जिंक (जस्ता ) क्या हैं ? (What is Zinc? in Hindi)
जस्ता एक तरह धातु है जिसे मनुष्य के लिए आवश्यक माना जाता है। ज़िंक (zinc) विकास और मज़बूत इम्यून सिस्टम (immune system) के लिए एक मुख्य खनिज है। विविध संतुलित आहार हमारे शरीर के लिए ज़रूरी सभी विटामिन और खनिज प्रदान कर सकता है। जिसमें ज़िंक भी शामिल है। ज़िंक नए एंजाइम और कोशिकाओं के निर्माण में सहायता करता है मानव शरीर न तो जिंक का उत्पादन करता है और न ही उसे स्टोर करता है। आवश्यक मात्रा को डाइट और सप्लीमेंट्स से पूरा किए जाने की जरूरत होती है।
जिंक के फायदे – Benefits of Zinc in Hindi
जिंक से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।
- आयरन और कैल्शियम की तरह ही जिंक भी महत्वपूर्ण मिनरल में से एक है रोग-प्रतिरोधक प्रणाली, स्किन और जख्मों के लिए ये उपचार की भूमिका निभाता है।
- जस्ता प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ बनाने, सही ढंग से डीएनए संश्लेषित करने, बचपन के समय स्वस्थ विकास को बढ़ावा देना और घावों के उपचार के लिए जिंक महत्वपूर्ण है।
- प्रतिरक्षा सम्बन्धी प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित और संचालित करने के लिए जिंक महत्वपूर्ण है।
- संक्रमित कोशिकाओं या कैंसर कोशिकाओं से लड़ने के लिए।
- शरीर में जस्ता की मात्रा में कमी प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्यों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। एक अध्ययन के अनुसार “जस्ता की कमी वाले व्यक्तियों में विभिन्न रोगों के होने की संभावनाएँ बहुत अधिक होती है।
जिंक से भरपूर फूड आइटम (Zinc Rich Foods items)
इस कोरोना काल में हेल्दी खाना का महत्व बहुत ज्यादा हो गया है। स्वस्थ रहने के लिए संतुलित और सेहतमंद खाना आवश्यक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना के लक्षणों को कम करने में जिंक अहम भूमिका निभाता है। जिंक(जस्ता) प्रकति में पाई जाने वाली एक आवश्यक धातु है। शाकाहारियों लोगों में जिंक की कमी होने की अधिक संभावना होती है। इसकी बहुत सीमित मात्रा मानव शरीर के लिए अतिआवश्यक होती है। जिंक की पूर्ति मानव शरीर को विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों एवं कैप्सूल और टैबलेट के माध्यम से की जा सकती है। शरीर में जिंक की कमी के कारण प्रतिरोधक क्षमता में कमी, स्किन की समस्या, आंखों में समस्या और इसके अलावा अन्य कई समस्याएं होने लगती हैं। जिंक की मात्रा को आप कुछ फूड के सेवन से पूरा कर सकते हैं। लेकिन कुछ लोगों को यह पता नहीं होता कि किन फूड में जिंक पर्याप्त मात्रा में होता है। ऐसे में जानिये किन फूड्स के जरिये वेजिटेरियंस इस पोषक तत्व की कमी को दूर कर सकते हैं –
मशरुम (MUSHROOMS)
मशरुम को सुपरफूड के रूप में जाना जाता है। पोषक तत्वों, खासकर मिनरल्स से भरपूर मशरूम में जिंक अच्छी मात्रा में होता है। साथ ही मशरुम में पोटेशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम और तमाम जरूरी तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को हृदय रोग और कैंसर से बचाने में मदद करते हैं। बहुत कम खाद्य पदार्थों में पाया जाने वाला विटामिन डी भी मशरूम में अच्छी मात्रा में पाया जाता है।
दाल और फलियां (PULSES AND LENTILS)
दाल और फलियां प्रोटीन से तो भरपूर होती ही हैं, साथ ही इनमें जिंक की मात्रा भी काफी अधिक होती है। जिंक की कमी को पूरा करने के लिए आपको सभी तरह की दालों और फलियों का सेवन जरूर करना चाहिए। अपने आहार में राजमा, अरहर, मूंग, मसूर आदि की दाल तथा सोयाबीन, चना आदि को शामिल करें।
कद्दू के बीज ( PUMPKIN SEEDS)
कद्दू के बीजों में भरपूर मात्रा में जिंक पाया जाता है। इसके अलावा इसमें प्रोटीन और फाइबर भी मौजूद होता है। ये सभी तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करते हैं।
अलसी के बीज (FLAX SEEDS)
अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड के अलावा जिंक भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर को स्वस्थ रखने में विशेष रूप से सहायक है। साथ ही अलसी के बीजों में कैल्शियम, आयरन, विटामिन बी व विटामिन ई होता है। ये बीज एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं।
डेयरी प्रोडक्ट्स (DAIRY PRODUCTS)
डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, चीज, दही, मठा और पनीर आदि भी काफी हेल्दी होते हैं। इनमें काफी मात्रा में विटामिन, मिनरल और न्यूट्रीएंट होते हैं। दूध भी जिंक का अच्छा सोर्स है।
तिल के बीज (SESAME SEEDS)
