इस आसन का नाम पौराणिक कथाओं में वर्णित पक्षियों के राजा गरुड़ के नाम पर रखा गया है। भारतीय पौराणिक कथाओं से पता चलता है कि गरुड़ सभी पक्षियों का राजा था। इस पक्षी ने न केवल भगवान विष्णु के वाहन के रूप में कार्य किया बल्कि राक्षसों के खिलाफ लड़ने के लिए भी एक अग्रदूत का काम किया था। गरुड़ासन योग खड़े होकर करने वाले योग में एक महत्वपूर्ण योगाभ्यास है। अगर आप शरीर के निचले हिस्से अर्थात मूत्राशय, अंडकोष, मलाशय या जांघों में किसी तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं तो आपको गरुड़ासन जरूर करना चाहिए।
गरुड़ासन क्या है? (What Is Garudasana? )
गरुड़ासन की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द गरुड़ से हुई है। इसे हिंदी में चील भी कहा जाता है। इसे अंग्रेजी में ईगल पोज (Eagle Pose) कहा जाता है।इस आसन में हाथ एक दूसरे में गूंथ लिए जाते हैं और छाती के सामने इस प्रकार रखे जाते हैं, जैसे गरुड़ की चोंच होती है, इसलिए इस आसन को गरुड़ासन कहा जाता है। यह एक स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज है, जो शरीर में खिंचाव पैदा करने का काम करती है। इस आसन का लाभ खासकर पैरों घुटनों और टखनों को मजबूत बनाने में देखा जा सकता है। साथ ही यह आसन दिखने में भले सरल लगता हो परन्तु बिना अभ्यास के करना बेहद कठिन होता है।
गरुड़ासन करने का तरीका (Steps to do Eagle Pose)
- योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। इस दौरान आप सामान्य रूप से सांस लेने की प्रक्रिया जारी रखें।
- सीधे खड़े होकर अपने बाएं पैर को सीधा रखें और दाऐं पैर को बाऐं पैर के घुटने के ऊपर से रखकर दाऐं पैर को बाऐं पैर की पिंडली के पीछे कस दें तथा अपनें हाथों को आपस में इस प्रकार कसें कि दाऐं हाथ की कोहनी के नीचे से बाऐं हाथ को लगाकर उसे ऊपर बाऐं हाथ के साथ सर्पीलाकार घुमा कर दोनों हाथों को आपस में मिला लें।
- ध्यान रहे दाया पैर को बाया पैर पर इस तरह लपेटे की दाया जाँघ का पिछला हिस्सा बाया जांघ पर और दाया पैर बाया पिंडली को स्पर्श करें। बायीं टांग को दायीं टांग पर सर्प की भांति लपेट लें।
- अब अपने हाथों को भी कोहनियों से मोड़कर आपस में लपेट लें।
- दोनों हथेलियों को आपस में प्रार्थना की स्थति में जोड़े।
- इस आसन में सांस की गति सामान्य। जितनी देर तक सरलतापूर्वक इस आसन में रह सकते हैं, रहें।
- इसी प्रकार यह प्रक्रिया आपको दूसरी तरफ से भी करनी है।
- इस आसन को 3 से 5 बार करें।
गरुड़ासन के फायदे (Benefits of Eagle Pose)
इस आसन के बहुत सारे लाभ है। इसके कुछ महत्वपूर्ण फायदे –
संतुलन बनाने में लाभदायक (Improves your balance)
गरुड़ासन एक बहुत अच्छा बैलेंसिंग पोज है, जो आपकी टांगों, कंधों और हिप्स पर असर डालता है। यह न केवल इनकी मसल्स को टोन करता है, बल्कि यहां जमा होने वाले एक्स्ट्रा फैट को भी कम करने में मददगार है। जब आप गरुड़ासन योग को करते हैं तो इसमें आपके एक पैर पर शरीर का सम्पूर्ण भर आ जाता हैं। इस मुद्रा को करने के लिए एक पैर पर खड़े होके संतुलन बनाना पड़ता हैं इससे आपके संतुलन बनाने की क्षमता में वृद्धि होती हैं। इसे नियमित करने से आपके पूरे शरीर के संतुलन में सुधार होने लग जाता है। यह आसन आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।
प्रोस्टेट ग्लैंड से जुड़े डिसऑर्डर दूर होते हैं (Disorders Related to Prostate Gland are Removed)
