उष्ट्रासन एक बेहतरीन योगासन हैं और इसका अभ्यास भी ज्यादा कठिन नहीं हैं आप कुछ दिन के अभ्यास से इसे करना सिख सकते हैं। उष्ट्रासन यह आसन रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए बहुत ही कारगर आसन है उष्ट्रासन के फायदे की बात करें तो पेट की अतिरिक्त चर्बी कम करने, रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने, पेट की समश्याओं से छुटकारा पाने व तनाव दूर करने में यह सहायक होता हैं।
उष्ट्रासन का अर्थ (What is Camel Pose?)
यह संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है, पहला उष्ट्र यानी ऊंट और दूसरा आसन यानी मुद्रा। इसलिए इस योगासन को अंग्रेजी में (Camel Pose) भी कहा जाता है। इस आसन में शरीर ऊंट के आकार जैसा दिखता है इसलिए इसे उष्ट्रासन कहा गया है। उष्ट्रासन के अभ्यास से शरीर लचीला बनता है और शरीर का चौथा मुख्य चक्र अनाहत खुलता है। इस चक्र को हृदय चक्र भी कहते हैं। इस आध्यात्मिक चक्र के सक्रिय होने से व्यक्ति की ऊर्जा, चेतना व भावनाओं का विस्तार होता है। इस आसन में पैरो को घुटनो से मोड़कर पीछे की और झुकाकर दोनों हाथो से पैरो को पकड़ते है।यह विशेष रूप से पीठ की समस्या, रक्त संचार, श्वसन प्रणाली, अंतःस्रावी और तंत्रिका तंत्र के लिए बहुत अच्छा है।
उष्ट्रासन से पहले कौन सा आसन करना चाहिए
(Which Asanas should be done before Camel Pose?)
उष्ट्रासन करने से पहले निम्न आसनो का अभ्यास करना चाहिए। इन्हे करने से आपकी रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है। जिससे उष्ट्रासन करने में आसानी होती है।
भुजंगासन (Cobra Pose)
धनुरासन (Bow Pose)
शलभासन (Locust Pose)
सेतुबंधासन (Bridge Pose)
उष्ट्रासन के बाद कौन सा आसन करना चाहिए
(Which Asana Should be Done After Camel Pose?)
यह एक पीछे की ओर झुकने वाला आसन है।इस आसन बाद कोई आगे की ओर झुकने वाला आसान, जैसे-
शशांकासन (Shashankasana)
दंडासन (Staff Pose)
बालासन (Child Pose)
पश्चिमोत्तनासन (Seated Forward Bend) आदि करना चाहिए।
उष्ट्रासन करने का तरीका (How To Do Camel Pose?)
- उष्ट्रासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन में बैठ जाएं। इसके बाद अपने घुटनों के बल खड़े हो जाएं।
- अब अपने घुटनों की चौड़ाई कंधों के बराबर रखें और तलवें पूरे फैले हुए आसमान की तरफ रखें।
- इसके बाद अपनी रीढ़ की हड्डी को पीछे की तरफ झुकाते हुए दोनों हाथों को एड़ियों पर टिकाने की कोशिश करें।
- ध्यान रखें कि इस समय आपकी गर्दन पर अत्यधिक दबाव ना पड़े और कमर से लेकर घुटनों तक का हिस्सा सीधा रहे।
- इसी स्थिति में 5 से 10 बार गहरी सांस लें और फिर आराम से हाथों को एक-एक कर एड़ियों से हटाएं और वापस आने की कोशिश करें। इसे 4-5 बार दोहराएं।
- उष्ट्रासन करने के बाद कुछ देर वज्रासन में बैठने के बाद थकान दूर करने के लिए शवासन करना आरामदायक होता है।
- याद रहे की उष्ट्रासन करते वक्त मुह बिलकुल बंद रखना है और नाक से ही सांस अंदर लेनी है तथा बाहर छोडनी है।
उष्ट्रासन की समय सीमा (Time Duration Of Camel Pose)
उष्ट्रासन की मुद्रा में आप तीस सेकंड से एक मिनट तक रह सकते हैं। उसके बाद अपनें शरीर को सीधा कर के अपनें पैरों पर बैठ जाए। (वज्रासन मुद्रा में)। थोड़ी देर सांस ले लेने के बाद फिर से इस आसन प्रयोग को दोहरइए। इस तरह उष्ट्रासन को थोड़े थोड़े अंतर पर थकान दूर करते हुए तीन बार करना चाहिए (तीस सेकंड से एक मिनट तक के कुल तीन सेट)।
उष्ट्रासन योग के फायदे (Benefits of Camel Pose)
पाचन क्रिया में फायदेमंद (Beneficial in Digestion)
