मखाना भारत में प्राचीन काल से ही व्रत व धार्मिक त्योहारों में इस्तेमाल होने वाला फूड है। मखाना जिसे इंग्लिश में ‘Foxnut’ के नाम से जाना जाता है। मखाना, कमल के बीज को कहते हैं। यह खाने में काफी स्वादिष्ट होता है। मखाना में एंटी-ऑक्सीडेंट पाया जाता है। जो कि आसानी से पच जाता है। मखाना को लोग स्नैक्स के रूप भी में खाते हैं। बहुत से लोग इसे भून कर खाना पसंद करते हैं। वहीं, कई लोग इसे फ्राई कर इस्तेमाल में लाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, मखाना की तासीर ठंडी होती है। फिर भी इसका सेवन किसी भी मौसम में किया जा सकता है। मखाना में भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम, पोटैशियम, फाइबर , सैचुरेटेड फैट कम, एंटी ऑक्सीडेंट के साथ-साथ प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, आयरन और जिंक पाया जाता है। इसके अलावा इसमें सोडियम, कम मात्रा में कोलेस्ट्राल पाया जाता है। मखाने में भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है। जो कि दिल को हेल्दी रखने में मदद करता है। यह ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखने में मदद करता है। जिससे हार्ट संबंधी समस्याओं से बचाव होता है। एक बार में 25 से 30 ग्राम मखाने का उपयोग किसी भी रूप में किया जा सकता है।
हड्डियों और दांतों के लिए
कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए भी मखाने का सेवन कर सकते हैं। कैल्शियम हमारी हड्डियों और दांतों के लिए बेहद जरूरी होता है। मखाना में एंटी-माइक्रोबियल एवं एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है जिससे मसूड़ों में सूजन एवं हानिकारक बैक्टीरिया के कारण होने वाले दांतो में सड़न की समस्या से छुटकारा पाने में आसानी होती है।
वजन कम करने में
मखाना एक ऐसा सूखा मेवा है, जिसको खाने से आप अपने वज़न पर नियंत्रण रख सकते हैं, इसलिए हर वज़न कम करने के लिए डायटीशियन मखाना खाने को कहती हैं। मखाने में एथेनॉल अर्क होता है, जो कि फैट सेल्स को कंट्रोल करता है। मखाना में भरपूर एंटी ऑक्सीडेंट्स होता है, इसकी वजह से जिसे भूख अधिक लगने की परेशानी है, उन्हें मखाना खाने से हमेशा पेट भरा हुआ लगेगा। मखाने के गुण ये भी है कि इसके बीज में एथेनॉल पाया जाता है, जो शरीर से वसा निकालने में मखाने से लाभ मिलता है।
प्रोटीन,विटामिन्स और मिनरल्स के लिए
हमारे शरीर को कई तरह की विटामिन्स और मिनरल्स की जरूर होती है। यह तत्व हमे बीमारियों दूर रखकर तंदरुस्त बनाने में मदद करते हैं। मखाने में प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है। 100 ग्राम मखाने में लगभग 10.71 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि मखाना खाने के फायदों में प्रोटीन की कमी को पूरा करना भी शामिल है। मखाने में मौजूद प्रोटीन के कारण यह मसल्स बनाने और फिट रखने में मदद करता है।
पाचन शक्ति के लिए
किसी कारणवश पेट में कब्ज, गैस, कम एंजाइम निकलना आदि के कारण पाचन तंत्र कमजोर हो जाता हैं। मखाना इन सब लक्षणों को दूर कर पाचन तंत्र को दृढ़ और मजबूत बनाता हैं। मखाना एक एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण, सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा आसानी से पच जाता है। बच्चों से लेकर बूढे लोग भी इसे आसानी से पचा लेते हैं। इसका पाचन आसान है इसलिए इसे सुपाच्य कह सकते हैं। इसके अलावा फूल मखाने में एस्ट्रीजन गुण भी होते हैं जिससे यह दस्त से राहत देता है और भूख में सुधार करने के लिए मदद करता है। मखानों को देसी घी में भूनकर खाने से दस्त जैसे रोग से छुटकारा पाया जा सकता है।
दिल, ब्लड-प्रेशर और शुगर के लिए
