सर्दियों में मिलने वाले हर एक चीज का अपना स्वाद और फायदा होता है। इन्हीं चीजों में से एक चीज शकरकंद भी है। शकरकंद, अलग-अलग वरायटी में पूरी दुनिया में पाए जाते हैं। भारत में इसकी तीन वरायटी मौजूद हैं, सफ़ेद, बैंगनी और नारंगी,हालांकि तीनों तरह के शकरकंद में विटामिन्स, मिनरल्स और ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स की अच्छी मात्रा पाई जाती है, लेकिन बैंगनी और संतरी रंग के छिलकेवाले शकरकंद में मौजूद ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स हमारे शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने का काम करते हैं। अंग्रेजी में इसे Sweet Potato कहते है और इसका वैज्ञानिक नाम आइपोमिया बटॉटास् (Ipomoea Batatas) है। अमेरिका में आमतौर पर यम के नाम से भी इसे जानते हैं। यह स्टार्च से भरपूर होता है,और इसकी तासीर गर्म होती हैं।शकरकंद में कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन के साथ-साथ कई तरह के खनिज तत्व और विटामिंस पाए जाते हैं। इसमें पाया जाने वाला कार्बोहाइड्रेट शरीर को स्फूर्ति प्रदान करता है।
विटामिन A, विटामिन B6,विटामिन B5, विटामिन E, पोटेशियम, मैग्नीशियम, कापर, फास्फोरस, मैंगनीज, आयरन, तथा एंटीऑक्सिडेंट का अच्छा स्रोत है।इसमें विटामिन ए की मात्रा अधिक पाई जाती है और पाए जाने वाले प्रोटीन उच्च गुणवत्ता पूर्ण होते हैं। अधिकतर लोगों ने शकरकंद खाया होगा लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि शकरकंद खाने के कौन-कौन से फायदे हैं। तो आइए अब हम यहां विस्तार से इसके फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे।
शकरकंद क्या है? (What is Sweet Potato in Hindi?)
शकरकंद का खाया जाने वाला भाग एक रूपांतरित जड़ (Modified Root) है। यह आलू प्रजाति की सब्जी है जो जमीन के अंदर जड़ के साथ आलू की तरह बनती है। इसका छिलका गुलाबी , मटमैला सफ़ेद या बैगनी रंग का होता है। छिलके के अन्दर इसका गूदा सफ़ेद , नारंगी या बैगनी रंग का हो सकता है। हमारे यहाँ अधिकतर गुलाबी और अन्दर वाला हिस्सा सफ़ेद रंग वाली शकर कंद मिलती है।जिसकी कोई निश्चित आकृति नहीं होती अर्थात टेढ़ी-मेढ़ी, मोटी पतली, अनियमित आकार की होती है। आम तौर पर शकरकंद बीच में मोटा तथा दोनों किनारों पर पतला होता है।इसके अंदर का खाने वाला भाग बिल्कुल आलू के रंग जैसा होता है।शकरकंदी में विटामिन ए और सी होता है, इसलिए ये साधारण आलू के मुकाबले बहुत ज्यादा पौष्टिक है।
शकरकंद की पत्तियां भी हैं पौष्टिक (Health Benefits of Sweet Potato Leaves in Hindi)
शकरकंद के पत्ते भी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। कई जगहों पर सब्जी, करी या फिर सालाद के रूप में खाया जाता है। इन पत्तियों में प्रोटीन की प्रचुरता होती है। इसीलिए, इन्हें भारत ही नहीं कई देशों में भी खाया जाता है। साथ ही, कई तरह के अमीनो एसिड, एंटी-ऑक्सिडेंट्स, विटामिन्स, मिनरल्स और डायटरी फाइबर होता है। कुछ स्टडीज़ में यह भी पाया गया है कि शकरकंद की पत्तियों में शकरकंद की तुलना में अधिक मात्रा में घुलनशील विटामिन्स पाए जाते हैं।
लाभ
- शकरकंद में मौजूद विटामिन, पोलीफेनॉलिक्स और एंथोसायनिन के कारण इसके पत्तों की सब्जी बनाकर खाने से ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद मिलती है साथ ही यह चिंता और तनाव को दूर करता है।
- शकरकंद के पत्त शरीर को कैंसर से बचाने में मदद करता है। इसके अलावा शकरकंद में डाइटरी फाइबर इसे प्रभावी एंटीमाइक्रोबियल बनाता है और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण यह सूजन को दूर करने में मदद करता है।
