10 हेल्दी बीज (10 Healthy Seeds)

हमें हेल्दी बने रहने के लिए अपनी डाइट में फैट, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट्स के अलावा कई सारे विटामिन और मिनरल्स की सही मात्रा की जरूरत होती है  ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल करें, जिनमें सभी प्रकार के मिनरल्स, विटामिंस, प्रोटीन, एंटीऑक्सीडेंट्स, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम आदि मौजूद हों। अधिकांश बीजों में जिंक और सेलेनियम मौजूद होता है, जिससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और हम स्वस्थ रहते हैं। सेहत के लिए फायदेमंद बीज आकार में छोटे और लाभ में बड़े होते हैं। फलों और सब्जियों की तरह इनके बीज (Seed) भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।  इनसे कई तरह के पौष्टिक तत्व  मिल सकते हैं, जो बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं। अलसी, कद्दू, सरसों, सूरजमुखी ,खरबूजा, खसखस, चिया, तुलसी, धनिया, इमली,  तरबूज, मेथी,  अनार, सब्जा, कलौंजी, तिल,  और अलसी आदि के बीज स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद फायदेमंद माने जाते हैं। इनमें से कुछ बीजों का इस्तेमाल मिठाइयों में तो कुछ को अपनी रोजाना की डाइट में मसालो के रूप में कर सकते हैं। इनमें से कुछ बीज बेहद आसानी से उपलब्ध हैं और इनको अपने जीवन में शामिल कर हम निरोग रह सकते हैं।

अलसी के बीज (Flax Seeds)

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इसे हिंदी में अलसी या तीसी के नाम से पुकारा जाता है। वहीं, अंग्रेजी में इसे फ्लैक्स सीड्स (Flax seeds) के नाम से जाना जाता है। इसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व उपस्थित होते हैं, जिस कारण इसे आयुर्वेद में एक औषधि माना गया है। अलसी के बीज में ओमेगा-3 फैटी एसिड  भरपूर मात्रा में पाया जाता है। आपको बता दें कि ओमेगा-3 फैटी एसिड मछली में पाया जाता है। शाकाहारी लोगों के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड लेना का यह अच्छा और आसान आधार है।अलसी के बीज को वेजिटेरियन फिश कहा जाता है।अलसी के बीज एंटी- बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल होते है। इनके उपयोग से शरीर की रोगों से लड़ने की ताकत  (रोग-प्रतिरोधक) बढ़ती है। अलसी में विटामिन बी, कैल्शियम, मैग्नीशियम, कॉपर, आयरन, जिंक, पोटैशियम आदि मिनरल पाये जाते हैं। इसके अलावा इसमें आवश्‍यक फैटी एसिड अल्‍फा लिनोलेनिक एसिड भी पाया जाता है, जिसे ओमेगा-3 के नाम से भी जाना जाता है।

अलसी के फायदे

  • अलसी कब्‍ज, एसिडिटी, डायबिटीज, अर्थराइटिस, कैंसर यहां तक कि दिल की समस्‍याओं को दूर करने में भी हेल्‍प करता है।
  • शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को भी घटाने का काम करती है
  • अलसी के बीज वजन घटाने और मोटापा कम करने में मदद करते हैं.
  • मधुमेह के रोगियों के लिए अलसी के फूल अच्छे माने जाते हैं।
  • वे रक्तचाप के स्तर को घटाने में मदद करते हैं।
  • यह एंटीऑक्सिडेंट का एक अच्छा स्रोत है।
  • यह मासिक धर्म की समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं।

अलसी खाने तरीका

 अलसी के बीजों को पानी के साथ या सब्जियों या फलों में शामिल करके ले सकते हैं। बहुत से लोग अपने सलाद या स्मूदी में यूं ही अलसी के बीज का इस्तेमाल कर लेते हैं।  लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो साबुत अलसी के बीज  खाने की बजाए अलसी के बीज को पीसकर  खाना ज्यादा फायदेमंद होता है।इसका कारण ये है कि साबुत अलसी के बीज में ऊपर भूरे रंग का एक कवर जैसा होता है जिसे पचाना आंत के लिए काफी मुश्किल होता है।

