भारतीय परंपरा के अनुसार कपूर का उपयोग भगवान की आरती के लिए किया जाता है। यदि पूजा के अलावा कपूर की बात करे तो यह हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। शायद बहुत लोग को पता नहीं होगा, की कपूर का उपयोग औषधीय बनाने में किया जाता हैं। कफ, सूजन, दर्द जैसी समस्या से कपूर आराम दिलाता है। इसके अलावा कीड़े मकोड़े दूर रखने के लिए भी कपुर का उपयोग होता है। कपूर का इस्तेमाल अनेक प्रकार की दवाएं बनाने के लिए किया जाता है। कई स्वास्थ्य समस्याओं का घरेलू उपचार करने के लिए भी कपूर का उपयोग किया जाता है। दक्षिण भारत में कुछ विशेष प्रकार के भोजन में इसे डाला जाता है। कपूर आजकल मार्केट में टिकिया, गोली व पाउडर के रूप में मिल जाता है।
कपूर क्या है? (What is Camphor?)
कपूर एक प्रकार का जमा हुआ उड़नशील सफेद पदार्थ है। जिससे तेज गंध आती है और यह स्वाद में भी काफी तीखा होता है। कपूर को संस्कृत में कर्पूर, फारसी में काफ़ूर और अंग्रेजी में कैंफ़र कहते हैं। कपूर का इस्तेमाल अनेक प्रकार की दवाएं बनाने के लिए किया जाता है। आयुर्वेद मुख्य रूप से दो तरह के कपूर प्रयोग में लाये जाते हैं। एक पेड़ों से प्राप्त होता है और दूसरा कृत्रिम रूप से रासायनिक प्रक्रिया द्वारा बनाया जाता है। प्राकृतिक कपूर को भीमसेनी कपूर कहा जाता है, भीमसेनी कपूर सामान्य कपूर से भिन्न होता है। उदाहरण के लिए, भीमसेनी कपूर कम मात्रा में खाने योग्य होता है और अधिकांश लोग सुरक्षित रूप से इसका सेवन कर सकते हैं। भीमसेनी कपूर सिनामोमम कैम्फोरा या कपूर वृक्ष नामक पेड़ से प्राप्त होता है। यह औषधीय और धार्मिक उद्देश्यों के लिए सर्वोत्तम है और आयुर्वेदिक ग्रंथों में इस कपूर का उल्लेख मिलता है। साथ ही, भीमसेनी कपूर अनियमित आकार और साइज़ में आता है क्योंकि यह पूरी तरह से प्राकृतिक है। कपूर की तासीर ठंडी होती है।
कपूर कैसे बनता है? (How Camphor is Made?)
अधिकांश लोग नहीं जानते हैं कि कपूर कैसे बनाया जाता है। भारत में ज्यादातर कपूर रासायनिक विधि द्वारा बनाया जाता है। कपूर 2 प्रकार के होते है। प्राकृतिक कपूर (Natural) और कृत्रिम कपूर (Chemical Camphor)। प्राकृतिक कपूर को देसी कपूर, भीमसेनी कपूर, जापानी कपूर के नाम से जाना जाता है जोकि Natural Product है। दरअसल, कपूर वाले पेड़ की वुड चिप्स यानी छाल के टुकड़ों से आसवन विधि के जरिए बनाया जाता है। इसमें इन वुड चिप्स को गर्म करके वाष्प के जरिए पाउडर बनाया जाता है और उस पाउडर के जरिए ही असली कपूर बनता है। भारत में कपूर केवल पत्तियों के आसवन से ही प्राप्त किया जाता है। भारत में कपूर देहरादून, मैसूर, सहारनपुर, नीलगिरी में पैदा होता है। हालांकि, अब कृत्रिम रुप से कपूर बनाए जाने लगा है। कृत्रिम कपूर– यह कपूर रासायनिक तरीके से बनाया जाता है। ये कपूर तारपीन के तेल को बहुत सी केमिकल प्रक्रियाएं करने के बाद प्राप्त होता है। असली कपूर पेड़ से ही बनता है। हालांकि, अब डिमांड ज्यादा होने की वजह से यह फैक्ट्रियों या लैब में तैयार होता है।
कपूर के फायदे क्या हैं? (What are the Benefits of Camphor?)
