Garlic

Garlic: प्राकृतिक एंटीबायोटिक, एंटीवायरल और एंटी-फंगल है लहसुन का सेवन

बात चाहे खाने में स्वाद बढ़ाने की हो या स्वास्थ्य की, लहसुन का काम हर जगह है। लहसुन एल्लीयम(प्याज) फॅमिली का पौधा है और यह पूरी दुनिया में उगाया जाता है। लहसुन की हर गांठ में 10 से 20 कलियां होती हैं। अपनी तेज महक और हेल्थी गुणों के कारण खाना बनाने में विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है। लहसुन हर घर में प्रयोग की जाने वाली ऐसी औषधि है जिसका इस्तेमाल तड़का लगाने में सब्जियों का स्वाद और सुगंध बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसमें मौजूद पोषक तत्वों के कारण इसके अनेक फायदे होते है।

Garlic में मौजूद Allicin नाम का सल्फर कम्पाउंड इसके हेल्थ बेनिफिट को बनाता है और लहसुन की तेज गंध भी इसी कारण होती है। यूँ तो लहसुन हाइली न्यूट्रिशियस होता है लेकिन इसमें कैलोरी बहुत कम होती है। लहसुन में मैगनीज, विटामिन बी6, विटामिन सी, सेलेनियम, फाइबर, कैल्शियम, कॉपर, पोटैशियम, फॉस्फोरस, आयरन और विटामिन बी1 पाये जाते हैं। आइए जानते हैं इससे होने वाले फायदों के बारे में…

लहसुन के फायदे (Benefits of Garlic)

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लहसुन में ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे शरीर में पहुंचकर हमें बहुत ज्यादा फायदा पहुंचाते हैं और हमारे शरीर में चल रही कई समस्याओं को सुधारने में सहायता करता है। आयुर्वेद में लहसुन को औषधि माना जाता है। हम सभी को अपने आहार में लहसुन को किसी न किसी तरह से शामिल करना ही चाहिए, इससे सेहत को अनेक लाभ मिलते हैं। 

दांत के दर्द में फायदेमंद (Beneficial in Toothache)

दांत में दर्द की शिकायत होने पर लहसुन पीसकर लगा लें, दर्द में आराम पड़ेगा। लहसुन के एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टिरियल गुण दर्द से राहत दिलाते हैं. दांतों को स्वस्थ रखने के लिए लहसुन को कच्चा खाने की सलाह दी जाती है। लहसुन में एलिन, एलिसिन और एजोइन जैसे सल्फल छाले ठीक करने में मदद करते हैंलहसुन में एंटी-बैक्टीरियल खूबी होने के कारण यह मुंह में सड़न नहीं होने देता है।

कोलेस्ट्रॉल को कम करता है (Lowers Cholesterol)

लहसुन का सेवन शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल, जो कि खराब कोलेस्ट्रॉल है, के स्तर को कम करने में मदद करता है। लहसुन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मददगार होता है।

हाई बीपी में फायदेमंद (Beneficial in High BP)

हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को लहसुन का सेवन करने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। दरसल लहसुन में बायोएक्टिव सल्फर यौगिक, एस-एललिस्सीस्टीन मौजूद होता है जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है। हाई बीपी के मरीज रोजाना 1-2 लहसुन की कलियों को खाली पेट चबाकर खा सकते हैं।

जोड़ों की समस्या में फायदेमंद (Beneficial in Joint Problems)

जोड़ों की समस्या होने पर लहसुन को अपने आहार में शामिल करें या सुबह खाली पेट लहसुन की एक कली को नियमित रूप से खाएं। लहसुन में सल्फर और सेलेनियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। सल्फर और सेलेनियम जोड़ों के दर्द में राहत पहुंचाने में मददगार होता है। 

प्राकृतिक एंटीबायोटिक, एंटी वायरल और एंटी-फंगल (Natural Antibiotic, Anti-Viral and Anti-Fungal)

लहसुन का सेवन वायरल इंफेक्शन से बचाने में मदद कर सकता है। क्‍योंकि इसमें पाए जाने वाले एंटी-वायरल और एंटी-फंगल गुण शरीर को संक्रमण से दूर रखकर स्‍वस्‍थ रख सकते हैं।नियमित रूप से लहसुन खाने से सामान्य सर्दी, फ्लू, पेट में संक्रमण, श्वसन संक्रमण और यूटीआई को रोकने में मदद मिल सकती है। 

ब्लड शुगर कंट्रोल करे (Control Blood Sugar)

डायबिटीज के मरीजों के लिए भी लहसुन काफी अच्छा माना जाता है. इसमें पाया जाने वाला एलिसिन नामक तत्व ब्लड में शुगर के लेवल को नियंत्रित रखता है. जिनको डायबिटीज की बीमारी नहीं है, वे अगर रोजाना सुबह लहसुन लें, तो डायबिटीज का रिस्क कम होता है।

