साल 2020-21 कब और कैसे कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गया पता ही नहीं चला। इस महामारी के दौर में जो एक चीज़ अभी भी हमारा पीछा नहीं छोड़ रही है वो है तनाव। तनाव आने वाले कल को लेकर, अपनी नौकरी को लेकर, अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर, इत्यादि।वैसे भी मानसिक तनाव एक गंभीर समस्या है और इससे बचने का प्रयास करना चाहिए। इसका क्षेत्र इतना व्यापक है कि हर कोई व्यक्ति किसी न किसी रूप में इस रोग से पीड़ित है। मानसिक तनाव , टेंशन थोड़ा बहुत सभी को होता है पर जब यह अधिक हो जाता है तो इससे गंभीर मानसिक और शारीरिक नुकसान होने लगते है।
तनाव जिसे प्रेशर भी कहा जाता है।अक्सर लोग इसके नेगेटिव रूप को ही देखते है, मगर सच्चाई यह भी है कि कुछ सफल इंसान जिन्होंने अपने जीवन में कुछ कर दिखाया है उनके अनुसार तनाव एक सीमा तक अच्छी चीज है और व्यक्ति के सपने को पूरा करने में इसकी आवश्यकता होती है,लेकिन एक दूसरे से आगे बढ़ने की होड़, रोजमर्रा की जिंदगी में मानसिक तनाव को बढ़ावा दे रहे है । अकेले तनाव शरीर के लिए इतना घातक है कि यह उच्च रक्तचाप, माइग्रेन, बालों के झड़ने, निम्न रक्तचाप, चिंता, अनिद्रा, वजन घटाने और कई और अधिक बीमारियों का कारण बनता है । आज हाई स्कूल के छात्र से लेकर MNC में काम करने वाले व्यक्ति तक इस मानसिक बीमारी के शिकार हैं।
मानसिक तनाव क्या है? (What is Mental Stress/Depression?)
स्ट्रेस या तनाव होना आजकल सामान्य बात है ये तब महसूस होता है जब हमारा किसी स्थिति से निपटना मुश्किल हो जाता है। टेंशन होने पर एड्रेनालाईन (Adrenaline) हमारे पूरे शरीर में दौड़ने लगता है, दिल की धड़कन बढ़ जाती है और मानसिक और शारीरिक चेतना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। हमें पसीना आता है, और कई बार पूरे शरीर के रोएं खड़े हो जाते हैं। अर्थात जब हम दुनिया में उपस्थित प्रत्येक प्रकार के भय तथा उससे सुरक्षा के मध्य तालमेल स्थापित करने में असफल हो जाते हैं तो तनाव उत्पन्न होता है। ऐसे में घबराया हुआ असुरक्षित मनुष्य सुरक्षित होने के लिए सदैव तत्पर रहता है, बेताब व बैचैन रहता है और यही मनोस्थिति तनाव है।
क्यों होता है तनाव? (What Causes Stress?)
तनाव होने की कोई भी वजह हो सकती है जैसे –
- अकेलापन
- किसी का बिछड़ जाना
- जॉब न मिलना या जॉब चली जाना ,कार्यक्षेत्र में सही व्यवहार न होना, अपनी पसंद का काम न मिलना।
- कोई एक्सीडेंट, ज़िंदगी में अचानक कोई बड़ा बदलाव होना
- जब हम अपने मन में कुछ ऐसी इच्छाएं पाल ले, जिनका पूरा होना नामुमकिन सा है, या बहुत ही मुश्किल है, ऐसी सोच दिमाग मे तनाव को जन्म देती है।
- फाइनेंशियल प्रॉब्लम होना।
- कोई बीमारी होना और कई और वजह इसमें शामिल हैं।
डिप्रेशन के ये हो सकते हैं लक्षण (These Can be Symptoms of Depression)
- डिप्रेशन के दौरान व्यक्ति अकेला रहना ज्यादा पसंद करता है।
- वो भीड़ वाली जगहों से बचता है. किसी से बातचीत करना पसंद नहीं करता
- ख़ुशी का माहौल होने पर भी उदासी महसूस करता है।
- कुछ न कुछ सोचता रहता है. उसका किसी काम को करने में मन नहीं लगता।
- कॉन्फिडेंस की कमी महसूस करता है. छोटी-छोटी बात पर चिंता करता है।
- कोई डिसीजन नहीं ले पाता. हर समय बुरा होने की आशंका से घिरा रहता है।
- छोटी-छोटी बात पर डर जाता है. ज्याद ग़ुस्सा करना।
- बिस्तर पर पड़े रहना और बहुत ज्यादा सोना भी इसके लक्षणों में शामिल है।
मानसिक तनाव दूर करने के उपाय (Ways to Relieve Stress/Depression)
