अगर आप वर्क फ्रॉम होम या ज्यादा देर तक बैठकर काम करते है, तो यह योगासन आपके लिए काफी फायदेमंद है। रोजाना अगर थोड़ा सा वक्त योग के लिए निकाला जाए तो कई तरह की बीमारियों से दूर रहा जा सकता है। प्रतिदिन खुद के लिए 30 मिनट का समय निकालना जरूरी है। हम अपने दैनिक जीवन में बहुत से आसनों के बारे में सुनते हैं, उन्हीं में से एक आसन है पर्वतासन योग। पर्वतासन करने की दो मुद्राएं होती हैं। पहली बैठकर जबकि दूसरी जो खड़े स्थिति में किया जाता है अधोमुख स्वानासन जैसी दिखाई देती है यह शरीर को उल्टा करने जैसा होता है इससे पूरे शरीर में रक्त प्रवाह तेज हो जाता है। यह आसन सिर से लेकर पैर तक रक्त प्रवाह को सुचारू रूप से करता है। इस आसन को करने से शरीर के सभी अंगों में रक्त का प्रवाह सुधरता है जिससे अच्छा स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
क्या है पर्वतासन? (What is Mountain Pose?)
पर्वतासन संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला ‘पर्वत’ यानी पहाड़ और दूसरा ‘आसन’ यानी मुद्रा। अंग्रेजी भाषा में इस आसन को Mountain Pose कहा जाता है। इस आसन को करते समय मनुष्य की आकृति एक पर्वत के समान हो जाती है, जिसके कारण हम इसे पर्वतासन योग कहते हैं। जब आप सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) करते हैं, तो आपके द्वारा किया जाने वाला 5वां और 8 वां पोज पर्वतासन ही होता है। यह आसन करने में बहुत ही सरल होता है, जिसके कारण कोई भी व्यक्ति इसे आराम से कर सकता है और इस आसन से कई लाभ उठा सकता है।
पर्वतासन कैसे करें (How to do Mountain Pose?)
पर्वतासन बैठकर (While Sitting)
- पर्वतासन करने के लिए सबसे पहले किसी साफ-सुथरी जगह पर जाएं।
- अपने हाथों को बगल में रखते हुए पद्मासन या सुखासन मुद्रा में बैठ जाएं।
- सुनिश्चित करें कि आपकी छाती बाहर है, गर्दन और रीढ़ सीधी है, और ठोड़ी अंदर खींची हुई है।
- धीरे-धीरे सांस लें और अपनी दोनों भुजाओं को एक साथ ऊपर उठाएं और उन्हें ऊपर की ओर तानें।
- अपनी हथेलियों को जोड़ो। आप अपनी उंगलियों को इंटरलेस भी कर सकते हैं।
- अपने धड़ को जितना आराम से खींच सकें उतना खींचे और ऊपर उठाएं।
- आप ध्यान या प्राणायाम का अभ्यास कर सकते हैं।
- इस स्थिति में 8-10 सेकेंड तक रुकें और धीरे-धीरे शुरुआती स्थिति में आ जाएं।
पर्वतासन खड़े होकर (While Standing)
- शुरू करने से पहले 5 मिनट के लिए वार्म-अप करें।
- इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद आगे झुकते हुए दोनों हथेलियों को जमीन पर रखें।
- दोनों पैर को पीछे ले जाएं। हाथों और पैरों के बीच लगभग 4 फीट का अंतर रखें। यह अंतर इंसान की लंबाई के हिसाब से कम ज्यादा हो सकता है।
- नितम्ब को उठायें और सिर को भुजाओं के बीच ले आएं, जिससे पीठ और पैर एक त्रिभुज की दो भुजाओं के समान दिखाई दें। पूरे शरीर का भार हथेलियों और पंजों पर रखें।
- प्रयास करें कि एड़ी जमीन को स्पर्श करे।
- इस स्थिति में आरामदायक अवधि तक रुकें।
- अंतिम स्थिति में पैर और भुजायें सीधी रहें। अभ्यास करते समय इस बात का ध्यान रखें कि अधिक जोर लगाने का प्रयास न हो। फिर वापस पहले की स्थिति में आएं।
पर्वतासन के लाभ ( Mountain Pose Benefits)
आइए पर्वतासन योग से होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं।
- इस आसन को करने से रक्त का प्रवाह शिरो भाग में तेज होता है जिससे मस्तिष्क की क्रिया शीलता बढ़ती है।
- इससे पूरे शरीर में रक्त प्रवाह तेज हो जाता है। -फेफड़ों को मजबूत करने के साथ ही शरीर में रक्त का संचार संतुलित रहता है।
- कमर, कंधे और गर्दन दर्द में इस आसन से राहत मिलती है।
- पर्वतासन मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने में भी मदद करता है।
- पर्वतासन के अभ्यास से पाचन का काम करने वाले सभी अंगों का समन्वय बेहतर हो जाता है।
- कमर की चर्बी को दूर करने मे लाभदायक होता है।
- यह आसन भुजाओं एवं पैरों की मांसपेशियो को मजबूती प्रदान करता है।
- पर्वतासन दिमाग से किसी भी प्रकार के स्ट्रेस, एंग्जाइटी या माइल्ड डिप्रेशन को दूर कर सकता है।
- ये शरीर में आॅक्सीजन की कमी को पूरा करने में भी सहायता करता है।
- पर्वतासन के अभ्यास से हाथ, कंधे, और हैमस्ट्रिंग मजबूत होते हैं।
- बॉडी फ्रेम को बैलेंस करने में फायदेमंद है।
- इससे स्ट्रेस, एंग्जाइटी और माइल्ड डिप्रेशन को दूर करने में सहायता मिलती है।
पर्वतासन कितनी देर व कब करें (How long and when to do Mountain Pose?)
प्रारंभ में, 10-15 सेकंड के लिए अंतिम स्थिति रखने का प्रयास करें। नियमित अभ्यास के साथ इस सयम को 1 – 5 मिनट तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अभ्यास में कोई दोहराव नहीं करना पड़ता है। पर्वतासन करने का सबसे अच्छा समय (सुबह होता है। हालांकि, यह शाम को भी किया जा सकता है। शाम के वक्त आसन करने के लिए भोजन कम से कम 4 से 6 घंटे पहले कर लें।
पर्वतासन करते समय रखें यह सावधानी
(Keep this Precautions while doing Mountain Pose)
पर्वतासन करने के पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा कुछ सावधानियां है जिन्हे पर्वतासन करने से पहले आपको जान लेना चाहिए।
- यदि आपको रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कोई परेशानी है तो आपको यह आसन नहीं करना चाहिए।
- यदि आपको फ्रोजन शोल्डर और गठिया है।
- यदि आपको उच्च रक्तचाप और गंभीर हृदय संबंधी शिकायत है।
- यदि आपको कलाई या हैमस्ट्रिंग में कोई चोट लगी है।
- गंभीर बीमारी होने पर भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।
- डायरिया और अस्थमा की समस्या होने पर ये आसन न करें।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!
रीना जैन
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