बड़ी फायदे मन्द हैं।
मसालेदार आंवला कैन्डी
आंवला कैन्डी को मसालेदार बनाने के लिये आप सूखी कैन्डी में पिसी हुई चीनी के साथ एक छोटी चम्मच काला नमक, आधा छोटी चम्मच काली मिर्च पाउडर और आधा छोटी चम्मच अमचूर पाउडर मिलाइये। जिन्हें एकदम मीठा पसंद नहीं हो तो वे चटपटी आमला कैन्डी खा सकते हैं।
आंवले का शरबत
सामग्री-
- आंवला – 1 किलो
- चीनी – 1-1/2 किलो
- नमक – 1-2 टी स्पून
- काला नमक – 2-3 टी स्पून
- काली मिर्च पाउडर – 1 टी स्पून
- नींबू – 6-7
तरीका
- आंवलों को धो कर पोंछ लीजिए। सभी आंवलों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लीजिए।
- मिक्सर जार में थोड़े-थोड़े आंवले के टुकडे लेकर बिना पानी मिलाएं महीन पीस लीजिए।
- कोई भी सूती सफ़ेद कपड़ा ले इस कपड़े पर पीसा हुआ आंवला अच्छे से दबाते हुए पूरे आंवले का रस निकाल लीजिए।
- एक बड़े बर्तन में आंवले का रस और चीनी डाल गैस पर रखिए। उस में नमक, काला नमक और काली मिर्च पाउडर डाल कर मध्यम आंच पर मिश्रण को चलाते रहिए।
- मिश्रण में जब उबाल आ जाएं तो उसके बाद सिर्फ़ दो मिनट और पकाइए और गैस बंद कर दीजिए। अभी आपको यह शरबत बहुत पतला लगेगा लेकिन ठंडा होने पर यह गाढा हो जाता हैं।
- नींबू का रस निकाल लीजिए। मिश्रण ठंडा होने पर उस में नींबू का रस मिलाइए। नींबू का रस कभी भी गरम मिश्रण में नहीं मिलाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से शरबत में कडवाहट आ जायेगी।
- पूरे मिश्रण को एक बार फ़िर से छान लीजिए। ताकि चीनी में का कचरा या काली मिर्च का कालापन सभी छन कर निकल जाएं।
- तैयार हैं आंवले का स्वादिष्ट शर्बत। यह शरबत एक साल तक ख़राब नहीं होता।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!
इस ब्लॉग की जानकारी ज्ञान के उद्देश्य से है और इसमें कोई चिकित्सकीय सिफारिश शामिल नहीं है। सलाह का पालन करने से पहले एक प्रमाणित चिकित्सक से परामर्श करें।
रीना जैन
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