इस मानसिक तनाव से उबरने के कुछ आसान तरीके हैं, जिनको अपना कर दिमाग को तनाव मुक्त किया जा सकता है।
अकेले रहने से बचना चाहिए (Should Avoid Being Alone)
आजकल ज्यादा से ज्यादा युवा अपना समय सोशल मीडिया पर व्यस्त करते हैं। जिनसे उनकी सोचने समझने की शक्ति समाप्त होने लगती है वह अपने लिए टाइम नहीं निकाल पाते हैं। उन्हें क्या करना है या फ़्यूचर में क्या करना चाहते है वह सोच नहीं पाते हैं। अपना खास समय भी वह सोशल मीडिया पर निकाल देते हैं। जिनका उन्हें कोई उपयोग नहीं है अपना एक समय बनाएँ की उस समय हम सोशल मीडिया का उपयोग करेंगे।दोस्तों, रिश्तेदारों और फेमिली मेंबर्स से मिलते रहना चाहिए।
नींद पूरी करें (Get Some Sleep)
नियमित रूप से आप जितना सोते थे, उसे जरूर पूरा करने की कोशिश करें क्योंकि पर्याप्त नींद बहुत जरूरी है। हर रोज के लिए सोने का एक सामान्य समय और उठने का समय तय रखें। साक्ष्य बताते हैं कि जो लोग नींद पूरी नहीं करते उनको ज्यादा मानसिक और शारीरिक समस्याएं होती हैं। नींद की कमी से आपकी मौजूदा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ सकती हैं। अगर आप रात को पर्याप्त (वयस्कों के लिए 7 से 9 घंटे) नींद पूरी करते हैं तो इससे आपकी सीखने की क्षमता, स्मृति, मूड और हृदय का स्वास्थ्य बेहतर होगा और साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर रहेगी।
दिल खोलकर हँसे (Laugh out Loud)
कॉमेडी फ़िल्में देखना चाहिए ख़ुशी देने वाला म्युज़िक सुनना चाहिए। जब भी मौका बने, दिल खोलकर हँसे खुलकर हसना न सिर्फ तनाव और चिंता से राहत देता है, स्मृति, मूड और स्वास्थ्य बेहतर भी होगा ।
सकरात्मक सोच (Positive Thinking)
पॉजिटिव सोच हमेशा आपको आगे लेकर जाती है। क्योंकि यदि आपको कोई भी परेशानी होगी तो आपकी सोच सही होने के कारण आपको उसे सुलझाने में मदद मिलती है। जिससे आपको न तो तनाव होता है और आपकी समस्या का समाधान भी मिल जाता है। दुख देने वाली घटना या स्थिति को याद करने की बजाय ख़ुशी देने वाले पलों को याद करना चाहिए ।
योग ,प्राणायाम और मेडिटेशन (Yoga, Pranayama and Meditation)
प्राणायाम और योग से आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों ही बेहतर हो सकता है।इसके साथ आपको मैडिटेशन भी करना चाहिए क्योंकि आपके दिमाग को शांत करने और आपके तनाव को दूर करने का यह सबसे आसान और सरल उपाय होता है। योगासन, प्राणायाम, शवासन आदि से जहां हमारे शरीर को चुस्त रखने में मदद मिलती है, वहीं मस्तिष्क को भी आराम पहुंचकर चित्त प्रसन्न होता है।
ब्रेक ले (Take a Break)
काम के दौरान हर थोड़ी देर में आपको ब्रेक लेना चाहिए। यदि आपको काम करते हुए 2 घंटे से ज्यादा हो गए हैं तो बीच-बीच में कुछ मिनट का ब्रेक लेकर आराम जरूर करें। पानी पिए बाहर जाएं ताजी हवा में घुमे।
सरल व सात्विक भोजन करे (Eat Simple and Sattvic Food)
भोजन करने का एक निश्चित समय तय करें। अपने भोजन में हरी सब्जियां पोषक तत्व वाले पदार्थ दूध दही घी आदि का नियमित मात्रा में सेवन करें समय पर नाश्ता करें आजकल देखा गया है कि भोजन करते समय भी लोग TV देखते हैं या पेपर पढ़ते हैं या फोन में व्यस्त रहते हैं ऐसा बिल्कुल ना करें। भोजन करते समय सिर्फ आपका ध्यान भोजन पर ही रहे तो आप ज्यादा अच्छी तरह से भोजन कर सकते हैं। बाहर की चीजों का सेवन ना करें ज्यादा मिर्च का चटपटा भोजन ना करें जंक फ़ूड से दूरी बनाकर हेल्दी डाइट लेनी चाहिए।
शौक पूरा करे (Hobby)