शरीर को डिटॉक्सीफाई करे (Detoxify the Body)

लहसुन शरीर को डिटॉक्सीफाई करने का काम करता है. नियमित रूप से इसे खाने से शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं। इससे आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और आपका शरीर तमाम बीमारियों से लड़ने में सक्षम होता है। शरीर के डिटॉक्सीफाई होने से आपके शरीर और आपकी स्किन दोनों को कई तरह के फायदे मिलते हैं।

कैंसर से होता है बचाव (Prevention From Cancer)

अगर नियमित तरीके से खाली पेट कच्चे लहसुन का सेवन करते हैं तो इससे कैंसर जैसी बीमारी के होने का खतरा बहुत कम हो जाता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट की अधिक मात्रा के कारण ये शरीर को फेफड़े, प्रोस्टेट, ब्लैडर, पेट, लिवर और पेट के कैंसर से भी बचाता है। लहसुन के एंटीबैक्टीरियल एक्शन, पेप्टिक अल्सर को भी रोकते हैं।  

एक दिन में कितना लहसुन खाना चाहिए? (How Much Garlic Should be Eaten in a Day?)

एक दिन में हमें कच्चे लहसुन की 4 ग्राम या एक से दो कलियां ही खानी चाहिए। वहीं, सब्जी में भी 5-7 कलियां ही डालनी चाहिए।लहसुन की तासीर गर्म होती है और यही वजह है कि इसे सर्दियों में ज्यादा खाया जाता है। लहसुन का सेवन हर मौसम में करना चाहिए। गर्मियों में इसे कम मात्रा में खाएं।

किस समय खाना चाहिए? (What Time to Eat?)

लहसुन में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो बीमारियों को दूर करने में मदद करते हैं। आप वैसे तो इसे किसी भी समय खा सकते हैं, लेकिन खाली पेट खाना यह ज्यादा लाभकारी माना जाता है. इसलिए आप सुबह उठकर 2 कलियां खा सकते हैं।

किन लोगों को नहीं करना चाहिए लहसुन का सेवन? (Who Should not Consume Garlic?)

  • लहसुन की तासीर गर्म और खुश्क होती है इसलिए  इसका उपयोग सीमित मात्रा में करना चाहिए। ज्यादा लहसुन खाने से पेट संबंधित परेशानी हो सकती है।
  • जिन लोगों को एसिडिटी की समस्या है, उन्हें लहसुन खाने से सीने में जलन हो सकती है. ऐसे में उन्हें इससे बचना चाहिए। इसके अलावा एसिडिटी से परेशान लोगों को खाली पेट लहसुन का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
  • अगर आपका पेट काफी ज्यादा कमजोर है और कुछ भी खाने से आसानी से खराब हो जाता है तो आपको लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे आपकी समस्या और भी ज्यादा बढ़ सकती हैं।
  • अगर आपको सिरदर्द की समस्या है तो लहसुन का अधिक मात्रा में सेवन न करें। अधिक मात्रा में कच्चे लहसुन का सेवन करने से सिरदर्द हो सकता है।
  • खाली पेट लहसुन खाने से दस्त लग सकते हैं, क्योंकि लहसुन में सल्फर बनाने वाले यौगिक पाए जाते हैं। ये दस्त को ट्रिगर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 
  • ये तो हम सब जानते हैं कि लहसुन ब्लड को पतला करता है। लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो ब्लीडिंग की आशंका बढ़ जाती है। यदि कोई खून पतला करने वाली दवाई ले रहा है तो उसे लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए। 
  • ज्यादा लहसुन खाने वाले लोगों की स्किन पर कई बार रैशेज पड़ जाते हैं, जिसमें जलन भी हो सकती है। 
  • अगर आपको सांस से और शरीर से पसीने की बदबू आने का समस्या है तो आपको लहसुन का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। इससे समस्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है।
  • लो ब्लडप्रेशर की शिकायत होने पर आपको लहसुन का सेवन कम कर देना चाहिए या फिर नहीं करना चाहिए।
  • अगर आप होम्योपैथिक दवाइयों का सेवन कर रहे है तो लहसुन से परहेज रखें। 
  • सर्जरी करवाने से पहले लहसुन का सेवन न करें क्योंकि इससे सर्जरी के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग का खतरा रहता है।

पढ़ने के लिए धन्यवाद!

                                                                                                                                                                              रीना जैन


Comments

2 responses to “Garlic: प्राकृतिक एंटीबायोटिक, एंटीवायरल और एंटी-फंगल है लहसुन का सेवन”

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