- शकरकंद के पत्तों में जलापिन नामक तत्व होता है जो पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। जिससे कब्ज में राहत मिलती है और दस्त और मतली के लिए भी अद्भुत तरीके से काम करता है। इसके अलावा शकरकंद के पत्ते बुखार को कम कर सर्दी और फ्लू को दूर करने में मदद करते हैं।
शकरकंद को डाइट में शामिल कैसे करें (How To Include Sweet Potato in Your Diet)
- यह स्वाद में मीठा होता है। शकरकंद को कच्चा या पानी में उबालकर खा सकते हैं।
- इसे रोस्ट करके भी खाते हैं।
- आप परांठा, मीठी पूड़ियां, चाट, खीर, बर्फी और हलवा बना सकते हैं।
- सलाद बनाकर भी खा सकते हैं।
- प्यूरी बनाकर और इन्हें सूप में मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
- शकरकंद को चिप्स,फ्रेंच फ्राइज़ या टोस्ट बनाकर भी खाया जा सकता है।
- शकरकन्द को सुखाकर बनाया हुआ आटा व्रत में लाभदायक होता है।
- शकरकन्द को उबालकर, दूध में मसलकर सेवन किया जा सकता है।
- शकरकन्द के पत्ते बहुत पौष्टिक माने जाते हैं। इसके कोमल पत्तों की सब्जी भी बनाई जाती है।
- शकरकंद को उबालने से अधिक बीटा-कैरोटीन बरकरार रहता है और खाना पकाने या तलने जैसी अन्य पकाने की विधियों की तुलना में पोषक तत्व अधिक अवशोषित हो जाते हैं।
शकरकंद के फायदे (Benefits of Sweet Potato in Hindi)
पोषक तत्व विटामिन और खनिज तत्वों से भरपूर होने के कारण स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव डालता है। पोषक तत्वों और स्वास्थ्य के लिहाज से देखा जाए तो शकरकंद के फायदे अनेक हैं।
विटामिन -A (Good Source of Vitamin A)
शकरकंद से विटामिन A प्रचुर मात्रा में मिलता है जो आँखों के लिए , शारीरिक विकास के लिए तथा स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होता है। शकरकंद हमारे शरीर में 90% विटामिन ए की पूर्ति करने में सक्षम है।यह एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है शरीर में रेटिनॉल (एक तरह का विटामिन-ए) की कमी से नाइट ब्लाइंडनेस (रात में ठीक से दिखाई नहीं देना), कॉग्निटिव डेवलपमेंटल की समस्या (बच्चों में सीखने की क्षमता को प्रभावित करती है) ऐसे में शरीर में विटामिन-ए की पूर्ति करने के लिए शकरकंद का सेवन करना अच्छा उपाय हो सकता है। दरअसल, शकरकंद विटामिन-ए का अच्छा स्रोत होता है ।
विटामिन–सी (Good Source of Vitamin C)
विटामिन-सी शकरकंद में भरपूर मात्रा में विटामिन सी होता है, जो बच्चो में बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। साथ ही शरीर की नयी कोशिकाओं के निर्माण में भी सहायक हो सकता है। विटामिन सी एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट भी है, जो शरीर में हानिकारक तत्वों को इकट्ठा होने से रोक सकता है।
विटामिन–बी6 (Good Source of Vitamin B-6)
शकरकंद में विटामिन बी-6 की उच्च मात्रा उपस्थित होती हैं जोकि शरीर में होमोसिस्टीन स्तर को कम करने में सहायक होती हैं। बता दें कि होमोसिस्टीन हमारे शरीर में हृदय और पाचन सम्बंधी समस्यों को बढ़ाता हैं।
पोटैशियम (Good Source of Potassium)
ये रक्तचाप के नियंत्रण के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है, इसके साथ ही ये आपके हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है। बच्चों के शरीर में पोटैशियम की पूर्ति करने के लिए शकरकंद का सेवन अच्छा होता है। असल में पोटैशियम एक खास मिनरल है, जो शरीर की कोशिकाओं का सही तरह से काम करने के लिए जरूरी होता है। पोटैशियम अन्य मिनरल के साथ मिलकर शरीर में इलेक्ट्रोलाइट को संतुलित बनाए रखने में सहायता कर सकता है। इसके अलावा, पोटैशियम हृदय के कार्य और पाचन क्रिया को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
विटामिन-डी (Good Source of Vitamin D)
