लौंग खाने से मजबूत होती है इम्यूनिटी (All About Clove (Laung) in Hindi)

सब्जी व मसालों में लौंग का सेवन तो अमूमन हर घर में किया जाता है। यह छोटा सा दिखने वाला मसाला औषधीय गुणों से भरपूर होता है। लौंग के अंदर भरपूर मात्रा में सोडियम, पोटेशियम, विटामिन सी, विटामिन बी, विटामिन ए, फोलेट, नियासिन, फास्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन, कैल्शियम, ग्लूकोस, फाइबर, प्रोटीन आदि पाया जाता है। लौंग का उपयोग करना लाभदायक होता है, लेकिन सच यह है कि बहुत सारे लोगों को लौंग के प्रयोग से होने वाले अनेक लाभों  के बारे में जानकारी ही नहीं होती। इस कारण लोग लौंग को केवल कुछ ही चीजों में प्रयोग करते हैं। 

लौंग क्या है? (What is Cloves?)

Hybrid Dwarf Spice Clove Tree Plant Syzygium Aromticum for Home Garden :  Amazon.in: Garden & Outdoors

लौंग खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ यह अद्भुत मसाला कई स्वास्थ्य लाभों से जुड़ा हुआ है। लौंग के वृक्ष पर लगभग 9 वर्ष की आयु में फूल लगने शुरू हो जाते हैं। 12 से 25 वर्ष तक अच्छी उपज होती है, लौंग 150 वर्ष से अधिक तक जिंदा रहता है। हम जिस लौंग को खाते हैं वह लौग के फूल की बिना खिली कली होती है, जिसे तोड कर सुखा लिया जाता है। भारत में लौंग का इस्तेमाल मसाले के रूप में काफी प्रचलित है। इसका वैज्ञानिक नाम सीजिजियम अरोमैटिकम (Syzygium Aromaticum) है। लौंग को अंग्रेजी में क्लोव (Clove) कहते है लौंग की तासीर गर्म होती है। लौंग हमारे शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं (WBC) का निर्माण करने में मदद करती है जिससे हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।

एक्सपर्ट के अनुसार, प्रतिदिन 2 लौंग का सेवन स्वास्थ्य से जुड़ीं कई परेशानियों को ठीक करने में मदद करता है।  

लौंग के तेल के फायदे (Benefits of Clove Oil)

  • लौंग के तेल का अरोमा इतना सशक्त होता है कि इसे सूंघने से जुकाम, कफ, दमा, ब्रोंकाइटिस, साइनसाइटिस आदि समस्याओं में तुरंत आराम मिल जाता है।
  • लौंग का तेल मांसपेशियों के दर्द और जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए एक दर्द निवारक है। लौंग के तेल से पैरों पर मालिश करने से साइटिका का दर्द खत्म हो जाता है।
  • दांतो में कितना भी दर्द क्यों न हो, लौंग के तेल को उनपर लगाने से दर्द छूमंतर हो जाता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल विशेषता होती है जिस वजह से अब इसका इस्तेमाल कई तरह के टूथपेस्ट, माउथवाश और क्रीम बनाने में किया जाता है।
  • इसके तेल में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जिससे फंगल संक्रमण, कटने, जलने, घाव हो जाने या त्वचा संबंधी अन्य समस्याओं के उपचार में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
  • लौंग का तेल पेन किलर के अलावा मच्छरों को भी दूर भगाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। पानी में लौंग के तेल को मिलाकर घर में छिड़कने से कीटाणु बाहर भाग जाते हैं।   

खाली पेट लौंग चबाने के फायदे (Benefits of Chewing Cloves on an Empty Stomach)

  • दातों में दर्द की समस्या है तो आप सुबह उठकर लौंग को चबा सकते हैं या लौंग के तेल का इस्तेमाल करके भी समस्या को दूर कर सकते हैं। लौंग को उबालकर इसके पानी को माउथ वॉश की तरह उपयोग कर सकते हैं।
  • खाली पेट लौंग का सेवन गैस की समस्या, पेट फूलना, मतली, डायरिया, उल्टी, अपच आदि समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है।
  • लौंग के अंदर विटामिन सी पाया जाता है। साथ ही ये एंटीऑक्सीडेंट का भी मुख्य स्रोत है। ऐसे में अगर इसका खाली पेट सेवन किया जाए तो यह सफेद रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में मददगार है। 
  • हड्डियां कमजोर हैं तो सुबह उठकर लौंग की दो कली चबाना एक बेहतर विकल्प है। लौंग के अंदर मैग्नीज पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूती देता है। 
  • अगर आप वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज या योग की मदद लेते हैं तो इससे पहले लौंग का सेवन करें। लौंग मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है। साथ ही शरीर से अतिरिक्त चर्बी को बाहर निकालने में भी उपयोगी है।
  • खाली पेट लौंग पेट के कीड़ों को खत्म करती है।
  • खाली पेट लौंग को मुंह में रखकर चूसने से खांसी भी ठीक होती है। 

