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Dhanurasana (Bow Pose): कमर और गर्दन के दर्द से मुक्ति दिलाता है यह आसन

लैपटॉप और कंप्यूटर पर घंटों काम करने के कारण हममें से ज्यादातर लोग कंधे के दर्द से परेशान हैं, तो किसी को गर्दन में दर्द रहता है। इस आसन को करने से आप सिटिंग जॉब के कारण शरीर को होनेवाली समस्याओं से निजात पा सकते हैं। जो लोग नियमित रूप से धनुरासन करते हैं, उन्हें कभी भी स्लिप डिस्क की समस्या नहीं होती। शॉल्डर और नेक पेन नहीं होता। इसके साथ ही उनकी रीढ़ की हड्डी हमेशा सीधी और लचीली रहती है। वज़न नियंत्रित करना हों या शरीर सुडौल करना हो, धनुरासन एक अत्यंत गुणकारी आसन है। आज इस आर्टिकल में हम धनुरासन करने का तरीका, धनुरासन करने के फायदे और धनुरासन करते समय सावधानियां के बारे में बताएंगे।

धनुरासन क्या है? (What is Bow Pose?)

धनुरासन सस्कृंत शब्द से मिलकर बनाया गया है। धनु का अर्थ धनुष व आसान का अर्थ मुद्रा है। यह आसान करने पर धनुष की मुद्रा बन जाती है, इसलिए इसे धनुरासन कहते हैं। अंग्रेजी मैं इसे Bow Pose कहा जाता है | धनुरासन हठ योग में वर्णित 12 आसनों में से एक है। लेट के किये जाने वाले आसनों में यह आसन काफी महत्वपूर्ण आसन होता है। यह आसन कमर और रीड़ की हड्डी के लिए अति लाभदायक होता है। धनुरासन करने से गर्दन से लेकर पीठ और कमर के निचले हिस्से तक के सारे शरीर के स्नायुओं को व्यायाम मिलता है।अगर इस आसन का अधिकतम लाभ प्राप्त करना हों तो सर्वप्रथम भुजंगआसन (Snake Pose), उसके बाद शलभासन (Locust Pose), और अंत में तीसरा धनुरासन (The Bow Pose) करना चाहिए।

धनुरासन करने का तरीका (Steps to do Bow Pose)

अगर किसी भी योग को सही तरीके से न किया जाए, तो  योग का लाभ नहीं मिलता है। ऐसे में धनुरासन करने का तरीका जानना बेहद जरूरी है।

  • सबसे पहले एक समतल जगह पर चटाई बिछा लें और पेट के बल जमीन पर लेट जाएँ।
  • घुटनों को मोड़ें हुए, अपने हाथों को पीछे की ओर ले जाएं और अपनी टखनों को पकड़ें। 
  • सांस अंदर लें और अपनी छाती को जमीन से ऊपर उठाएं और अपने पैरों को ऊपर और पीछे की ओर खींचें।
  • इसे समय सीधे आगे की तरफ देखें।
  • अपनी सांसों पर ध्यान देते हुए मुद्रा को स्थिर रखें। शरीर अब घुमावदार और धनुष की तरह तना देखे गए।
  • इस मुद्रा में आराम लंबी, गहरी सांसें लेते रहे।
  • 15-20 सेकेंड के बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपने पैरों और छाती को जमीन पर लाएं। टखनों को छोड़ें और आराम करें। 

धनुरासन से पहले करें ये आसन (Do this Asana Before Bow Pose)

  • भुजंगासन
  • शलभासन
  • मार्जरी आसन

धनुरासन के बाद ये आसन करें (Do this Asana After Bow Pose)

  • मत्स्यासन
  • उष्ट्रासन
  • बालासन

धनुरासन करने के फायदे (Benefits of Bow Pose)

धनुरासन का नियमित रूप से अभ्यास करने से आपके शरीर को विभिन्न स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं-

अस्थमा के लिए (For Asthma)

यह आसन अस्थमा रोगियों के लिए बहुत लाभदायी है। इसके अभ्यास से सीने  में अच्छा खासा खिंचाव आता है और फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है, जो अस्थमा रोगियों के लिए बहुत जरूरी है, इसके नियमित अभ्यास से अस्थमा को नियंत्रित किया जा सकता हैं। 

कमर दर्द के लिए (For Back Pain)

 यह आसन पीठ दर्द के लिए रामबाण योग है। अगर इसका आप रोजाना अभ्यास करते हैं तो हमेशा हमेशा के लिए कमर दर्द की परेशानी से निजात  मिल सकती है। यह पीठ के लिगामेंट्स, मांसपेशियों एवं तंत्रिकाओं में खिंचाव ले कर आता है और पुरे स्पाइनल कॉलम में एक नई जान फूंकता है।धनुरासन का अभ्यास करने से पीठ मजबूत होती है और पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