कद्दू के बीज (Pumpkin Seeds)

कद्दू की सब्जी बनाते वक्त ज्यादातर घरों में इसके बीज को फेंक दिया जाता है। कद्दू के बीज पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। कद्दू के बीजों में जिंक, फाइबर और मैग्नीशियम उच्च मात्रा में मौजूद होते हैं। कद्दू के बीज आयरन भरपूर मात्रा में होता है, जो एनर्जी से भरपूर रखता है। कद्दू के बीज टाइप 2 डायबिटीज से बचाने में भी मदद करते हैं और दिल, लीवर के स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। इसके अलावा, कद्दू के बीज कैलोरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, आयरन, सोडियम व फोलेट आदि से भी समृद्ध होते हैं ।

कद्दू के फायदे

  • कद्दू के बीज में मौजूद ट्राइपोफान नाम के अमीनो एसिड के पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। यह अनिद्रा की समस्या को रोकने का काम करते हैं।
  • कद्दू के बीज कैंसर के खतरे को कम करने में भी मदद करते हैं।
  • उच्च फाइबर सामग्री मोटापे से लड़ने में मदद करती है।
  • कद्दू के बीज रजोनिवृत्ति के बाद की समस्याओं को ठीक करने में मदद करते हैं।
  • यह डायबिटीज के खतरे को भी कम करता है।इसमें विटामिन-सी और ई भी पाया जाता है, जो त्वचा के लिए सबसे कारगर विटामिन माने जाते हैं
  • पंपकिन सीड्स यूरिन में कैल्शियम की मात्रा को कम करके ब्लैडर स्टोन के खतरे को कम करते हैं।

कद्दू के बीज खाने तरीका

कद्दू के बीज को भूनकर खाया जा सकता है।या कद्दू के बीज को ऐसे ही खा सकते हैं। कद्दू के बीज का इस्तेमाल सूप, पास्ता या मीठे पकवानों में भी कर सकते हैं ,कद्दू के बीज अंकुरित कर खा सकते हैं। कद्दू के बीजों को सलाद के ऊपर छिड़क कर खा सकते हैं।

सूरजमुखी का बीज (Sunflower Seeds)

यह प्रोटीन, मोनोसैचुरेटेड वसा, मैग्नीशियम, विटामिन ई आदि का समृद्ध स्रोत। इनके बीजों में काफी सारा विटामिन ई तथा अन्‍य खनिज पदार्थ होते हैं, जो सिर से ले कर पांव तक फायदा पहुंचाते हैं। सूरजमुखी के बीजों में शरीर, त्‍वचा, हड्डियों और ह्रदय को दुरुस्‍त रखने के लिए कई विटामिन और खनिज पदार्थ पाए जात हैं। इन बीजों में विटामिन ई के साथ मौजूद फाइबर और सिलेनियम कोलोन कैंसर से बचाता है। सूरजमुखी के बीजों में एक एंजाइम पाया जाता है जो रक्‍त वाहिकाओं को सिकुड़ने से रोकता है। इसमें उच्‍च मात्रा में मौजूद विटामिन ई स्‍ट्रोक के खतरे में आ चुके मरीजों के लिए लाभकारी है।

सूरजमुखी बीज के फायदे

  • सूरजमुखी बीज के तेल में फैटी एसिड होते हैं जो कि त्‍वचा को बैक्‍टीरिया से बचा कर एक्‍ने होने से रोकते हैं।
  • सूरजमुखी के बीजों का सेवन हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है और दिल की सेहत को बढ़ाता है।
  • उच्च मैग्नीशियम सामग्री के कारण हड्डी के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। ऑस्टियोपोरोसिस मरीजों के लिए फायदेमंद है। एंटीऑक्सिडेंट का बढ़िया स्रोत है।
  • सूरजमुखी के बीजों में विटामिन ई पाया जाता है जो त्‍वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ये एजिंग के निशानों को भी दूर करता है।
  • स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है।

