Benefits Of Face Steaming: जानें भाप लेने का सही तरीका और फायदे

भाप लेना कोई नया तरीका नहीं है, बल्कि काफी पुराना और कारगर उपचार है। इसे स्टीम थेरेपी (Steam therapy) भी कहा जाता है गर्म पानी की भाप नाक के जरिए हमारी बॉडी में जाकर गर्मी पैदा करती है और खराब बैक्टीरिया खत्म करती है, जिससे कफ या सर्दी जैसी प्रॉब्लम्स दूर होती हैं। साथ ही जब गर्म भाप हमारी स्किन पर पड़ती है तो इससे स्किन के पोर्स खुलते हैं और स्किन की गंदनी बाहर निकलती है। आम तौर पर नाक खोलने के लिए भाप लिया जाता है और यह सर्दी, एलर्जी या साइनसाइटिस से पीड़ित लोगों के लिए विशेष रूप से काम करता है। भाप लेने से गले की खराश से भी राहत मिल सकती है। चलिए आपको बताते हैं भाप लेने के कुछ फायदे साथ ही आपको बताते हैं कि इसका सही और उचित तरीका क्या है। 

गर्म पानी की भाप नाक के जरिए हमारी बॉडी में जाकर गर्मी पैदा करती है और खराब बैक्टीरिया खत्म करती है, जिससे कफ या सर्दी जैसी प्रॉब्लम्स दूर होती हैं। साथ ही जब गर्म भाप हमारी स्किन पर पड़ती है तो इससे स्किन के पोर्स खुलते हैं और स्किन की गंदनी बाहर निकलती है। ऐसे में स्किन हेल्दी होती है।

भाप से त्वचा के रोमछिद्र अपने आप खुलने लेते है और स्किन क्लीनिंग के लिए तैयार हो जाती है। इससे स्किन सेल्स बूस्ट होते हैं और रक्त प्रवाह भी बढ़ता है। इससे एजिंग भी स्लो हो जाती है और चेहरे पर निखार बना रहता है। अक्सर फेशियल से पहले 4 से 5 मिनट की स्टीम ली जाती हैं। अगर आप स्टीम लेती हैं, तो उससे चेहरे पर नज़र आने वाले ब्लैक हेड्स और व्हाइट हेड्स की समस्या हल हो जाती है। इससे स्किन पोर्स ओपन हो जाते हैं। स्टीम के संपर्क में आने के बाद डेड स्किन सेल्स बाहर आ जाते हैं। भाप लेने से त्वचा को हाइड्रेट करने में मदद मिलती है। यह कोलेजन और इलास्टिन को बढ़ावा देता है, जिससे त्वचा मज़बूत और जवां दिखती है। 

भाप लेने से गले की मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं और सूजन कम होती है।भाप लेने से नाक खुलती है और गले और फेफड़ों में जमा बलगम ढीला होकर बाहर निकल जाता है। सांस लेने में आ रही परेशानी दूर होती है।

भाप लेने से सांस संबंधी बीमारियों में आराम मिलता है. यह फेफड़ों और साइनस में बलगम को ढीला करता है, कंजेशन में मदद करता है, गले की खराश को कम करता है और आवाज़ की कर्कशता को ठीक करता है।

ठंड और मौसमी बदलाव के कारण अकसर लोगों को सिरदर्द की परेशानी होने लगती है। लेकिन भाप लेने से इससे तुरंत राहत मिल सकती है।ठंड-गर्मी और मौसम में बदलाव के कारण अकसर लोगों की नाक बंद हो जाती है। लेकिन भाप लेने से इससे तुरंत राहत मिल सकती है। भाप की गर्मी से नाक के अंदर का कफ पिघलने लगता है। नाक के रास्ते साफ होते हैं और सांस के लिए जगह बनती है।

भाप लेने से गले में खराश और सूखेपन की समस्या दूर होती है। यह गले को शांत करता है और आवाज़ में सुधार करता है। भाप लेने से गले और छाती में जमा बलगम को ढीला करने और बाहर निकालने में मदद मिलती है।

सर्दी-जुकाम, गले में खराश के अलावा स्टीम लेने से नींद में आ रही बाधाएं भी दूर होती हैं। जब सांस नली क्लीयर होती है और बंद नाक की भी प्रॉब्लम दूर हो जाती है, तो इससे आप सुकून भरी नींद ले पाते हैं। स्टीम थेरेपी बॉडी के साथ दिमाग को भी रिलैक्स करने का काम करती है।

  • स्टीम लेने के लिए आप एक बड़े कटोरे में गर्म पानी ले लीजिए या बाजार में मिलने वाली मशीनों से भाप ली जा सकती है।
  • 5 से 10 मिनट तक भाप लें इस दौरान आंखों को बंद रखें।
  • ध्यान रहे कि चेहरे को पानी के ज्यादा नजदीक लेकर नहीं जाना है।
  • भाप लेते समय अपनी आँखें बंद रखें।
  • भाप को अंदर आने देने के लिए धीमी और गहरी साँस लें।
  • दिन में दो बार से अधिक भाप न लें।
  • भाप को रोकने के लिए अपने सिर और कंटेनर को तौलिये से ढक लें।
  • चेहरे को स्‍टीम देते वक्‍त पानी के ज्‍यादा नजदीक न लेकर जाएं, इससे चेहरे पर जलन हो सकती है।
  • चेहरे को स्‍टीम देने के बाद मॉइश्चराइजिंग क्रीम लगाएं।
  • अधिक समय तक भाप लेने से त्वचा को नुकसान हो सकता है। इसलिए 10-15 मिनट तक भाप लेना पर्याप्त होता है।
  • अगर आपको जुकाम है या फिर नाक बंद है तो पानी में विक्स डाल सकते हैं।
  • हफ्ते में तीन से चार बार ऐसा करें कई स्वास्थ्य लाभ मिलेंगे।
  • भाप लेते समय अक्सर लोग ये गलती करते हैं कि पंखा, एसी या कूलर चलने देते हैं। अगर आप भी ये कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं। भाप लेते समय और भाप लेने के बाद हवा में मत बैठिए।
  • साथ ही कुछ घंटे तक ठंडा पानी भी मत पीजिए। इससे आपकी सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। 
  • सभी घरेलू नुस्खों की तरह यहां भी याद रखें कि जो चीज एक आदमी पर प्रभावशाली होती है, जरूरी नहीं दूसरे पर भी हो। अगर आपको ज़ुकाम या दूसरे इंफेक्शन के लक्षण एक सप्ताह से अधिक समय तक बने रहें तो बिना किसी देरी के डॉक्टर से संपर्क करें।

पढ़ने के लिए धन्यवाद ! 

रीना जैन

Translate »
error: Content is protected !!