आज हम आपको ऐसे योगासन के बारे में बताते हैं जिसके नियमित अभ्यास पेट की कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है, हम बात कर रहे हैं मंडूकासन की। इस आसन के दौरान शरीर की स्थिति मेंढ़क के समान होती है इसलिए इसे मंडूकासन कहा जाता है।नियमित रुप से मंडूकासन करने पर पेट की चर्बी कम हो सकती है। क्योंकि इससे पेट पर दबाव पड़ता है और पेट की चर्बी गलने लगती है। अगर आपको पेट से जुड़ी समस्याएं रहती हैं तो आपके लिए ये अच्छा योगाभयास है। आप इसे नियमित रुप से करें आपको आराम मिलेगा।इस योग से पैंक्रियास से इन्सुलिन का स्राव में मदद मिलती है, इसे करने से डायबिटीज यानि मधुमेह को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।यह योगासन कंधे और पेट की मांसपेशियों को भी मजबूती प्रदान करता है और इसके नियमित अभ्यास से फेफड़ों की कार्यक्षमता भी बेहतर होती है।यह योगासन घुटने और टखने के जोड़ों के लचीलेपन और गतिशीलता में भी सुधार करता है।आइए जानते हैं कैसे करें मंडूकासन और इसके फायदे। यह योग मुद्रा काफी सीधी है और इसका अभ्यास लगभग कोई भी कर सकता है।
मंडूकासन क्या है? (What is Frog Pose?)
मंडूकासन को अंग्रेजी भाषा में Frog Pose भी कहते हैं। यह शब्द संस्कृत भाषा के मंडूक शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ होता है “मेंढक” दरअसल मंडूकासन शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है मंडूक + आसन। मंडूक शब्द का अर्थ होता है “मेंढक” और आसन शब्द का अर्थ होता है “मुद्रा” यानी इस आसन को करते समय मनुष्य की आकृति एक मेंढक के समान दिखाई देने लगती है, इसलिए इस आसन का नाम मंडूकासन रखा गया। यह आसन डायबिटीज के रोगियों और पेट से जुड़ी कई समस्याओं से परेशान व्यक्तियों के लिए बहुत ही फायदेमंद अभ्यास है।
मंडूकासन कैसे करें? (How to do Frog Pose?)
- सबसे पहले आप वज्रासन में बैठ जाएं।
- अपने दोनों हाथों की उंगलियों को मोड़ कर मुट्ठी बना ले।
- अब दोनों हाथों की मुट्ठियों को अपनी नाभि से थोड़ा नीचे लगाते हुए श्वास भरें।
- गहरी सांस लें फिर छोड़ते हुए आगे झुकें।
- कोशिश करें कि छाती आपकी जांघों पर टिक जाए।
- ऐसे झुकें कि नाभि पर ज़्यादा से ज़्यादा दबाब आए।
- अपना सिर और गर्दन सीधी रखें।अपनी गर्दन को ऊपर की तरफ उठाने का प्रयत्न करना है।
- कोशिश करें धीरे-धीरे सांस लें और छोड़े।जब आगे की तरफ झुकते हैं तो सांस को छोड़ते हुए आगे की ओर झुकते हैं और पुनः उसी अवस्था में आने के लिए सांसो को भरते हुए आते हैं इस स्थित का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है।
- अब आराम से अपनी सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।
- यह एक चक्र है आप शुरु में इसे 3-5 बार कर सकते हैं।
मंडूकासन करने से पहले यह आसन करें (Do this Asana before doing Frog Pose)
मंडूकासन योग का अभ्यास करने से पहले आपको कुछ आसन कर लेने चाहिए जिससे आपको मंडूकासन करने में आसानी होती है।
- वज्रासन
- धनुरासन
- बालासन
मंडूकासन करने के बाद यह आसन करें (Do this Asana after doing Frog Pose)
- उष्ट्रासन
- नौकासन
मंडूकासन करने का सही समय (Perfect Time to Frog Pose)
इस आसन को करने का सबसे उत्तम समय सुबह होता है क्योंकि शरीर में रात्रि में किया गया भोजन पूर्णरूप से पच जाता है और हमें आसन करने की उर्जा प्राप्त हुई होती है। किसी कारण से आप इस आसन को प्रात:काल नहीं कर पा रहे हैं तो आप इस आसन को शाम को भी कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे कि अभ्यास से पहले आपने कम से कम 3 से 5 घण्टे तक भोजन न किया हो तभी आपको इस आसन का पूर्ण फायदा मिल पायेगा।
मंडूकासन दिन में कितनी बार करना चाहिए? (How Many Times in a day Should Frog Pose be Done?)