अगर आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है तो इस कमी को दूर करने में शकरकंद काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। दरअसल, शकरकंद विटामिन डी का एक बेहतरीन सोर्स है।इसके नियमित सेवन से दांतों, हड्डियों, त्वचा और नसों को मजबूती मिलती है।
फाइबर (Good Source of Fiber)
फाइबर, एंटी-ऑक्सीडेंट्स, विटामिन और लवण से भरपूर शकरकंद में कैलोरी और स्टार्च की सामान्य मात्रा होती है। वहीं, सैचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा इसमें न के बराबर रहती है। इसमें फाइबर, एंटी-ऑक्सीडेंट्स, विटामिन और लवण भरपूर पाए जाते हैं।
आयरन (Good Source of Iron)
शरीर में आयरन की कमी होने के कारण एनर्जी की कमी महसूस होती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, लेकिन रोजाना एक शकरकंद खाने से आयरन की कमी दूर होती है और ब्लड सेल्स का निर्माण सही तरीके से होने लगता है। आयरन शरीर में उर्जा को बनाए रखने के अलावा लोह सफ़ेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। शकरकंद में उपस्थित लोह की उपस्थित प्रतिरक्षा प्रणाली और प्रोटीनों का उचित चयापचय में लाभदायक होते है।
मैग्नीशियम (Good Source of Magnesium)
शकरकंद मैग्नीशियम का एक अच्छा स्त्रोत हैं जिससे टाइप II डायबिटीज विकसित होने का खतरा कम हो जाता है। यह आपके शरीर में उपस्थित रक्त, धमनियां, हड्डियों, हृदय, तंत्रिका तंत्रों और मांसपेशियों को फायदा पहुंचाती हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आंकड़ो से पता चलता हैं कि लगभग 80% जनसँख्या में मैग्नीशियम की कमी पाई जाती हैं जो स्वीट पोटेटो इसकी पूर्ती बहुत अच्छे से करता हैं।
डायबिटीज के लिए (Beneficial for Diabetic Patients)
शकरकंद में मौजूद फाइबर को डायबिटीज के रोगियों के लिए फायदेमंद माना जाता है। शकरकंद एक उच्च फाइबर वाला भोजन है, जिसे मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों के रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने के लिए उपयुक्त माना गया है। एक शकरकंद के 10-15% फाइबर में पेक्टिन नामक घुलनशील फाइबर होते हैं, जो भोजन करने के बाद रक्त में शर्करा के स्पाइक्स (जल्दी जल्दी शर्करा का उच्च हो जाना) को कम करने में प्रभावी होते हैं । शकरकंद में लगभग 77% फाइबर अघुलनशील होते हैं, और मधुमेह के खिलाफ लड़ाई में उनकी अपनी अलग, बेहद महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ावा देने के लिए अघुलनशील फाइबर आवश्यक होते हैं, जो उस समय रक्त में शर्करा की मात्रा को नियमित करने में मदद करतें हैं।
इम्युनिटी बढ़ाए (Boost Immunity)
शकरकंद में अच्छी मात्रा में विटामिन ए, सी और ई पाए जाते हैं। इनका सीधा संबंध शरीर की इम्यून पॉवर (रोग-प्रतिरोधक क्षमता) को बढ़ाने में होता है। इम्यून सिस्टम अच्छी तरह कार्य करने से कई तरह के इन्फेक्शन और अन्य खतरनाक रोग होने की संभावना क्षीण हो जाती है। कैंसर के इलाज से गुजर रहे लोगों (कीमोथेरेपी मरीज) के लिए शकरकंद का सेवन अच्छा है। जिन लोगों कि इम्युनिटी अक्सर कम रहती है, जैसे बच्चे, गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग, उन्हें दैनिक रूप से आहार में शकरकंद को शामिल करना चाहिए।
एजिंग तत्व (Aging Element)
इसमें बीटा कैरोटीन होता है जो शरीर में फ्री रैडिकल्स से लड़ता है और जल्द बुढापा नहीं आने देता। इसमें विटामिन सी पाया जाता है जो कि त्वचा में कोलाजिन का निर्माण कर के त्वचा की जवानी बनाए रखता है। अगर आपकी त्वचा अधिक तैलीय है। तो शकरकंद का उपयोग करना बहुत लाभदायक होता है। चहरे को सूर्य की किरणों के दुष प्रभाव से भी बचाता है।