 सूरजमुखी के बीज खाने तरीका

 सूरजमुखी के बीज का पाउडर या आटा केक, मफिन और ब्रेड बैटर में भी मिलाया जा सकता है। यह उनकी पौष्टिकता को बढ़ाएगा। पौष्टिकता बढ़ाने के लिए आप इन्हें नाश्ते के लिए बने भोजन में शामिल कर सकती हैं।सूरजमुखी के बीज किसी भी मुख्य व्यंजन जैसे करी, मिक्स वेजिटेबल आदि में डाले जा सकते हैं या इन्हें सलाद, पास्ता में स्वाद बढ़ाने और पौष्टिकता बढ़ाने के लिए ऊपर से डाल कर खाया सकता है। स्वादिष्ट डिश में भी इन बीजों को मिलाया जा सकता है, जिससे इसकी पौष्टिकता बढ़ जाती है।

मेथीदाना (Fenugreek Seeds)

 हर घर में बड़ी आसानी से मिलने वाला जिसका इस्तेमाल खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। मेथी का इस्तेमाल सब्जी से लेकर पराठे तक में किया जाता है। मेथी के पत्तों को आमतौर पर सब्जी के रूप में पकाया जाता है, और बीजों का उपयोग मसाले और दवाओं  के रूप में किया जाता है। मेथी दाने  में अच्छी मात्रा में विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं। इसमें कई तरह के विटामिन पाए जाते हैं जैसे कि फोलिक एसिड, थायमिन, नियासिन, विटामिन के, विटामिन ए और विटामिन बी6। इसमें कई तरह के मिनरल्स भी पाए जाते हैं जैसे कि ज़िक, सेलेनियम और मैग्नीशियम। मेथी औषधीय गुणों और ढेर सारे न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होती है। डायबीटीज कंट्रोल कर ना हो, पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर करनी हो, कलेस्ट्रॉल की दिक्कत ठीक करनी हो या फिर वेट लॉस करना हो मेथी की खूबियां इन सारी चीजों में आपकी मदद कर सकती हैं।

मेथीदाना बीज के फायदे

  • शरीर में मौजूद बैड कलेस्ट्रॉल को कम कर गुड कलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का काम करती है मेथी।
  • गले में दर्द हो रहा हो या गला खराब हो तो उसमें भी मेथी का पानी काफी मदद कर सकता है।
  • सुबह खाली पेट मेथी के पानी का सेवन करने से सीने में जलन होना, अपच, ऐसिडिटी, कब्ज और पेट से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।
  • मेथी के बीज को शरीर के कार्बोहाइड्रेट मेटाबोलिज्म में सुधार करके रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के लिए जाना जाता है, 
  • मेथी में प्राकृतिक तेल होते हैं जो त्वचा को हाइड्रेट करने, मॉइस्चराइजिंग और मुलायम बनाने में मदद करते हैं। बीज में पोटेशियम, कैरोटीन, और विटामिन C त्वचा की कोमलता और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं।

मेथीदाना बीज खाने तरीका

एक चम्मच मेथी के दानों का चूर्ण बना लें। इसे रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लें। मेथी के दानों को रोज पानी में भिगो दें। इसे सुबह चबा-चबा कर खाएं। ऊपर से मेथी दाने का पानी भी पी लें। मेथी के दानों को रातभर पानी में भिगोकर रखने के बाद एक कपड़े में बांधकर रख दें। कुछ दिन ऐसे ही रखने के बाद मेथी के दाने अंकुरित हो जाएंगे। फिर इसका सुबह सेवन किया जा सकता है। मेथी दाने की चाय भी पी जा सकती है। पानी में मेथी के दाने डालकर उसे उबाल लें। स्वाद के लिए इसमें नींबू और शहद मिला सकते हैं। इसे सुबह और शाम पिया जा सकता है।

तिल के बीज (Sesame Seeds)