शहद के साथ लौंग के फायदे (Benefits of Cloves With Honey)

  • चुटकीभर लौंग पाउडर के साथ 1 चम्मच शहद मिलाकर लेने से उल्टी में फायदा मिलता है।
  • लौंग और लहसुन की कलियां पीसकर इसके पेस्ट को पानी और शहद के साथ खाने से यह जुकाम, खांसी और कफ से आराम दिलाता है। 
  • मुंह के छालों से राहत पाने के लिए भी आप एक चम्मच शहद में लौंग का पाउडर मिलाकर इसका पेस्ट बना लें। फिर इस पेस्ट को छालों पर लगाएं और कुछ देर के लिए किसी और चीज का सेवन न करें।
  • शहद और लौंग का मिश्रण लिवर को डिटॉक्सीफाई करने में भी मदद करता है। 
  • लौंग और शहद में एंटी बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो स्किन को इंफेक्शन से बचाने में मददगार होता है। साथ ही मुंहासों को दूर करता है।
  • बदलते मौसम में गले में दर्द की शिकायत बेहद आम है। ऐसे में शहद और लौंग के मिश्रण का सेवन करने से इंफेक्शन और दर्द से आराम मिल सकता है ।

लौंग खाने के नुकसान (Side Effects Of Clove)

कुछ लोग बिना इसके नुकसान के बारे में सोचे, माउथ फ्रेशनर के तौर पर दिन भर लौंग चबाते हैं, तो वहीं कुछ लोग भोजन के ज़रिये भी लौंग का बहुत अधिक सेवन करते हैं। ऐसे लोगों को लौंग के अत्यधिक (Excess) सेवन से जुड़े इन नुकसानों के बारे में भी जानने की ज़रूरत है। आइये यहां जानते हैं लौंग के ज्यादा सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में।

  • कभी-कभी व्यक्ति को एलर्जी जैसे उल्टी, मतली या स्किन एलर्जी का भी सामना करना पड़ सकता है।
  • लोंग के सेवन से लिवर डैमेज की संभावना भी हो सकती है।
  •  ज्यादा मात्रा में लौंग का सेवन रक्त को पतला कर सकता है।
  • इसकी तासीर बहुत गर्म होती है जिसके चलते लिवर, किडनी और पेट की परेशानी होने का खतरा रहता है।
  • लौंग के ज्यादा सेवन से आंखों में जलन होने की परेशानी हो सकती है। 
  • ज्यादा मात्रा में लौंग का सेवन नहीं करना चाहिए. इससे पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन नामक हॉर्मोन कम हो सकता है।
  • गर्भावस्था में इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

लौंग का तेल बनाने की विधि (How To Make Clove Oil?)

लौंग और लौंग के तेल के फायदे के बारे में आप ऊपर जान चुके हैं। अब हम घर में लौंग का तेल बनाने की विधि बता रहे हैं।

सामग्री:

  • 15-20 साबुत लौंग या
  • एक चम्मच लौंग का पाउडर।
  • 100 एमएल जैतून का तेल।

बनाने की विधि:

  • एक कांच की बोतल में पहले जैतून का तेल डालें।
  • फिर साबुत लौंग या फिर लौंग का पाउडर डाल दें।
  • ऐसा करने के बाद बोतल का ढक्कन टाइट से बंद करके उसे अच्छा से हिला लें।
  • अब करीब 10 से 15 दिन तक बोतल को रोज हिलाएं और ऐसे ही रहने दें।
  • 15 दिन के बाद लौंग के गुण जैतून तेल में समा जाएंगे और लौंग का तेल बनकर तैयार हो जाएगा।
  • चाहें, तो बोतल में से साबुत लौंग या लौंग के पाउडर को छान कर निकाल सकते हैं।
    अन्यथा, उन्हीं के साथ तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

नोट – जो लौंग सुगन्ध में तेज, स्वाद में तीखी हो और दबाने में तेल का आभास हो उसी लौंग का अच्छा मानना चाहिए। दुकानदार बेचने वाले लौंग में तेल निकला हुआ लौंग मिला देते है। अगर लौंग में झुर्रिया पड़ी हो तो समझे कि यह तेल निकाली हुई लौंग है। उसे ना खरीदे।लौंग के तेल को कभी भी सीधे त्वचा पर न लगाकर किसी तेल में मिलाकर लगाना चाहिए।

पढ़ने के लिए धन्यवाद! 

इस ब्लॉग की जानकारी ज्ञान के उद्देश्य से है और इसमें कोई चिकित्सकीय सिफारिश शामिल नहीं है। सलाह का पालन करने से पहले एक प्रमाणित चिकित्सक से परामर्श करें।

                                                                                                                                                                              रीना जैन


Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »
error: Content is protected !!