कपूर के कई सारे अगल अलग तरीके हैं जिनमें ये हमारे शरीर के अलग अलग हिस्सों को फायदे पहुंचाने के काम आता है-
बालों के लिए फायदेमंद (Beneficial for Hair)
आयुर्वेद के अनुसार बालों के लिए प्राकृतिक कपूर डला तेल अच्छा माना गया है। देसी कपूर नारियल तेल में डालकर लगाने से बाल मजबूत, घने होते हैं और डैंड्रफ-रूसी का नाश होता है।
जली त्वचा को ठीक करे (Heal Burnt Skin)
कपूर में त्वचा को ठंडक दिलाने वाले गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा जलने के कारण होने वाले लक्षणों को कम कर सकते हैं। साथ ही कपूर में कुछ खास प्रकार के तत्व भी पाए जाते हैं, जो जलने के कारण हुए घाव में संक्रमण नहीं होने देते और उसे जल्दी ठीक करने में भी मदद करते हैं।आग से जलने या चोट के कारण त्वचा पर दाग़ पड़ने पर थोड़ा-सा कपूर पानी में मिलाकर प्रभावित स्थान पर नियमित रूप से कुछ दिनों तक लगाने से निशान मिट जाता है।
बवासीर में फायदेमंद (Beneficial in Piles)
चने के बराबर कपूर केला के बीच में रखकर खाने से बवासीर रोग में लाभ होता है। नारियल के तेल में देसी कपूर मिलाकर गुदा मार्ग (Anus) पर लगाने से दर्द, जलन से राहत, ठंडक मिलती है और सूजन भी कम होती है।
दरार वाली व कटी एड़ियां के लिए (For Cracked and Cut Heels)
अगर आपकी एड़ियों में कट या दरार है, तो आप कपूर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस समस्या के घरेलू इलाज के लिए पानी से भरी हुई बाल्टी में 10 से 12 कपूर की टिक्की डाल लें। अब इस पानी में अपनी एड़ियों को 10 से 15 मिनट तक डालकर रखें। इस घरेलू उपाय से आपकी एड़ियां मुलायम हो जाएंगी और दरार भर जाएंगी।
सर्दी-जुकाम में फायदेमंद (Beneficial in Cold and Flu)
कपूर को तेल में मिलाकर सीने पर मालिश करने बंद नाक, कफ और फेफड़ों की जकड़न से रहत दिलाता है। कपूर में डिकंजेस्टेन्ट प्रॉपर्टीज भी मौजूद होती हैं, जो साइनस, नाक व गले में जमा बलगम को पतला करने और श्वसन मार्गों को खोलने का काम करती हैं। लगभग सभी बाम जैसे विक्स, झंडू, अमृतांजन आदि में कपूर जरूर होता है। कपूर को गरम पानी में डालकर भाप लेना भी बंद नाक खोलने और बलगम ढीला करने में असरदार है। सर्दी-जुकाम व फेफड़े संबंधी रोगों से परेशान हैं तो एक रूमाल में कपूर बांधकर सूंघे से फायदा होगा
गठिया और जोड़ों का दर्द के लिए (For Arthritis and Joint Pain)
कपूर मिला तेल आर्थराइटिस और मांसपेशियों के दर्द में मालिश करने से राहत देता है। इसके लिए सरसों के तेल में कपूर को मिलाकर घुटनों और जोड़ों की मालिश करें। दर्द से आराम मिलेगा और घुटने जाम भी नहीं होंगे।
त्वचा के लिए उपयोगी (Useful for Skin)
इसके लिए थोड़ा सा नारियल तेल में कपूर मिलाकर मुहाँसे पर लगायें। मुहाँसों का आकार घटने लगेगा और नए मुहाँसे भी नहीं आयेंगे। कपूर से मुंहासे भी दूर होते हैं। इसे अलग-अलग तरह से फेस पैक में मिलाकर लगाया जा सकता है।जिस तरह से ये मुंहासों के लिए फायदेमंद होता है वैसे ही ये चेहरे के पिगमेंटेशन के लिए भी अच्छा है।
कपूर में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो त्वचा में जलन व खुजली जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण भी पाए जाते हैं, जो त्वचा को कई प्रकार के संक्रमणों से बचाते हैं।
दांत का दर्द लाभदायक (Toothache Beneficial)
आपके जिस दांत में दर्द हो वहाँ देसी कपूर का एक छोटा सा टुकड़ा रखकर 5 मिनट के लिए दबायें। दर्द से तुरंत राहत मिलेगी। कपूर मुख की दुर्गन्ध दूर करने में भी लाभदायक है।
पेट दर्द के लिए (For Stomach Ache)
पेट में दर्द होने पर भीमसेनी कपूर का चावल जितना टुकड़ा और थोड़ा सा अजवाइन साथ लेने से आराम मिलता है।
कैसे पहचानें आपका कपूर असली है या फिर नकली?