तिल के बीज काले और सफेद होते हैं। तिल की तासीर गर्म होती,ये बीज मैग्नीशियम, विटामिन बी -6, आयरन, कैल्शियम, आहार फाइबर और लिनोलिक एसिड, एक ओमेगा -6 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं।इसके अलावा तिल में मोनो-सेचुरेटेड फैटी एसिड होता है, जो बॉडी से कोलेस्ट्रॉल को कम करने और दिल से जुड़ी बीमारियों के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें डाइट्री प्रोटीन और अमिनो एसिड होता है जो हड्डियों के लिए बेहद अच्छा होता है।“तिल में पर्याप्त मात्रा में जिंक होता है, जो हमें अन्य किसी आहार में नहीं मिल पाता। 

तिल बीज के फायदे

  • उच्च कैल्शियम सामग्री हड्डी के स्वास्थ्य के लिए वास्तव में अच्छी मानी जाती है। यह सूजन को कम करने में मदद करता है।
  • फ्री रेडिकल्स शरीर के स्वस्थ सेल के साथ मिलकर शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में तिल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फ्री रेडिकल्स को खत्म करके शरीर को बीमारी से बचाने में मदद कर सकते हैं। 
  • यह मधुमेह को रोकने में मदद करता है।
  • वे कैंसर विरोधी गुण रखते हैं और कैंसर के खतरे को कम करते हैं।
  • खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है।
  • बालों और आंखों के लिए वास्तव में अच्छा है।

तिल बीज खाने तरीका

इसे आप मीठे व्‍यंजन में मिलाकर खाया जा सकता है। या इसे आप अपने स्‍नैक्‍स में मिलाकर भी खा सकती हैं। तिल से सर्दियों में चिक्की और गजक बनाई जाती हैं, तो वहीं तिल का नमकीन स्नैक के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है।  तिल और गुड़ को मिलाकर कई टेस्टी पकवान बनाए जाते हैं। गुड़ के साथ मिलकर तिल की न्यूट्रिशन वैल्यू और भी बढ़ जाती है। तिल का तेल त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. इसकी मदद से त्वचा को जरूरी पोषण मिलता है तिल से बने तेल का उपयोग सब्जी बनाने में किया जा सकता है। इसे सलाद में ऊपर से डालकर खाया जा सकता है।

चिया के बीज (Chia Seeds)

चिया बीज का वानस्पतिक नाम साल्विया स्पैलिका है! यह फाइबर, मिनरल्स, प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते है! इसे लिए इसे सुपरफ़ूड भी कहा जाता है, और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। इसमें मौजूद ओमेगा-3 सूजन को कम करने और ब्रेन को तेज करने में काफी मददगार हैं। चिया बीज प्रोटीन और ओमेगा -3 फैटी एसिड का एक अच्छा स्रोत है। चिया बीज में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत में मदद करते हैं। चिया बीज वजन कम करने में मदद करता है! इन बीजों में फाइबर खूब होते हैं, जिससे काफी देर तक भूख नहीं लगती और नेचुरल तरीके से वजन कंट्रोल होता है! अगर इसका सेवन रोजाना सही मात्रा में किया जाए तो कई सारे स्वास्थ्य फायदे हो सकते हैं। यह आपको वजन कम करने में मदद कर सकता है इसके अलावा यह उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है जो पुराने कब्ज की बीमारी से गुजर रहे हैं। इन छोटे बीजों में ओमेगा- 3 फैटी एसिड के साथ मिनरल्स भी पाए जाते हैं।