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी मखाना काफी फ़ायदेमंद होता है। मखाना शुगर के मरीज़ों के लिए काफी अच्छा स्नैक्स है। मधुमेह हैं तो खाली पेट मखाना का सेवन करना अच्छा होता है। मखाने में पोटेशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। जिससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सामान्य बना रहता है और दिल पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता है। जिससे इसका नियमित सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। इसमें एलेक्लाइड व अन्य पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं, जिनकी वजह से दिल की बीमारी होने की गुंजाइश कम हो जाती है।
अच्छी नींद के लिए
अनिद्रा यानि इन्सोमेनिया की समस्या से परेशान रहते हैं। आपको रात में पूरी नींद नहीं आती है या बार-बार नींद खुलने की समस्या रहती है, तो ऐसे में मखाने का सेवन करना बेहद फायदेमंद रहेगा। मखाने का सेवन करने से तनाव व अनिद्रा की समस्या बहुत जल्द दूर होती है। मखाना में मौजूद तत्त्व मानसिक हालात में सुधार कर तनाव और अनिद्रा जैसे लक्षणों के प्रति मस्तिष्क को मजबूत बनाता हैं और मानसिक विकारों को दूर करता हैं। इसके लिए रात के वक्त सोने से पहले दूध के साथ मखाने का सेवन करना चाहिए।
गठिया (जोड़ों में दर्द)
उम्र के बढ़ने के साथ जोड़ों में ग्रीस खत्म होने लगता है. ऐसे में यदि कैल्शियम की उचित मात्रा शरीर में न पहुंचे तो शरीर के हर जोड़ में दर्द होना शुरू हो जाता है। जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो मखाने का सेवन जरूर करें क्योंकि इनमें कैल्शियम होता है और गठिया के मरीजों के लिए भी ये फायदेमंद होता है। साथ ही इसके सेवन से शरीर के किसी भी अंग में हो रहे दर्द जैसे से कमर दर्द और घुटने में हो रहे दर्द से आसानी से राहत मिलती है।
स्किन और हेयर के लिए
मखाना स्किन को पोषण देता है, जिससे झुर्रियां कम होती हैं। मखाना खाने से कील मुंहासों व दाग-धब्बे की समस्या कम होती है। मखाना में एंटी-ऑक्सीडेंट एवं फ्लेवोनोइड्स पाए जाते हैं जो शरीर में मुक्त कणों से लड़कर उम्र के बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं। मखाना त्वचा को पोषित कर झुर्रियों की समस्या से छुटकारा दिलाने का कार्य करता है। मखाना प्रीमैच्योर एजिंग, प्रीमैच्योर वाइट हेयर, झुर्रियों और एजिंग के अन्य लक्षणों के जोखिम को कम करने में मदद करता है। यह त्वचा में कोलेजन को प्रोड्यूज करने में मदद करते हैं जो त्वचा को सूखा औ ढीला नहीं होने देता है। इससे त्वचा सोफ्ट, जवान और निखरी हुई रहती है। मखाने से बाल जल्दी से सफेद नहीं होते हैं। अगर लंबे समय के लिए जवान रहना है तो आज ही मखाने को अपनी डाइट में जरुर शामिल करें।
मखाने खाने का तरीका
- रोस्टेड मखाने का सेवन कर सकते हैं। या फिर चूर्ण बनाकर भी प्रयोग में लाया जा सकता है।
- मखाने को दूध में मिलाकर भी ले सकते हैं।
- मीठे वयंजन भी बना सकते हैं।
- खीर भी बना सकते हैं।
- मखाने से कई तरह की सब्जी और दाल मखनी बना सकते हैं।
मखाना के नुकसान –
कई लोग स्वाद के चक्कर में इन्हें जरूरत से ज्यादा खा जाते हैं। मखाना अधिक खाने से होने वाली परशेानियों के बारें में।
- अधिक मखानों का सेवन किया तो आपको एलर्जी की समस्या हो सकती है।
- मखानों का सेवन ज्यादा कर लिया तो आपको कब्ज की समस्या हो सकती है।
- अधिक सेवन से गैस और पेट में ऐंठन के रूप में समस्या हो सकती है।
- मधुमेह रोगी जो पहले से ही इंसुलिन पर है, इन्हे शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
पढ़ने के लिए धन्यवाद !
इस ब्लॉग की जानकारी ज्ञान के उद्देश्य से है और इसमें कोई चिकित्सकीय सिफारिश शामिल नहीं है। सलाह का पालन करने से पहले एक प्रमाणित चिकित्सक से परामर्श करें।
रीना जैन
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