हमारी हॉबी हमें कभी भी अकेला नहीं रखती। यह हमारे अन्दर जीने की इच्छा को बनाये रखती है और हमारे अन्दर Positivity लाती है। आपको अच्छा लगे आप वह कर सकते हैं। जो आपको तनाव मुक्त रहने के लिए काफी मदद करेगा साथ ही साथ मोटिवेशनल मूवी देखना स्विमिंग कर सकते हैं या बायोग्राफी पढ़ना दूसरों के जीवन के बारे में पढ़ने से आपके विचारों में कई सारे परिवर्तन आएंगे। ऐसी कई सारी चीजें हैं जो आप कर सकते हैं।
नशे से दूर रहें (Stay away from Drugs)
अधिकतर आपने देखा होगा कि युवा वर्ग सबसे ज्यादा नशे की चपेट में है सिगरेट शराब व कई प्रकार के नशे ने युवाओं को घेर रखा है चाहे खुशी का मौका हो या कोई गम में हो शराब का सेवन हर कोई करता है। वही डिप्रेशन के अगर बात की जाए हर दूसरा व्यक्ति शराब का सेवन करता है ।
एक रूटीन तय करें (Set a Routine)
हम में से अधिकांश लोग घरों से काम कर रहे हैं, इसके बावजूद यह जरूरी है कि हम अपने लिए एक रूटीन तय करें और उस पर कायम रहें। दिनचर्या सुनिश्चित हो तो इससे तनाव घटता है और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। आपके रुटीन में बच्चों को उनकी पढ़ाई में मदद करना, घर से ऑफिस के काम पूरे करना, खाना बनाना, घर के दूसरे काम करना और आसन, व्यायाम, प्रणायाम आदि स्वास्थ्य संबंधी उपाय भी शामिल हों तो बेहतर है।
तनाव देने वाले कारणों को पहचाने (Identify Causes of Stress)
सामान्यतः जीवन मे कुछ ऐसे कारण होते है जो हमारे तनाव को बढ़ावा देते हैं, अथवा उन्हें बनाये रखते हैं। जैसे लंबे समय से चली आ रही आर्थिक समस्याएं, सम्बन्धों में आपसी तालमेल का न होना, कार्य स्थल पर काम का अधिक दबाव ऐसे कारणों की पहचान करना आवश्यक है। इनकी पहचान करके इनसे दूरी बनाने या फिर इन्हें मैनेज करने की कोशिश करने चाहिए।
प्रकृति के सौंदर्य से जुड़े (Connected to the Beauty of Nature)
झरने, वृक्ष, पशु-पक्षी, जंगल, निदियो प्राकृतिक दृश्य के आकर्षक सुन्दरता से सभी प्रकार के चिंतन व तनाव क्षण भर में समाप्त हो जाते हैं। ऑक्सीजन से युक्त शुद्ध हवा शरीर की चेतना में नई ऊर्जा विकसित कर देती हैं। जिससे वयक्ति के मन को संतुष्टि व आनंद का अभूतपूर्व अनुभव होता हैं और सभी प्रकार की टेंशन मिट जाती हैं।
गहरी सांसे लेना (Take a Deep Breath)
जब हम तनाव को महसूस करते हैं तो हमें एकाग्र होकर एक जगह बैठ जाना चाहिए और ध्यान लगाकर गहरी सांसे लेना चाहिए जिससे हमारी मांसपेशियां हमें बहुत अच्छा महसूस कराती हैं।जब हम गहरी सांस लेते हैं तो हम कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ते हैं और ऑक्सीजन की प्राप्ति करते हैं ।जिससे हमारे शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं और हमारी बॉडी डिटॉक्सिफाई होती है. गहरी सांस लेने से हमारा तनाव तो कम होता ही है हमारे मन और शरीर को भी आराम मिलता है।यह दिल की बढ़ी हुयी धड़कन को सामान्य करता है, साथ ही साथ दिमाग में आने वाले नकारात्मक विचार भी काफी कम हो जाएंगे।
नोट –आजकल मानसिक तनाव से राहत पाने के लिए दवाओं का प्रयोग आम हो गया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि ये दवाएं हानिरहित हैं। डॉक्टर के परामर्श से सीमित समय के लिए कभी कभार इन दवाओं का सेवन किया जा सकता है। फिर भी शारीरिक और मानसिक रूप से बिना दवाओं के स्वस्थ रहने के लिए यह जरूरी है कि हम हालात से समझौता कर जीवन के सच्चे सुख और पूर्ण आनन्द की प्राप्ति के लिए तनावपूर्ण स्थितियों से सतत दूर रहने का प्रयत्न करते रहें।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!
रीना जैन
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