चिया बीज के फायदे

  • चिया बीज में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो इम्यून सिस्टम के लिए लाभदायक होते हैं। 
  • कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। चिया बीज में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है जिससे हड्डियां मजबूत रह सकती हैं। कैल्शियम के अलावा चिया बीज में फास्फोरस भी पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करता है।
  • यह हमारी त्वचा को बाहर से होने वाली त्वचा की बीमारी से बचाकर रखते हैं। चिया बीज  खराब टिश्शू सही करने में मदद कर सकते हैं और यह त्वचा को खराब होने से भी बचाते हैं। 
  • ये बीज प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होते हैं! इसलिए इन्हें खाने से बाल मजबूत, चमकदार, लम्बे और घने होते हैं और तेजी से बढ़ते हैं।
  • चिया बीज जैसे टेंशन, डिप्रेशन, दिमागी थकान, माईग्रेन को भी दूर करते हैं! इसके सेवन से मूड अच्छा होता है।
  • चिया बीज  ओमेगा- 3 फैटी एसिड से भरपूर होता है जो ब्लड प्रेशर सामान्य बनाएं रखता है। 

चिया बीज खाने तरीका

आधा चम्‍मच चिया सीड्स थोड़े से पानी में थोड़ी देर के लिए भिगोकर रख दें, फिर इसे खा लें।  इनका उपयोग सलाद या स्मूदीज में कर सकते हैं।चिया बीज की तासीर ठंडी होती है! इसीलिए गर्मियों में बहुत से ड्रिंक, फ़ालूदा बनाने में उपयोग किया जाता है! अगर चिया बीज अकेले खाना पसंद नहीं है तो चिया बीज को चावल या  दलिया  के साथ भी खा सकते हैं। चिया बीज डाइट में शामिल करने के लिए आपको योगर्ट में सिर्फ चिया बीज डालना है और सेहतमंद योगर्ट तैयार है। चिया बीज को आप साबुत या फिर पीसकर भी डाल सकते हैं। चिया बीज को अपनी पसंद के फलों के साथ शामिल कर सकते हैं।

खसखस के बीज ( Poppy Seeds) 

भारतीय रसोई में उपयोग की जानेवाली ज्यादातर खाद्य सामग्री अपने आपमें एक तरह की औषधि होती हैं खसखस भी ऐसा ही खाद्य पदार्थ है, जो पकवानों का जायका बढ़ाने के अलावा अपने औषधीय गुणों के लिए भी लोकप्रिय है। जिसे अंग्रेजी में पॉपी सिड्स के नाम से जाना जाता है। इन बीजों को पॉपी नाम के पौधे से प्राप्त किया जाता है। छोटे-छोटे बीजों वाला यह खाद्य पदार्थ कैलोरी, प्रोटीन, फैट, फाइबर, कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन जैसे पोषक तत्वों से समृद्ध होता है शरीर के लिए खसखस के बहुत फायदे हैं। इसका इस्तेमाल कब्ज जैसी समस्या से लेकर कैंसर जैसी घातक बीमारियों के इलाज के लिए किया जा सकता है। इसके बीज (Poppy Seeds) का इस्तेमाल आमतौर पर लोग अस्थमा, कब्ज, खांसी, संक्रमण के कारण होने वाले दस्त, नींद न आने और वेसिकोएनेटिक फिस्टुला नामक स्थिति का निदान करने के लिए करते हैं।

खसखस बीज के फायदे

  • पॉपी सीड्स में फाइबर बहुत अधिक मात्रा में होता है। फाइबर हमारे पाचन तंत्र को साफ रखने का कार्य करता है।
  • खसखस के बीजों को पीसकर पानी के साथ लेने से बॉडी का टेम्प्रेचर कम हो जाता है। गर्मियों में बॉडी को कूल रखने के लिए ये बेस्ट मेडिसिन है।  
  • खसखस में ओमेगा 3 फैटी एसिड होते हैं जो वेट कम करने में मदद करते हैं। 
  • पॉपी सीड्स में कैल्शियम और जिंक पाया जाता है। यह हमारी हड्डियों को मजबूत बनाए रखने का काम करते हैं। इसके साथ ही पॉपी सीड्स में फॉस्फोरस भी पाया जाता है, जो बोन्स को वॉल्यूम बढ़ाने में मदद करता है।
  • खसखस में सेलेनिमय पाया जाता है। सेलेनियम थायरॉइड की समस्या दूर करने के लिए उपयोगी भूमिका निभाता है।
  • खसखस नर्वस सिस्टम से आने वाले पेन सिग्नल्स  को प्रभावित कर दर्द से निजात दिलाने में मदद करता है ।
  • त्वचा को खूबसूरत बनाने के लिए पोस्त के दानों का इस्तेमाल दूध में पीसकर फेसपैक के रूप में किया जा सकता है यह त्वचा को नमी देने के साथ ही प्राकृतिक चमक भी लाता है।
  • दिमाग को आराम और शांति मिलने से हमें नींद अच्छी आती है। इस तरह पॉपी सीड्स हमें नींद पूरी करने और दिमाग शांत रखने में मदद करते हैं। इससे दिमाग शांत रहता है और हैपी हॉर्मोन्स रिलीज होते हैं। सोने से पहले खसखस का गर्म दूध पीने से नींद न आने जैसी बीमारियां दूर हो जाती हैं। 
  • मांसपेशियों का दर्द हो या फिर दांत का दर्द, नसों का दर्द हो या फिर जोड़ों का दर्द इन सब के लिए खसखस का इस्तेमाल किया जा सकता है।