(How to Identify Whether your Camphor is Natural or Fake?)
- देसी कपूर पानी में डालने पर नीचे बैठ जाता है। जबकि नकली कपूर या मिलावटी कपूर पानी में तैरता रहता है।
- असली कपूर जलाने पर बिना काले धुएं के जलता है और जलने के बाद नाममात्र निशान छोड़ता है। नकली कपूर जलाने पर हवा में काला धुआँ छोड़ता है और जलने के बाद बर्तन काला करता है।
- असली कपूर नकली कपूर की तुलना में महंगा मिलता है। ज्यादातर सस्ता मिलने वाला कपूर नकली होता है। बाजार में भीमसेनी कपुर के नाम से मिलने वाला कपूर असली हो यह जरुरी नहीं अतः इसे विश्वास वाली जगह से ही लेना चाहिए।
- कपूर की पहचान करना चाहते हैं तो उसे जला दें। इसके बाद देखें आपको कोई राख दिखती है या नहीं। यदि कपूर जलने के बाद कोई राख नहीं छोड़ता है तो वह असली कपूर है। वहीं जो कपूर जलने के बाद राख छोड़ता है तो नकली कपूर होता है।
- सिंथेटिक कपूर भीमसेनी कपूर की तुलना में ज्यादा हल्का होता है।
कपूर के नुकसान क्या हैं? (What are the Disadvantages of Camphor?)
- कपूर से कुछ लोग संवेदनशील हो सकते हैं। इसलिए इसका इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट जरूर कर लें।
- सिर्फ कपूर के ऑयल को सीधा त्वचा पर न लगाएं, यह हानिकारक हो सकता है।
- छोटे बच्चों को कपूर से दूर रखें, ये उनके लिए जानलेवा हो सकता है।
- कपूर के ज्यादा इस्तेमाल से त्वचा की समस्याएँ जैसे Eczema (एक्जिमा), रैशेज, होंठों का सूखापन हो सकता है।इसके अतिरिक्त नर्वस सिस्टम, पाचन तंत्र, किडनी, सांस लेने सम्बन्धी समस्याएँ हो सकती हैं।
- कम उम्र के बच्चों यागर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को भी कपूर के इस्तेमाल से दूर ही रहना चाहिए।
- नेचुरल कपूर का इस्तेमाल करें। इसी के साथ, अगर आपको कोई गंभीर बीमारी है, त्वचा संवेदनशील है या फिर आसानी से कोई चीज़ सूट नहीं करती है तो अपने डॉक्टर की सलाह पर ही इसे इस्तेमाल करें।
- खाने वाला कपूर का अधिक मात्रा में सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है अतः इसका प्रयोग किसी अनुभवी डॉक्टर, आयुर्वेदाचार्य के निर्देश में ही करें।
सभी कपूर खाने योग्य नहीं होते। वहीं असंतुलित मात्रा में किया गया सेवन नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए, जरूरी है कि सेवन से पहले इसकी ली जाने वाली मात्रा और प्रकार के बारे में डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लिया जाए। इसका गलत तरीके से या असंतुलित उपयोग किया जाता है तो यह कई दुष्परिणाम प्रदर्शित कर सकता है। अधिक मात्रा में सेवन, सूंघने और त्वचा पर उपयोग करने से कपूर के नुकसान देखने को मिल सकते हैं। कारण है इसमें मौजूद कुछ विषैले तत्व।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!
रीना जैन
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