तुलसी के धार्मिक-महत्व के कारण हर-घर आगंन में इसके पौधे लगाए जाते हैं। तुलसी की कई प्रजातियां मिलती हैं। जिनमें श्वेत व श्यामा प्रमुख हैं। इन्हें राम तुलसी और श्यामा (कृष्णा) तुलसी भी कहा जाता है। श्यामा तुलसी का सेवन ज्यादा फायदेमंद होता है। अगर आप सुबह उठकर सिर्फ तुलसी के पानी का भी सेवन करते हैं तो इससे भी आपको काफी लाभ होता है। कहा भी जाता है कि अगर सुबह उठकर पांच−छह तुलसी के पत्तों का सेवन किया जाए तो इससे शरीर डिटॉक्स होता है और मेटाबॉलिज्म बूस्टअप होता है। तुलसी की पत्तियों में विटामिन और खनिज तत्व मौजूद होते हैं। इसमें मुख्य रूप से विटामिन सी, कैल्शियम, जिंक और आयरन आदि पाए जाते हैं। तुलसी की पत्तियां, बीज, टहनी सबके अपने अलग-अलग फायदे हैं। चलिए जानते हैं तुलसी से होने वाले फायदो के बारे में।
तुलसी के पत्तों के फायदे
- रोज़ तुलसी के ताजे पत्ते खाने से इम्यून सिस्टम यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। बारिश के मौसम में रोजाना तुलसी के पत्ते खाने से मौसमी बुखार व जुकाम जैसी समस्याएं दूर रहती हैं। तुलसी के पत्ते एंटीबॉयोटिक का काम करते हैं। ब्रांकाइटिस व फेफड़ों में संक्रमण से बचाव में भी सहायक है।
- श्यामा तुलसी के पत्तों का दो-दो बूंद रस 14 दिनों तक आंखों में डालने से रतौंधी ठीक हो जाती है। तुलसी का रस आँखों के दर्द, रात्रि अंधता जो सामान्यतः विटामिन ‘ए‘ की कमी से होता है,के लिए अत्यंत लाभदायक है।
- तुलसी के पत्ते मुंह से आने वाली दुर्गंध को कम करने में काफी फायदे माने जाते है । रोजाना सुबह उठकर तुलसी के कुछ पत्तों को मुंह में रखना चाहिए, ऐसा करने से सांस की दुर्गंध धीरे-धीरे कम होने लगेगी। तुलसी के पत्ते के उबले पानी से कुल्ला करने पर मुंह के इंफेक्शन से छुटकारा मिलता है।
- सफ़ेद बालों की समस्या को रोकने के लिए भी रोज सुबह खाली पेट 8 से10 पत्तियां तुलसी की पानी के साथ निगलना फायदेमंद है।
- तुलसी में थाइमोल तत्व पाया जाता है, जो त्वचा रोगों को दूर करने में मददगार होता है। मुँहासे और पिम्पल्स को रोकने के लिए तुलसी के पत्ते और नीम के पत्ते का पेस्ट लगाएं ।
- दाद के लिए, अपनी त्वचा पर तुलसी के पत्तों और नींबू के रस का मिश्रण लगाएं। खुजली वाले इलाके पर भी नींबू और तुलसी का मिश्रण लगाने से ठीक किया जा सकता है। तुलसी और नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर चेहरे पर लगाने से झाइयां व फुंसियां ठीक होती हैं। और साथ ही चेहरे की रंगत में निखार आता है।
- कान में दर्द होना या फिर कान बहना जैसी समस्या में तुलसी का रस हल्का गुनगुना कर कान में डालने से फायदा होता है।
- तुलसी को तनाव दूर करने वाला प्रभावी प्राकृतिक उपाय माना जाता है। दरअसल, तुलसी के पत्तों में एंटी- स्ट्रेस एजेंट पाये जाते हैं जोकि हमारे तनाव और मानसिक असंतुलन को ठीक करते हैं।
- स्मरण शक्ति बढ़ाने हेतु तुलसी के 5 पत्ते, 5 काली मिर्च, 5 बादाम पीसकर थोड़े-से शहद के साथ लें।
तुलसी के बीज के फायदे
तुलसी के बीज यानि सब्जा को खाने के अचूक फायदे जिससे कई रोग दूर हो जाते है।