खसखस बीज खाने तरीका

इसके बीज से केक, पेस्ट्री और दलिया बना कर उसका सेवन किया जाता है। इसके अलावा इसके बीजों से तेल भी बनाया जा सकता है। इसका इस्तेमाल साबुन बनानें के लिए भी किया जाता है। खसखस को डाइट में शामिल करने के लिए 1 गिलास दूध में इसका 1 चम्मच उबाल कर सुबह या रात को पीएं जो शरीर को फिट रखने में मदद करते हैं। पौष्ट‍िकता से भरपूर खसखस का इस्तेमाल सब्जी की ग्रेवी बनाने और सर्दी के दिनों में स्वादिष्ट हलवा बनाने के लिए किया जाता है।

तरबूज के बीज (Watermelon Seeds)

हम सभी गर्मियों में तरबूज का उपयोग करते है, क्योंकि तरबूज में पर्याप्त मात्रा में पानी पाया जाता है, यह शरीर में पानी की कमी को दूर करता है। तरबूज के बीजों को खाना भी हेल्थ के लिए काफी अच्छा माना जाता है. इन बीजों को डेली खाने से न सिर्फ आपका इम्यून सिस्टम बेहतर होता है बल्कि आपके शरीर में छोटी- मोटी बीमारियों से लड़ने की ताकत भी आ जाती है. हम में से बहुत ही कम लोग ऐसे है जो तरबूज के साथ साथ तरबूज के बीज के फायदे जानते हो, अधिकतर लोग तरबूज खाते समय उसके बीजों को फेंक देते हैं, इसमें प्रोटीन, विटामिन बी, मैग्नीशियम, फोलेट, फॉस्फोरस, आयरन, पोटैशियम, कॉपर, जिंक आदि होते हैं। ये सभी शरीर के लिए महत्वपूर्ण तत्व होते हैं। बीज रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। तरबूज के बीज में कैलोरी काफी कम होती है।

तरबूज बीज के फायदे

  • तरबूज के बीजों में उच्च मात्रा में मोनोसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं जो हार्ट अटैक के खतरे को कम करते हैं। ये स्वस्थ फैट कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद पोटैशियम हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
  • तरबूज के बीज बालों को मजबूत करने और बालों की समस्‍याओं को दूर करने में सहायक होते हैं। क्योंकि इनमें मैग्‍नीशियम की उच्‍च मात्रा होती है जो बालों को टूटने से रोकता है। साथ ही बालों की वृद्धि में सहायक होता है।
  • तरबूज के बीज हृदय संबंधी परेशानी को दूर रखने में मदद करते हैं।
  • शरीर में मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा में होने पर इम्यून अच्छे से काम करता है ।
  •  तरबूज के बीज में मौजूद फैटी एसिड सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाने में मदद करता है।
  • तरबूज के बीज में मैग्नीशियम और जिंक भरपूर मात्रा में होता है, इसलिए इसका सेवन मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद करता है ।

