पवनमुक्तासन एक रिलैक्सिंग मुद्रा है जो सभी के लिए उपयुक्त है, चाहे आप बिगनर्स हों या एडवांस प्रैक्टिशनर हों। यह आसन करने में बेहद आसान है। इस आसन को करने से पेट संबंधी सभी विकारों से निजात मिलता है। यह आसन पेट के भारीपन को कम करने, रक्त संचार को बढ़ाने, नर्वस सिस्टम को स्टिमुलेट करने और पेट से गैस को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके साथ-साथ यह हानिकारक टॉक्सिन्स को भी शरीर से निकालता है।
इसके अलावा यह वजन कम करने, कब्ज को दूर करने, रीढ़ की हड्डी में लचीलापन लाने आदि में मदद कर सकता है। यह पाचन तंत्र को सही तरीके से काम करने में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण योगासन है। आइए जानते हैं कि पवनमुक्तासन के अभ्यास से आपको क्या फायदे मिल सकते हैं और इसका अभ्यास करने का सही तरीका-
पवनमुक्तासन क्या है? (What is Wind-Relieving Pose?)
अंग्रेजी में इसे “विंड रीलिविंग पोज” (Wind-Relieving Pose) के नाम से जाना जाता है।पवनमुक्तासन संस्कृत के दो शब्दों पवन (Pawan) और मुक्त (Mukta) से मिलकर बना है। इसमें पवन का अर्थ ‘हवा’ (Air) और मुक्त का अर्थ ‘छोड़ना’ (Release) है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, यह आसन पेट के पाचन तंत्र (Digestive Tract) से अनावश्यक गैस को बाहर निकालने में मदद करताहै। पवनमुक्तासन एक उत्कृष्ट आसन है, जो अच्छे पाचन के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
पवनमुक्तासन करने का सही तरीके (How to do Wind-Relieving Pose correctly?)
पवनमुक्तासन करने का तरीका बहुत आसान है, लेकिन इस आसन का अभ्यास करने में आपको थोड़ी कठिनाई जरूर हो सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि इस आसन का अभ्यास सही तरीके से किया जाए। आइये जानते हैं पवनमुक्तासन करने का तरीका।
- पावनमुक्तासन करने के लिए किसी शांत जगह पर एक योगा मैट बिछा ले।
- अब इस योगा मैट पर पीठ के बल यानी शवासन की मुद्रा सीधी स्थिति में लेट जाएं।
- श्वास लें और अपने पैरों को 90 डिग्री पर उठाएं।
- साँस छोड़ें, अपने पैरों को मोड़ें, और अपने घुटनों को अपनी छाती की ओर लाने का प्रयास करें।
- अपनी उंगलियों को गूंथकर अपने घुटनों को पकड़ें।
- अपने सिर को उठाएं और अपने माथे को अपने घुटनों से स्पर्श करें।
- मुद्रा बनाए रखते हुए सामान्य सांस लें।
- सबसे पहले, अपने सिर को नीचे लाएं और उसके बाद अपने पैरों को।
- अब सामान्य स्तिथि में आ जाये और 4 से 5 राउंड करें।
- अगर आप पवनमुक्तासन को प्रतिदिन करती हैं तो कुछ ही दिनों में पेट की समस्या से पूरी तरह से मुक्ति पा सकती हैं।
पवनमुक्तासन कितनी देर करना चाहिए? (How long should one do Wind-Relieving Pose?)