स्पोंडिलाइटिस और स्लीप डिस्क के लिए (For Spondylitis and Slipped Disc)

 इस आसन के अभ्यास से स्लिप डिस्क में बहुत हद तक राहत मिल सकती है।  धनुरासन करने से कंधे रीढ़ और गर्दन की हड्डियों का भरपूर एक्सरसाइज होता है।गर्दन की हड्डियों में लचीलापन आता है और स्पॉन्डिलाइटिस मे आराम मिलता है। स्पोंडिलाइटिस की शिकायत हमेशा गलत पोस्चर मैं बैठने की वजह से होती है।

मोटापा कम करने के लिए (To Reduce Obesity)

 यह आसन वज़न कम करने के लिए एक उत्तम योगाभ्यास है। इसके नियमित अभ्यास से पेट की चर्बी कम होती है और आपके पेट को चुस्त-दुरुस्त बनाता है। रोजाना इसके अभ्यास से शरीर की मेटाबॉलिक क्रिया तेज होती है एवं इस आसन के अभ्यास में शरीर की कैलोरी भी अधिक बर्न होती है जिसके कारण शरीर में जमा अतिरिक्त फैट धीरे-धीरे कम होना शुरू हो जाता है। ।अगर एक सही डाइट के साथ नियमित धनुरासन का अभ्यास किया जाए तो आप आसानी से मोटापे पर नियंत्रण पाकर अपने आप को फिट रख सकते हैं।

थाइरोइड के लिए (For Thyroid)

यह योगासन थाइरोइड एवं अधिवृक्क ग्रंथियों को उत्तेजित करता है तथा इसके हॉर्मोन के स्राव में मदद करता है। इससे थायरोक्सिन हार्मोन का स्तर नॉर्मल होता है।थायराइड के रोगियों को भी इस अभ्यास को नियमित करना चाहिए यह हाइपोथाइरॉएडिज्म और हायपरथायराइडिज्म दोनों तरह की समस्याओं में विशेष लाभप्रद है।

मासिक चक्र से संबन्धित समस्याओं के लिए (For Problems Related to Menstrual Cycle)

 स्त्रीयों की मासिक चक्र से संबन्धित समस्याओं को दूर करने के लिए धनुरासन परम लाभदायी होता है। ऐसी महिलाएं जिन्हें मासिक धर्म की गड़बड़ी होती है और मासिक धर्म समय पर नहीं आता है। उन्हें धनुरासन (Dhanurasana) आवश्यक रूप से करना चाहिए। इसके अलावा जिन्हें डिंब ग्रंथि या गर्भाशय का कोई भी रोग हो उन्हें धनुरासन अवश्य करना चाहिए। जिन्हें प्रसव के बाद पेट पर झुर्रियों की शिकायत होती है उन्हें भी धनुरासन अवश्य रुप से करना चाहिए।

किडनी संबंधी समस्या के लिए (For Kidney Problems)

जिन लोगों को किडनी का दोष है या कोई किडनी संबंधी समस्या से ग्रस्त है उन सभी लोगो को धनुरासन को प्रतिदिन अवश्य करना चाहिए। इस आसन को करते समय किडनी पर दबाव पड़ता है जिससे किडनी में ब्लड फ्लो तेज जो जाता है। शोध की माने तो रोजाना इसके अभ्यास से किडनी के कई रोग दूर हो जाते है।

धनुरासन के लिए समय सीमा (Duration Of Bow Pose)

धनुरासन खाली पेट और सुबह के समय में करना चाहिए। धनुरासन की मुद्रा में आ जाने के बाद दस से बीस सेकंड तक उसी मुद्रा में शक्ति अनुसार रुकने का प्रयत्न करना चाहिए। धनुरासन मुद्रा में पहुचने के बाद, सामान्य गति से सांस अंदर लेने और बाहर छोड़ने की क्रिया के साथ भी किया जा सकता है। यह आसन दो से तीन बार करना चाहिए। (Note -10 से 20 सेकंड का एक सेट, ऐसे तीन सेट करने चाहिए।)

धनुरासन में सावधानी (Precautions)

धनुष मुद्रा का अभ्यास करने से पहले निम्न सावधानियां बरतनी चाहिए:

यदि आपने हाल ही में पेट की कोई सर्जरी कराई है तो इस आसन का अभ्यास न करें।

गर्भावस्था या मासिक धर्म के दौरान इस आसन का अभ्यास न करें।

यदि गर्दन या कमर के निचले हिस्से में चोट लगी हो तो इस आसन का अभ्यास न करें।

अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर, अल्सर, माइग्रेन, सिरदर्द या हर्निया जैसी समस्याएं हैं तो इस आसन से बचें।

यह आसन किसी योगा टीचर की निगरानी में सीख कर करें। धनुरासन की समय सीमा धीरे-धीरे बढ़ाएँ।

पढ़ने के लिए धन्यवाद! 

                                                                                                                                                                              रीना जैन

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