तरबूज बीज खाने तरीका

तरबूज के बीज को फल के साथ सीधे खाया जा सकता है। लेकिन यदि हम इन बीजों को अंकुरित करके खाये तो यह और अधिक फ़ायदेमंद साबित हो सकते है। आप इन बीजों को छिलकर दूध या पानी के साथ इसका सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा आप इसे रोस्ट करके भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसे उबालकर खाया जा सकता है। इसे अच्छे से सूखाकर छीलकर भी खाया जाता है। तरबूज के बीज को पानी में उबालकर बतौर चाय व काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं।

खरबूजे के बीज (Muskmelon Seeds)

खरबूजे को अंग्रेजी में मस्कमेलन (Muskmelon) कहते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम कुकुमिस मेलो  है। गर्मियों के मौसम में बाजार में  तरबूज और खरबूजा नजर आता है। दोनों ही फलों का अलग-अलग स्वाद होता है। दोनों ही फल में वॉटर कंटेंट भी खबू होता है। डिहाइड्रेशन जैसी प्रॉब्लम में दोनों ही फल काफी असरदार होते हैं। तरबूज और खरबूज दोनों ही फल बीजदार भी होते हैं और इनके बीजों के भी कई फायदे होते हैं। खरबूजे के बीजों को ड्राय फ्रूट्स की संज्ञा दी गई हैं। खरबूजे के बीज सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। खरबूजे के बीज में ओमेगा 3 फैटी एसिड मौजूद होता है जो दिल के रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद है। इसके अलावा, खरबूजे के बीज में  कैल्शियम, आयरन, विटामिन ए और  विटामिंस ए, ई भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, अगर इसका सेवन किया जाए तो शरीर में प्रोटीन की कमी भी पूरी हो जाती है। यह बीज खाने में स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं। तो जानते हैं इसके फायदे।

खरबूजे के बीज के फायदे

  • अगर हाई ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम है तो आपको खरबूजे के बीज खाने चाहिए। खबरबूजे के बीच में भरपूर मात्रा में पोटैशियम होता है। 
  • बालों की सेहत के लिए भी खरबूजा काफी सेहतमंद होता है। इसमें प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है। 
  • खरबूजे की बीज आंखों की रौशनी के लिए बहुत अच्छे होते हैं। इसमें विटामिन ई और बीटा कैरोटीन भरपूर मात्रा में होता है आंखों की रौशनी के लिए बहुत ही अच्छा होता है।
  • खरबूजे के बीजों में विटामिन सी मौजूद है जो खून में व्हाइट ब्लड सेल्स को बढ़ाता है जिससे इम्युनिटी स्ट्रांग होती है।
  • ये बीज शरीर में ऑक्सीजन के फ्लो को बढ़ाते हैं जो ब्रेन टिशूज को शांत और तनाव मुक्त करता है।
  • खरबूजे के बीज में विटामिन सी होता है। जो हमारे शरीर के लिए एंटीऑक्‍सीडेंट का काम करता है। ये एंटीऑक्‍सीडेंट त्‍वचा कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्‍स के प्रभाव से बचाने में सहायक होते हैं। इस प्रकार खरबूजे के बीज के फायदे त्‍वचा को स्‍वस्‍थ, गोरा, नरम और सुंदर बनाने में मदद करते हैं।
  • खरबूजे के बीज में बीटा-कैरोटीन नामक एंटीऑक्‍सीडेंट होता है। यह कैंसर कोशिकाओं को नष्‍ट करने और उनके विकास को रोकने में प्रभावी होता है।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए खरबूजे के बीज बहुत ही फायदेमंद होते हैं। क्‍योंकि इन बीजों में फोलेट और आवश्‍यक फैटी एसिड की अच्‍छी मात्रा होती है।