पवनमुक्तासन का अभ्यास आप अपनी क्षमता के अनुसार ही करें। सामान्यतः इस आसन में 30 सेकंड से लेकर 2 मिनट तक या इससे भी अधिक देर तक रुका जा सकता है। लेकिन आप धीरे-धीरे ही आसन में रुकने का समय बढ़ाए, इस आसन को करते समय किसी प्रकार की कोई जोर-जबरदस्ती न करें। अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार ही इस आसन में रूके।
पवनमुक्तासन करने से पहले यह आसन करें
1. मार्जरी आसन (Marjariasana or Cat Pose)
2. बालासन (Balasana or Child’s Pose)
पवनमुक्तासन करने के बाद आसन
पवनमुक्तासन के बाद आप शवासन करें।
पवनमुक्तासन के फायदे (Benefits of Wind-Relieving Pose)
पवनमुक्तासन से पर्याप्त स्वास्थ्य लाभ पाने के लिए उसे सही तकनीक के साथ और नियमित रूप से करना बेहद जरूरी होता है।
गैस की समस्या दूर करे (Solve Gas Problem)
खराब खानपान और अन्हेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से बहुत से लोग गैस और एसिडिटी जैसी पेट की समस्याओं से पीड़ित रहते हैं। यह आसान पाचन तंत्र को मजबूत कर पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। यह आसान उन लोगो के लिए फायदेमंद होता है जिनको अधिक गैस की समस्या होती है। यदि गैस की समस्या को दूर करना चाहते है तो रोजाना पवनमुक्तासन करें ।
पीठ दर्द दूर करें (Relieve Back Pain)
जिन लोगो को पीठ में दर्द जैसी समस्या रहती है उनके लिए पवनमुक्तासन बेहतर योगासन है। इस आसान को करने से पीठ के निचले हिस्से के दर्द और जोड़ो के दर्द से राहत मिलता है। ऐसा, इसलिए इस आसान को करने पर छाती और घुटनो पर दबाव पड़ता है। इसके अलावा रीढ़ की हड्डियों की मालिश भी हो जाती है।
पेट की चर्बी कम करें (Reduce Belly Fat)
मोटापा आज के समय की गंभीर समस्या में से एक है।मोटापे की समस्या से परेशान हैं और वजन कम करना चाहते हैं तो आप नियमित पवनमुक्तासन करें। इसको करने से पेट और जांघों में जमा चर्बी को कम किया जा सकता है।अगर खानपान पर थोड़ा ध्यान देकर, नियमित योगाभ्यास किया जाए तो मोटापे पर आसानी से काबू पाया जा सकता हैं। इस आसन को करने से पेट की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता हैं, साथ ही पेट से अतिरिक्त गैस बाहर निकलती हैं। जिससे वजन कम होने में मदद मिलती हैं।
महिलाओं के लिए फायदे (Benefits for women)
यह एक ऐसा आसन है जिसे महिलाओं को जरूर करना चाहिए।विशेषरूप से गर्भाशय कीसमस्या से पीड़ित महिलाओं को इस आसन को करने की सलाह दी जाती है।यह आसन गर्भाशय (Uterus) से जुड़ी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। जनन क्षमता बेहतर बनाने में भी यह आसन फायदेमंद होता है।
शरीर का लचीलापन बढ़ता हैं (Increases Body Flexibility)
पवनमुक्तासन के अभ्यास से शरीर का लचीलापन बढ़ता हैं और शरीर की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं। इस आसन के अभ्यास से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन भी सही रहता हैं, जिससे शरीर के सभी अंगों तक खून का संचार सही रहता हैं। यह आसन रीढ़ की हड्डी के लिए भी फायदेमंद होता है। इसका अभ्यास करने से रीढ़ की हड्डी लचीली व मजबूत बनती है।
आंत के लिए फायदेमंद (Beneficial For the Intestine)
पवनमुक्तासन करने से आंत की क्रियाएं अधिक सक्रिय होती हैं और यह आसन आंत को कई विकारों से दूर रखने में मदद करता है। इसके अलावा यह आसन करने से लिवर भी सही तरीके से अपना काम करता है।
पवनमुक्तासन के दौरान सावधानियां (Precautions During Wind-Relieving Pose)
पवनमुक्तासन योग मुद्रा के दौरान कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना जरूरी है –
- योग मुद्रा शुरू करने से पहले स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज और वार्म अप कर लें।
- योगासन के दौरान गर्दन को जोर न पड़ने दें।
- घुटनों को ठोड़ी के करीब लाते समय मुंह को आगे लाने की कोशिश न करें।
- जबरदस्ती नाक को घुटनों पर लगाने की कोशिश न करें। धीरे धीरे इसका अभ्यास करें।
- कोई भी क्रिया बलपूर्वक न करेंयदि किसी व्यक्ति को पीठ या गर्दन में किसी तरह की समस्या है, तो पवनमुक्तासन नहीं करना चाहिए।
- स्लिप डिस्क में परेशानी होने पर पवनमुक्तासन से बचना चाहिए।
- किसी को घुटनों में अधिक दर्द है तो ये आसन अवॉइड करें।
- बवासीर, हर्निया या पेट की सूजन जैसी समस्या होने पर पवनमुक्तासन नहीं करना चाहिए।
- हृदय से जुडी किसी तरह की समस्या होने पर पवनमुक्तासन नहीं करना चाहिए।
- महिलाओं को मासिकधर्म के दौरान पवनमुक्तासन नहीं करना चाहिए।
- खान-खाने के तुरंत बाद पवनमुक्तासन नहीं करना चाहिए।
- योगा करने से पहले चिकिस्तक और योगा इंस्ट्रक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
इस ब्लॉग की जानकारी ज्ञान के उद्देश्य से है और इसमें कोई चिकित्सकीय सिफारिश शामिल नहीं है। सलाह का पालन करने से पहले एक प्रमाणित चिकित्सक से परामर्श करें।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!
रीना जैन
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