यह आसन पाचन क्रिया को ठीक रखने मैं मदद करता है ।अगर हमारी पाचन क्रिया ठीक है तो पेट संबंधी सभी रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है क्यूंकि हमारी ज्यादातर बीमारियाँ पेट से ही उत्पन्न होती हैं |और हम बीमारियों से बच सकते हैं|उष्ट्रासन सिर्फ पेट संबंधी समस्याओं को ही दूर नहीं करता, बल्कि पेट की चर्बी कम करने के लिए भी यह बेहद फायदेमंद है।
फेफड़ों को मजबूत बनता है (Strengthens the lungs)
इसका सबसे अच्छा फायदा ये है की ये हमारे फेफड़ों को मजबूत बनता है ।फेफड़े हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग हैं। इंसान हर रोज करीब 20 हजार बार सांस लेता है और हर सांस के साथ जितनी ज्यादा ऑक्सीजन शरीर के अंदर पहुंचती है, शरीर उतना ही सेहतमंद बना रहता है। इसके लिए जरूरी है कि फेफड़ेे स्वस्थ रहें।
मधुमेह के लिए (For Diabetes)
मधुमेह के रोगियों को भी इस आसन का अभ्यास अवश्य करना चाहिए। इससे अभ्यास से इंसुलिन का स्त्राव रेग्युलेट होता है, जिसके कारण डायबिटीज कंट्रोल में रहती है।
पीठ व कमर दर्द के लिए (For Back and Back Pain)
उष्ट्रासन के नियमित अभ्यास से आपको कभी भी पीठ व कमर दर्द की शिकायत नहीं हो सकती। जो लोग दिनभर एक जगह बैठकर कार्य करते हैं उन्हें कमर या पीठ दर्द से बचने के लिए उष्ट्रासन का अभ्यास जरूर करना चाहिए।
थायरॉयड के लिए (For Thyroid)
उष्ट्रासन योग आसन को करने के लिए गर्दन को पीछे की ओर झुकाना पड़ता है जो गर्दन में उपस्थित मांसपेशियों को फैलाता है जहां थायरॉयड और पैराथायरायड ग्रंथियां स्थित होती हैं। उष्ट्रासन योग इन ग्रंथियों को उत्तेजित करता है और उनके कामकाज में सुधार करता है।
तनाव कम करने में सहायक (Helpful in Reducing Stress)
उष्ट्रासन के अभ्यास से तनाव व चिंता से भी मुक्ति मिलती हैं और मन में चल रहे सभी नकरात्मक विचार दूर होते हैं, साथ ही इसके अभ्यास से अनिद्रा यानी नींद न आने की परेशानी भी दूर होती है। इस तरह उष्ट्रासन मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है।
पीरियड्स में लाभकारी (Beneficial in Periods)
महिलाओं के लिए भी उष्ट्रासन का अभ्यास लाभकारी है। यह आसन महिलाओं में पीरियड्स दर्द की प्रॉब्लम को भी दूर करता है।मासिकधर्म के दौरान होने वाले दर्द व ऐंठन को कम करने के लिए उष्ट्रासन फायदेमंद होता है। इस आसान को रोजाना करने से पेट मांसपेशिया मजबूत तो होती है साथ ही मासिकधर्म की समस्या को कम कर देता है।
उष्ट्रासन करने का सही समय (Right Time to do Camel Pose)
उष्ट्रासन का अभ्यास आप सुबह के समय कर सकते हैं। अगर किसी कारणवश आप इसका अभ्यास सुबह न कर पाए तो फिर आप शाम के समय भी इसे कर सकते हैं। ध्यान रहे की भोजन के तुरंत बाद उष्ट्रासन का अभ्यास न करें, भोजन करने के 4-5 घंटे बाद ही इसका अभ्यास करें।
उष्ट्रासन करते समय सावधानी (Camel Pose Precautions)
- ये योग हमेशा खाली पेट ही करना चाहिए |
- इस योगासन में पीछे झुकते समय जंघा सीधी रखनी चाहिए |
- जिन लोगों को हर्निया की शिकायत हो, उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए।
- जो लोग अनिद्रा या माइग्रेन से पीड़ित हैं, उन्हें इस आसन से बचना चाहिए।
- दिल की बीमारी वाले व्यक्तियों को इससे बचना चाहिए |
- हाई ब्लड प्रेशर वाले रोगी को यह आसन नहीं करना चाहिए |
- कमर का तेज़ दर्द रहता हों, ऐसे व्यक्ति को डॉक्टर की सलाह के बाद ही उष्ट्रासन करना चाहिए।
- गर्भवती महिला को भी यह आसन नहीं करना चाहिए।
- शुरूआत में किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही योगासन करना अच्छा रहता है। इससे आपका पॉश्चर गलत नहीं होता।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!
रीना जैन
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