वैसे तो मंडूकासन का अभ्यास दिन में केवल एक बार करना ही पर्याप्त रहता है लेकिन यदि आपको डायबिटीज की परेशानी है तब आप इसका अभ्यास दिन में दो बार सुबह और शाम को कर सकते हैं। एक बार में आप इसके 3 से 5 चक्र ही करें।
मंडूकासन के फायदे (Benefits of Frog Pose)
मधुमेह में फायदेमंद (Beneficial in Diabetes)
रोजाना मंडूकासन करने से पैंक्रियास से इन्सुलिन का स्राव में मदद मिलती है। इसे करने से डायबिटीज यानि मधुमेह को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। मंडूकासन करने से ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है।
कब्ज में फायदेमंद (Beneficial in Constipation)
अक्सर लोग कब्ज की समस्या से परेशान रहते हैं। ऐसे लोगों को मंडूकासन जरूर करना चाहिए। इससे शरीर में एंजाइम और हॉर्मोन का स्राव अच्छी तरह होता है और खाना पचाने में मदद मिलती है।
गैस,अपच में फायदेमंद (Beneficial in Gas, Indigestion)
गर्मियों में खान-पान में गड़बड़ी की वजह से गैस की समस्या होने लगती है। मंडूकासन करने से पेट से टॉक्सिन्स और जहरीली गैस बाहर निकल जाती हैं। पेट से सम्बंधित रोग गैस,अपच ,अम्लपित्त आदि समस्त रोगों को दूर करने की क्षमता रखता है यह आसन।
पेट की चर्बी को कम करे (Reduce Belly Fat)
आजकल हर कोई बढ़े हुए पेट से परेशान है। अगर आपको पेट की चर्बी कम करनी है तो इसके लिए नियमित रुप से मंडूकासन करना चाहिए। इससे पेट पर दबाब पड़ता है और पेट की चर्बी गलने लगती है। एक शोध से पाया गया है कि मंडूकासन पेट की चर्बी को कम करने का सबसे आसान इलाज है।
मेंस्ट्रुअल क्रेम्पस में फायदेमंद (Menstrual Cramps)
मासिक धर्म मे स्त्रियों को पेट दर्द की समस्या काफ़ी परेशान करती हैं, जिन्हें मेंस्ट्रुअल क्रेम्पस (Menstrual Cramps) कहते हैं। महिलाओं को मेंस्ट्रुअल क्रेम्पस की समस्या से निजाद पाने के लिए मंडूकासन करने की सलाह दी जाती है।
स्थान से हटी हुई नाभि (For Dislocated Navel)
मंडूकासन के अभ्यास से आप अपनी स्थान से हटी हुई नाभि को पुनः स्थान पर ला सकते हैं। साथ ही इसके नियमित अभ्यास से कंधे और घुटनों की मालिश, कुंडलींनी जागरण, अस्थमा में सुधार एवं मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है।
मंडूकासन की सावधानी (Frog Pose precautions )
मंडूकासन करते समय आपको कुछ चीजों की ख्याल रखनी चाहिए जो निम्नलिखित है।
- अगर आपको पीठ में दर्द हो तो इस आसन के करने से परहेज करनी चाहिए।
- रीढ़ की हड्डी में समस्या होने पर शासन को ना करें।
- गर्भवती महिलाएं भी इस योगासन का अभ्यास बिल्कुल न करें।
- पीठ, पेट और घुटने में कोई समस्या या सर्जरी होने पर भी इस योगासन के अभ्यास से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
- उच्च रक्तचाप या चक्कर आने की स्थिति में इस आसन को न करें।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!
रीना जैन
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