- विटामिन डी इम्यूनिटी को बढ़ाता है और जयादातर लोगों में इसकी कमी होती है। इसके लिए सबसे असरदार उपाय है सुबह सूरज की गुनगुनी धूप सेंकना विटामिन डी शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है, जिससे हमारी हड्डियां मजबूत बनती हैं।
- सूखे मेवे में विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है, इसके साथ ही इसमें आयरन, प्रोटीन, विभिन्न प्रकार के मिनिरल्स, फाइबर व जिंक और मैग्नीशियम भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो हमारे शरीर में होने वाली लाल रक्त कोशिकाओं की कमी को पूरा करने में मदद करते हैं साथ ही शरीर में नैचुरल वाइट ब्लड सेल्स को बढ़ाते हैं।
- बेरीज- अंगूर, ब्लू बेरीज, क्रैनबेरीज, स्ट्रॉबेरीज, कोकोआ, जैसी खाने की चीजें न सिर्फ पैराबैंगनी किरणों और फंगल इंफेक्शन में असरदार हैं, बल्कि ये अनेेक तरह के वायरस से भी शरीर की सुरक्षा करते हैं।
- च्यवन्प्राश आयुर्वेद विज्ञान के अनुसार शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए इसका सेवन करना उचित है। इसके सेवन से स्ट्रेस कम होता है, शारीरिक कमजोरी दूर होती है। इसके अलावा भूख न लगना जैसी कई छोटी मोटी बीमारियों से भी निजात मिलती है।
- अंकुरित अनाज शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाए रखने के लिए अंकुरित अनाज जैसे मूंग, मोठ, चना आदि का सेवन करना बेस्ट तरीका है। क्योंकि अंकुरित अनाज में पोषक तत्व अधिक मात्रा में पाए जाते हैं।
- हंसने से रक्त संचार सुचारु रूप से होता है और हमारा शरीर ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन ग्रहण कर पाता है। और तनावमुक्त होकर हँसने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ने में सहायता प्राप्त होती है।
- डार्क चॉकलेट में थियोब्रोमाइन नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
- कद्दू के बीच में जिंक पाया जाता है जो एक ऐसा खनिज है जो हमारे इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग और हेल्दी बनाता है । यही नहीं जिंक जुखाम और खांसी के उपचार के लिए भी बहुत लोकप्रिय है जिंक में हीलिंग प्रॉपर्टीज होती हैं जो इंफेक्शन की अवधि को कम करने में सहायक होती हैं ।
- लाल शिमला मिर्च यानी की रेड बेल पेपर में भी उच्च मात्रा में विटामिन पाया जाता है । यह बीटा-केरोटीन का एक समृद्ध स्रोत भी है इम्यून सिस्टम के अलावा विटामिन सी स्किन को हेल्दी बनाए रखने में मदद करता है ।
- विटामिन इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाता है, ऐसे में विटामिन सी से युक्त फलों जैसे- नींबू, आंवला, संतरा, कीवी तथा अन्य फलों का सेवन करना चाहिए। इन फलों के सेवन से हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
- कीवी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले आहार में शामिल किया जा सकता है। दरअसल, इसमें विटामिन सी, कैरोटीनॉयड, पॉलीफेनोल्स और डाइट्री फाइबर पाए जाते हैं और ये सभी इम्यून सिस्टम के लिए लाभकारी हैं।
- पालक न केवल विटामिन सी से भरपूर है बल्कि यह कई एंटीऑक्सीडेंट और बीटा कैरोटीन से भी भरपूर है जो हमारे इम्यून सिस्टम को संक्रमण से लड़ने मैं सहायक हैं।
- गुड़ में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट रोगप्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने में मददगार होते है। सर्दी खांसी और बुखार में गुड़ का सेवन विशेष रूप से करना चाहिए। इसमें विटामिन सी होता है, जो शरीर को ठंड से बचा कर गरमाहट देता है। इसका सेवन करने से बीमार व्याक्ति को अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
- ओट्स का सेवन प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए कर सकते हैं, उसमें भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसके साथ ही इसमें एंटीमाइक्रोबॉयल तत्व मौजूद होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में हमारी मदद करता है। हमें रोजाना अपने आहार में ओट्स को शामिल करके इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बना सकते हैं।
- दही का सेवन करके भी कई तरह की बीमारियों से सुरक्षित रह सकते हैं क्योंकि यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती प्रदान करती है। दही में हमे विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम आदि तत्व मौजूद होते हैं जो इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाता है।
- काली मिर्च में एंटीबैक्टीरियल तत्व होते हैं, जो इंफेक्शन से बचाने में मदद करते हैं। एक दक्षिण अफ्रीकी अध्ययन के अनुसार, काली मिर्च में मौजूद लार्विसाइडल प्रभाव मच्छरों से होने वाले संक्रमण को फैलने से रोकने मे मदद करता है ।
- लौंग रक्त शोधक के रूप में कार्य करता है और रक्त प्रवाह को बेहतर करता है । यह रक्त से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में भी मदद करता है और शरीर में एंटीऑक्सीडेंट स्तर को बढ़ाता है। एंटीऑक्सीडेंट गुण प्लेटलेट को शुद्ध करने के साथ-साथ प्रतिरक्षा प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने में मदद करते हैं।
- अश्वगंधा के चूर्ण को प्रतिदिन एक गिलास दूध या गरम पानी के साथ सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी।
- गिलोय, आयुर्वेद में इसका नाम अमृता है। इसके बारे में जितना लिखा जाए कम है। आयुर्वेद में इसे ज्वर की महान औषधि माना गया हैै। इसकी एक और खास बात है कि ये जिस वृक्ष को यह अपना आधार बनाती है यानि जिसके सहारे चलती है (क्योकि ये एक बेल है ), उसके गुण भी इसमें समाहित रहते हैं। इसलिए नीम पर चढ़ी गिलोय श्रेष्ठ औषधि मानी जाती है।
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इस ब्लॉग की जानकारी ज्ञान के उद्देश्य से है और इसमें कोई चिकित्सकीय सिफारिश शामिल नहीं है। सलाह का पालन करने से पहले एक प्रमाणित चिकित्सक से परामर्श करें।
रीना जैन
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