खरबूजे बीज खाने तरीका

खरबूजे के बीज की चाय बनाकर पी सकते हैं। खरबूजे के बीज के लड्डू भी बनाए जा सकते हैं। इन्‍हें मिठाई व अन्‍य व्‍यंजनों, मिक्‍स्‍चर आदि में शामिल कर सकते हैं। खरबूज के बीज का पाउडर बनाकर भी सेवन किया जा सकता है। खरबूजे के बीजों को कच्‍चा खा सकते हैं या फिर सलाद के साथ इनका उपयोग कर सकते हैं। बीजों को अपने नाश्‍ते या दलिया जैसे खाद्य पदार्थों के साथ मिलाकर भी उपभोग कर सकते हैं।

कलौंजी के बीज (Kalonji Seeds)

कलौंजी एक तरह का बीज है। इसे अंग्रेजी में  निजेला सैटाइवा (Nigella Sativa) कहते हैं। कलौंजी को मंगरैल या  ब्लैक सीड् के नाम से जाना जाता है। इन बीजों का स्वाद हल्का कड़वा और तीखा होता है और ये सुगंध से भरे होते हैं। भारत के लगभग हर किचन में मिलने वाले कलौंजी में मौजूद शरीर की हर समस्या के समाधान में कारगर हैं। कलौंजी पौषक तत्वों से भरा होता है इसमें वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में होते हैं। इनमें आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम, फाइबर, मिनरल्स, अमीनो एसिड और प्रोटीन काफी मात्रा में होते हैं। कलौंजी का इस्तेमाल लोग अक्सर अपने खाने में करते हैं या फिर किसी भी चीज का स्वाद बढ़ाने के लिए वैसे इसका इस्तेमाल अचार बनाने के लिए भी किया जाता है।

कलौंजी के बीज के फायदे

  • कलौंजी रक्तचाप को कम करने और कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल करने के लिए एक अच्छे एंटीऑक्सीडेंट के रूप में इस्तेमाल की जाती है। 
  • कलौंजी का इस्तेमाल दिमागी क्षमता बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। 
  • कलौंजी के बीजों के गर्म करके उसकी खूसबू लें इससे आपको सर्दी जुकाम से जल्द छुटाकारा मिल जाएगा। 
  • कलौंजी अस्थमा और जोड़ों के दर्द में भी फायदेमंद होता है। 
  • कलौंजी के बीजों को सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ खाएं तो डायबिटीज और एसिडिटी से राहत मिलती है। 
  • कलौंजी के तेल की मालिश अपने बालों में  हफ्ते में एक या दो बार  करते हैं तो इससे  बाल झड़ने कम हो जाएंगे। 
  • अस्थमा और खांसी जैसी बीमारी होने पर अगर कलौंजी का सेवन किया जाये, तब भी काफी लाभ पहुंचता है।
  • कलौंजी के तेल को नींबू के रस के साथ मिलाकर अपनी स्किन पर लगाते हैं तो इससे आपको पिंपल्स से छुटारा मिल जाएगा। 
  • कलौंजी के तेल को शहद और गर्म पानी में मिलाकर पीने से फैट बर्न होता है। 

कलौंजी के बीज खाने तरीका

  • सब्जी, चटनी और सलाद में एक चम्मच कलौंजी के बीज को मिलाकर नियमित सेवन करना फायदेमंद होता है।इसे  सब्जी, पुलाव या नान के साथ मिलाकर खाया जा सकता है। दाल में भी उपयोग किया जा सकता है। कलौंजी को अचार में मिलाकर सेवन किया जा सकता है। रोजाना खाने के लिए कलौंजी के बीज को स्टोर कर के रख सकते हैं। इसके लिए रोजाना कलौंजी के बीज में नींबू के रस मिलाकर धूप में सूखा लें। रोजाना इसके 10 से 12 बीज खाएं, यह  काफी फायदेमंद होता है। 

पढ़ने के लिए धन्यवाद ! 

इस ब्लॉग की जानकारी ज्ञान के उद्देश्य से है और इसमें कोई चिकित्सकीय सिफारिश शामिल नहीं है। सलाह का पालन करने से पहले एक प्रमाणित चिकित्सकसे परामर्श करें।

                                                                                                                                                                              रीना जैन


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