- लौंग, तुलसी के बीज को 1 गिलास पानी में उबाल लें। जब यह आधा रह जाए तो इसमें सेंधा नमक डालकर सेवन करें। दिन में दो बार इसका सेवन सर्दी, खांसी और जुकाम से राहत दिलाता है।
- तेज सिरदर्द होने पर तुलसी के बीज और कपूर को पीसकर मालिश करें। इससे आपका सिरदर्द तुरंत गायब हो जाएगा ।
- अकसर महिलाओं को पीरियड्स में अनियमितता की शिकायत हो जाती है। ऐसे में तुलसी के बीज का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है।
- तुलसी के बीज को दही के साथ खाने से बवासीर की समस्या खत्म हो जाती है।
- जो लोग नियमित रूप से तुलसी का सेवन करते हैं उन्हें कैंसर होने की आशंका न के बराबर होती है। कई शोधों में तुलसी के बीज को कैंसर के इलाज में भी कारगर बताया गया है। दरअसल, तुलसी एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि को बढ़ा देता है और कैंसर ट्यूमर को फैलने से रोकता है।
तुलसी के जड़ के फायदे
- तुलसी की जड़ को पीसकर, सोंठ मिलाकर जल के साथ रोज़ सुबह-सुबह पीने से कुष्ठ रोग में लाभ मिलता है।
- गठिया के दर्द में तुलसी की जड़, पत्ती, डंठल, फल और बीज को मिलाकर उसका चूर्ण बनाएं. इसमें पुराना गुड़ मिलाकर गोलियां बना लें, सुबह-शाम गाय या बकरी के दूध के साथ सेवन करने से गठिया व जोड़ों के दर्द में लाभ होता है।
- खांसी अथवा गला बैठने पर तुलसी की जड़ सुपारी की तरह चूसी जाती है।
- तुलसी की जड़ को पीसकर, सोंठ मिलाकर पानी के साथ रोज़ सुबह-सुबह पीने से कुष्ठ रोग में लाभ मिलता है।
- जिस स्थान पर सांप ने काटा हो, उस पर तुलसी की जड़ को मक्खन या घी में घिसकर लेप कर देना चाहिए ,ज़हर खिंचता चला जाता है
तुलसी के नुकसान
वैसे तो तुलसी स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होती है लेकिन कई बार जरूरत से अधिक सेवन किए जाने के कारण यह आपके लिए नुकसानदायक भी हो जाती है। तुलसी के अधिक सेवन के कुछ नुकसान इस प्रकार हैं।
- इसका अत्याधिक सेवन नहीं करना चाहिए। इसकी वजह से पेट में जलन, कब्ज जैसी समस्याएं हो सकती है. इसलिए तुलसी के पत्तों का सेवन करें, लेकिन सीमित मात्रा में, तुलसी की तासीर हल्की गर्म होती है।
- तुलसी में पारा होता है और इसे कभी भी आपको दांतों से चबा कर नहीं खाना चाहिए।
- तुलसी को दूध के साथ भी नहीं लेना चाहिए, तुलसी और दूध दोनों ही एक दूसरे के विपरीत हैं।
- अगर एसिडिटी की परेशानी है तो भूल से भी तुलसी का सेवन नहीं करना चाहिए। तुलसी आपकी एसिडिटी को बढ़ा देती है।
- अगर आपके बाल बहुत ज्यादा झड़ रहे हैं तो आपको तुलसी का सेवन नहीं करना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं के लिए भी तुलसी का ज्यादा सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
एंटी-क्लोटिंग दवाओं के साथ भी।
पढ़ने के लिए धन्यवाद !
इस ब्लॉग की जानकारी ज्ञान के उद्देश्य से है और इसमें कोई चिकित्सकीय सिफारिश शामिल नहीं है। सलाह का पालन करने से पहले एक प्रमाणित चिकित्सक से परामर्श करें।
रीना जैन
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