Viparita Karani Asana

Viparita Karani Asana (Legs Up The Wall Pose): बढ़ती उम्र का असर रोक देता है यह आसन

लेग अप पोज़ या विपरीत करणी आसन फिट और स्वस्थ रहने के लिए सबसे अच्छे योग आसन में से एक है। यह एजिंग साइन को रोकता है और रक्त के प्रवाह को शरीर में बेहतर करने में मदद करता है।यह एक खास योग मुद्रा है, जो शरीर के कई अलग-अलग हिस्सों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। यह एक उलटा आसन है, विपरीत करनी योग आसन एक स्फूर्तिदायक और उल्टा होने वाली मुद्रा है, यह आसन धीरे-धीरे शरीर को पूर्ण विश्राम की स्थिति में लाता है। यह मस्तिष्क को शांत करता है और इसे अधिक आत्म-जागरुक बढ़ाता है। रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने के लिए और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए विपरीत करणी योगमुद्रा को विशेष रूप से जाना जाता है। इस लेख में हम विपरीत करणी से होने वाले स्वास्थ्य लाभ और साथ ही इसका अभ्यास करने के सही तरीके के बारे में जानेंगे।

इस आसन को लेग्स अप द वॉल पोज़ (Legs Up the Wall pose) भी कहा जाता है। विपरीत करणी यह नाम संस्कृत के शब्द  विपरीत , जिसका अर्थ है “उलटा”और करणी , जिसका अर्थ है “एक विशेष प्रकार का अभ्यास”।  जिसमें विपरीत का अर्थ है उल्टा और करणी का मतलब है करना। इससे इस योगासन का शाब्दिक मतलब ‘उल्टा करना’ है। इसे हठ योग में भी शामिल किया गया है। कुछ हिंदू धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि विपरीत करनी न केवल झुर्रियों को कम करता है, बल्कि बुढ़ापे को रोकता है।

यदि आप पहली बार विपरीत करणी योगाभ्यास करने जा रहे हैं, तो आपको यह योगासन करने के सही तरीकों के बारे में पता होना जरूरी है।

  • मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
  • सांस भरते हुए दोनों पैरों को ऊपर उठाएंऔर हाथों को जमीन पर सीधा रखें।
  • फिर धीरे-धीरे दोनों पैरों को ऊपर की तरफ उठाएं। ध्यान रहे पैरों को उठाते समय आपकी कमर का 70% भाग ऊपर की ओर होना चाहिए।
  • इस आसन को करते वक्त आपके दोनों हाथ कमर के निचले हिस्से पर रहेंगे, जिससे शरीर का संतुलन बनाने में आसानी होती है।
  • चेहरे को थोड़ा सा पीछे की ओर रखना होता है।
  • कुछ समय तक ऊपर की तरफ रहे हैं फिर धीरे-धीरे वापस आ जाए।
  • इस आसन को करते समय अपने आप को इस पोज में जितने समय तक अपनी सामर्थ्य के अनुसार रोक सके, रुके जबरदस्ती ना करें।

यह आसन गर्दन क्षेत्र के साथ-साथ थायरॉइड ग्रंथियों के आसपास रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है। थायरॉइड ग्रंथियों को स्टिमुलेट करके, विपरीत करणी मुद्रा हाइपोथायरॉइिडिज्म की समस्या को मैनेज करने में मदद करती है। हाइपोथायरायडिज्म का मतलब थायरॉयड ग्रंथि की असामान्य रूप से कम गतिविधि है, जिसके परिणामस्वरूप कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। हाइपोथायरायडिज्म भी मोटापे को बढ़ाने वाले कारणों में से एक है। विपरीत करणी थायरॉयड ग्रंथि के स्वास्थ्य को बनाए रखकर हाइपोथायरायडिज्म से राहत दिलाने में मदद कर सकती है।

 इस आसन को करते समय मस्तिष्क नीचे की तरफ होता है जिससे मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है।मस्तिष्क में रक्त संचार की मात्रा सुचारू से होने के कारण इस आसन को करने से मानसिक प्रसन्नता प्राप्त होती है, और मन एकाग्र होता है ,सिर दर्द और माइग्रेन जैसी समस्याओं में इस आसन को करने से लाभ मिलता है