तिल काला हो या सफेद इसका हर दाना पोषक तत्वों से भरपूर होता है। तिल के बीजों में भी जिंक की अच्छी मात्रा होती है। साथ ही इसमें कई प्रकार के प्रोटीन, कैल्शियम, बी काम्प्लेक्स और कार्बोहाइट्रेड आदि तत्व पाये जाते हैं। तिल में फोलिक एसिड भरपूर मात्रा में होता है। तिल के लड्डू और ढेर सारी अन्य डिशेज बना सकते हैं।
बाजरा (MILLET)
हम में से बहुत कम लोग इस बात से वाकिफ होंगे की बाजरा सुपर न्यूट्रिएंट्स और जिंक से भरपूर होता है। साथ ही इसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और फाइबर भी पाया जाता है।
लहसुन (GARLIC)
लहसुन में भी भरपूर जिंक पाया जाता है। प्रतिदिन लहसुन की एक कली के सेवन से शरीर को विटामिन ए, बी और सी के साथ आयोडीन, आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व एक साथ मिल जाते हैं। लहुसन में एंटी बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण भी पाये जाते हैं।इसलिए जिंक की कमी पूरी करने के लिए अपने डाइट में लहसुन को जरूर शामिल करें।
मटर (PEAS)
जिंक की प्रचुर मात्रा होने के अलावा मटर में कोलेस्ट्रोल और वसा की मात्रा कम होती है। मटर विशेष रूप से ल्यूटिन नामक एंटीओक्सीडैन्ट में समृद्ध होते हैं।
मूंगफली (PEANUTS)
मूंगफली जिंक का सबसे अच्छा स्रोत है। साथ ही इसमें आयरन, विटामिन ई, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फोलिक एसिड तथा फाइबर भी होता है।
साबुत अनाज (WHOLE GRAIN)
साबुत अनाज में रिफाइन फूड की अपेक्षा अधिक मात्रा में जिंक प्रदान करते हैं। साथ ही इनमें फाइबर (fiber), विटामिन बी , मैग्नीशियम, आयरन, फास्फोरस, मैंगनीज और सेलेनियम भी काफी मात्रा में मिलता है।
जामुन (BLACK BERRY)
जामुन का सेवन करने से भी आप जिंक की मात्रा को बढ़ा सकते हैं। जामुन में भी काफी मात्रा में जिंक होता है। ब्लूबेरी, रसभरी में अन्य पोषक तत्वों के साथ जिंक काफी मात्रा में पाया जाता है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (National Institutes of Health) (NIH) ने जिंक की यह मात्रा निर्धारित की है।
- 14 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुष : 11 मिलीग्राम
- 14 वर्ष और उससे अधिक की महिला : 9 मिलीग्राम
- गर्भवती महिलाओं को नियमित तौर पर :11 मिलीग्राम
- स्तनपान कराने वाली महिलाओं को रोजाना :12 मि.ग्रा जिंक का सेवन करना चाहिए।
शरीर में है ज़िंक की कमी इन लक्षणों से करें पहचान
जिंक की कमी नहीं हो इसका ध्यान रखना चाहिए। जिंक की कमी का पता करने के लिए कोई टेस्ट नहीं होता लेकिन कुछ शारीरिक लक्षण के आधार पर इसकी कमी का पता चल सकता है।
- इम्यूनिटी कम होना
- टेस्ट का मालूम न चलना
- शारीरिक विकास नहीं हो पाता
- वजन जल्दी घटता है
- मीठा खाने की इच्छा
- ज़ख्मों को भरने में भी देर
- मुंहासे अधिक निकलते हैं
- भोजन बेस्वाद लगता है
- वजन कम होने लगता है
- एलर्जिक समस्याएं
- जोड़ में दर्द का कारण
- बालों का झड़ना
जिंक को अधिक लेने से क्या नुकसान हैं ? (What are the Side-Effects of Zinc? in Hindi)
जिंक के फायदे बहुत है लेकिन रोजाना जिंक लेने की आवश्कयता नहीं होता है। कुछ लोगो को अधिक जिंक लेने से नुकसान हो सकते है। जैसे: जी मिचलना, उल्टी, दस्त, गुर्दे की समस्या, पेट की समस्या हो सकती है। घाव वाली जगह पर जिंक का प्रयोग करने से खुजली, चुभन, का कारण बन सकता है। जस्ता का अधिक मात्रा में उपयोग करने से अधिक बुखार, खांसी, थकान, पेट दर्द, का समस्या का कारण बन सकता है। ज़िंक का अत्यधिक सेवन शरीर द्वारा अवशोषित होने वाले कॉपर की मात्रा को कम कर सकती है जो एनीमिया या कमज़ोर हड्डियों का कारण बन सकता है।
- ज़िंक शारीरिक विकास, और इम्युनिटी के लिए ज़रूरी है।
- संतुलित आहार का सेवन आपको पर्याप्त ज़िंक प्रदान कर सकता है जिसकी आपके शरीर को ज़रूरत है।
- अच्छी मात्रा में ज़िंक वाले खाद्य पदार्थों में पालक, दुग्ध उत्पाद, नट्स और फलियां शामिल हैं।
- खराब आहार से, स्वास्थ्य समस्या के कारण या गर्भावस्था में ज़िंक की कमी की संभावना बढ़ सकती है।
- रक्त में शक्कर की मात्रा पर कंट्रोल करने के लिए भी जिंक जरुरी होता है।
- यदि ज़िंक सप्लीमेंट की ज़रूरत है तो आपके डॉक्टर आपको बता सकते हैं।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!
इस ब्लॉग की जानकारी ज्ञान के उद्देश्य से है और इसमें कोई चिकित्सकीय सिफारिश शामिल नहीं है। सलाह का पालन करने से पहले एक प्रमाणित चिकित्सक से परामर्श करें।
रीना जैन
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