शकरकंद कब खाना चाहिए,कब नहीं? (Right Time to Eat Sweet Potato)
स्वीट पोटैटो खाने के फायदे तो हैं, लेकिन इसे खाने को लेकर लोग असमंजस में रहते हैं। शकरकंद खाने की कोई समय सीमा तय नहीं है। आप अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी इसका सेवन कर सकते हैं। एक शकरकंद अगर आप सुबह खाएं तो यह आपको दिन भर एनर्जेटिक बनाए रखने में मदद करता है। इसलिए नाश्ते में ही शकरकंद खाएं। नाश्ते में शकरकंद खाने का सबसे सही समय है। इसका हाई कैलोरी वाला होना दिन भर एनर्जेटिक बनाए रखने में मदद करता है। साथ ही इसमें कैरोटीनॉयड भी होता है जो कि ऐसा एंटीऑक्सीडेंट है जो आपकी कोशिकाओं को दिन-प्रतिदिन क्षति से बचाने में मदद करता है।
रात को शकरकंद खाना शरीर के लिए नुकसानदेह होता है। दरअसल, शकरकंद में हाई कैलोरीज पाई जाती हैं। यह स्टार्च से भरपूर होता है। ऐसे में इसमें मौजूद भरपूर पोषक तत्वों को पचाने और हाई कैलोरी को बर्न करने में काफी समय लगता है। अगर आप कैलोरी बर्न नहीं कर पाए तो वजन तेजी से बढ़ सकता है। ऐसे में रात में शकरकंद खाने से आपके शरीर में बॉडी मॉस इंडेक्स बिगड़ता है और डायजेशन की समस्या हो सकती हैं।
शकरकंद कितना खाना चाहिए (How much Sweet Potato should be eaten?)
इसे लेकर कोई मानक तो तय नहीं है, लेकिन औसत आकार एक से दो शकरकंद का सेवन किया जा सकता है। लेकिन स्वीट पोटैटो के नुकसान से बचने के लिए इसका सेवन कम ही किया जाए, तो बेहतर होगा। इसमें अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पचने में समय लगता है। ऐसे में अगर आप अधिक मात्रा में शकरकंदी का सेवन करेंगे, तो आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगेगी।
शकरकंद के नुकसान क्या है? (Side Effects of Eating Shakarkandi)
सही मात्रा में लिए गए शकरकंद के नुकसान नहीं होते है।पोटेशियम से भरपूर शकरकंद के अधिक सेवन से जटिलताएं पैदा हो सकती हैं।
- शकरकंद का सेवन करने से अगर आपको पेट दर्द की समस्या हो रही है तो आपको शकरकंद के सेवन करने से बचना चाहिए।
- किडनी और दिल से संबंधित परेशानी वाले लोगों को शकरकंद का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें काफी ज्यादा मात्रा में पोटैशियम और इसका दिल व किडनी पर बुरा असर पड़ सकता है।
- जिन लोगों के गुर्दे में समस्या होती है या फिर गुर्दे से संबंधित बीमारी होती है उन लोगों को शकरकंद का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए।
- जिन व्यक्तियों को गैस या वायु संबंधित समस्या है। तो उनको शकरकंद का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योकि इनके लिए नुकसानदायक हो सकता है।
- शकरकंद के अधिक सेवन करने से तेजी से शरीर का वजन बढ़ने लगता है। इसलिए सही मात्रा में शकरकंद का सेवन करना चाहिए।
शकरकंद का चुनाव: शकरकंद को ऑर्गनिक ढंग से उगाया गया हो, क्योंकि ऑर्गनिक शकरकंद पर कीटनाशक नहीं होते। शकरकंद का छिलका चिकना और ठोस होना चाहिए। अधिक नर्म शकरकंद का चुनाव न करें। भूरे धब्बे होने पर, छेद होने पर या फिर पानी निकलने वाले शकरकंद का चुनाव न करें, क्योंकि वह खराब हो सकता है।गहरे रंग के शकरकंद एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। शकरकंद को रेफ्रिजरेटर में रखना जरूरी नहीं है।आप इन्हें कमरे के सामान्य तापमान पर रख कर सकते हैं। कमरे के तापमान पर इन्हें एक सप्ताह तक उपयोग किया जा सकता है।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!
इस ब्लॉग की जानकारी ज्ञान के उद्देश्य से है और इसमें कोई चिकित्सकीय सिफारिश शामिल नहीं है। सलाह का पालन करने से पहले एक प्रमाणित चिकित्सक से परामर्श करें।
रीना जैन
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