विपरीत करनी आसन से सिर की ओर रक्त प्रवाह बेहतर ढंग से होता है। इससे ऑक्सीजन मस्तिष्क तक सही से पहुंचता है। बालों को मिलने वाले पोषण में सुधार होता है। इससे आपके हेयर फॉलिकल मजबूत होते हैं और बालों की ग्रोथ तेज होने लगती हैं। इस आसन से बाल घने भी होते हैं। ये आसन तनाव दूर करने में भी मददगार है। बता दें कि तनाव के कारण भी हेयर फॉल होता है।

यह शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है और शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ को बाहर निकाल देता है। साथ ही साथ इस आसान को करने से पैरों का तनाव और प्रेशर दोनों कम हो जाता है। यह वैरिकोज वेंस के लक्षणों को कम करने बहुत मददगार साबित होता है।

 विपरीत करनी योगासन करने से महिलाओं में मासिक धर्म से संबंधित समस्याएं भी दूर  होती हैं। यह मासिक धर्म की तमाम परेशानियों को कम करने में मदद करता है, इसलिए महिलाओं के लिए यह एक उपयोगी आसन है।

विपरीत करणी योगासन करते समय मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह सुचारू रूप से होने के कारण चेहरे पर निखार आता है और चेहरे में दाग धब्बे झुर्रियां दूर होकर चेहरा खिला हुआ रहता है।इस योग आसन को करने से बढ़ती हुई उम्र का असर कम दिखाई देता है ।चेहरे की झुर्रियां गायब हो जाती है।

सुबह-सबसे इस योग का अभ्यास करना सबसे अच्छा है। लेकिन अगर आप सुबह नहीं कर सकते हैं, तो शाम को इसका अभ्यास करना ठीक है। आसन को करने से कम से कम चार से छह घंटे पहले अपना भोजन करें ताकि आपका भोजन पच जाए और अभ्यास के दौरान आपके पास पर्याप्त ऊर्जा हो। इस आसन का अभ्यास करने से पहले आप ध्यान रखें कि आपका पेट खाली हो। 

विपरीत करणी आसन के अभ्यास पहले आप इन आसनों का अभ्यास कर सकते हैं-

  • वीरासन
  • उत्तानासन

विपरीत करणी आसन के अभ्यास के बाद आपको इन आसनों का अभ्यास करना चाहिए-

  • सुखासन
  • शवासन

विपरीत करणी एक सरल योगासन है, हालांकि फिर भी इस योग मुद्रा को बनाते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है –

  • कोई भी योग क्रिया बलपूर्वक या झटके के साथ करने की कोशिश न करें।
  • इस आसन में आने का प्रयास करते समय आप सहारे के लिए दीवार का भी उपयोग कर सकते हैं । 
  • शुरुआती लोग कमर के नीचे तकिया, कंबल या तकिया रखकर विपरीत करणी मुद्रा भी कर सकते हैं। 
  • किसी भी चोट से बचने के लिए प्रशिक्षित योग शिक्षक की देखरेख में योग का अभ्यास और सीखना आवश्यक है।  

यदि आपको स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी समस्या है, तो आपको विपरीत करणी योगाभ्यास करने से पहले डॉक्टर से अनुमति ले लेनी चाहिए। इन स्वास्थ्य समस्याओं में निम्न शामिल हैं –

  • इस आसन को पीरियड्स के दौरान ना करें।
  • अगर आपको मोतियाबिंद की समस्या है तो इस आसन को करना अवॉयड करें।
  • पीठ दर्द की समस्या में भी इस आसन को न करें।
  • कूल्हे या घुटने की चोट में भी इसे नहीं करना चाहिए।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान भी इस आसन को करने से बचें।
  • ग्लूकोमा, हाई ब्लड प्रेशर या हर्निया के रोगियों को इस आसन को नहीं करना चाहिए।
  • शरीर के किसी हिस्से में गंभीर दर्द, मोच, जकड़न या चोट लगी होना।

इस योग के अभ्यास से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।

पढ़ने के लिए धन्यवाद! 

                                                                                                                      रीना जैन

Translate »
error: Content is protected !!