इस पोज को करने से प्रोस्टेट ग्लैंड से जुड़े डिसऑर्डर दूर होते हैं। प्रोस्टेट एक ग्लैंड हैं, जो केवल पुरुषों में ही होती है। यह मूत्राशय की ग्रीवा के नीचे मूत्रमार्ग के पास मौजूद होती है।पुरुषों को होने वाली कमजोरी को दूर करने के लिए यह आसन एक वरदान है। इतना ही नहीं मूत्र विकार को दूर करने के लिए आसन को बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसलिए खासतौर से पुरुषों को गरुड़ासन को अपनी जीवनशैली में जरूर शामिल करना चाहिए।
एकाग्रता को बढ़ाता है (Enhances Concentration)
जिन लोगो का मन एक जगह नहीं लगता किसी काम में फोकस नहीं रहता उन्हें गरुड़ासन अवश्य करना चाहिए ये मन की एकाग्रता को बढ़ाता है जिससे हमारा फोकस बढ़ता है। यह हमारे मस्तिष्क में तनाव को कम करता है उसे स्थिरता प्रदान करता है। प्रतिदिन इसे करने से आप दिन ब दिन खुद को ज्यादा मजबूत और फोकस्ड महसूस करेंगे। ठीक उसी प्रकार जिस तरह गरुड़ यानी कि चील शिकार करने के दौरान होते हैं।
मांसपेशियो को मजबूत करें (Strengthen Muscles)
हमारे जाँघो और कूल्हों की माँसपेशियो को स्ट्रेच करता है जिससे हिप मूवमेंट सही बनी रहती है। स्ट्रेचिंग के कारण इन अंगों में सही मात्रा में रक्त प्रवाह भी रहता है। गरुड़ासन करते समय लगभग सभी माँसपेशियाँ कार्य करती है जिसके कारण शरीर की सभी मांसपेशियाँ अच्छी तरह स्ट्रेच होने लगती है। रक्त का प्रवाह इन अंगों में अधिक होता है जिससे ऑक्सीज़न ज्यादा पहुँचता है।
तनाव को कम करने में फायदेमंद (Beneficial in Reducing Stress)
हर व्यक्ति को तनाव व अवसाद की समस्या होते रहती है लेकिन योगा करने से मानसिक व शारीरिक शांति का अनुभव होता है। मानसिक विकार से जुड़ी समस्याओं से निजात दिलाने में योग बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अपने आसन में गरुड़ासन जरूर शामिल करें।
जोड़ों का दर्द दूर करता है (Relieves Joint Pain)
यह जोड़ों की सक्रियता बढ़ाता है, घुटनों, पैरों एवं जोड़ों का दर्द दूर करता है।यह आपके हाथों को मजबूत बनाता है और कोहनी के दर्द से छुटकारा दिलाता है।गरुड़ासन योग करने से हाँथ पैर में यदि दर्द है तो वह दूर हो जाता है और पैरो को मजबूती भी मिलती है।
गरुड़ासन करने से पहले ये आसन करें (Do this Asanas Before Doing Eagle Pose)
गरुड़ासन को करने से पहले कुछ अन्य आसन करने की सलाह दी जाती है, ताकि इस योगासन का आपको अधिक लाभ मिल सके। आइए जानते हैं
उन आसनों के नाम।
- वृक्षासन (Tree Pose)
- वीरासन (Virasana)
- गोमुखासना (Cow Face Pose)
- अधोमुख श्वानासन (Downward-Facing Dog Pose)
गरुड़ासन के लिए कुछ सावधानियां (Precautions for Eagle Pose)
प्रत्येक योगासन को करने से पहले उन्हें किस स्थिति में नहीं करना चाहिए, यह जानना बहुत जरूरी होता है। अगर आप उस आसन को करने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है, तो आपके लिए जोखिम उत्पन्न हो सकता है। इसलिए, गरुड़ासन के लिए कुछ सावधानियां इस तरह से हैं:
- गठिया ,घुटनों में दर्द या चोट हैं तो इस आसन को नहीं करनी चाहिए।
- हड्डियों तथा जोड़ों में चोट होने पर यह आसन नहीं करना चाहिए।
- कंधे या कलाई में चोट हैं तो आप इस आसन को करने से बचें।
- लो ब्लड प्रेशर वालों को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- प्लांटर फैसीसाइटिस से पीड़ित लोगों बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
- इस आसन को गर्भवती महिलाएं न करें। इस आसन को करते समय उनके गिरने का खतरा होता है।
- अगर बेलेंसिंग में परेशानी है या इस आसन को पहली बार कर रह हैं तो दीवार का सहारा लेकर प्रेक्टिस करें।
- जिन लोगों को हाथों को क्रॉस करने में भी दिक्कत हो, तो नमस्कारकी मुद्रा बनाना जरूरी नहीं है। अपनी सुविधानुसार आप हाथों को मोड़ सकते हैं। धीरे-धीरे अभ्यास करने से लचीलापन अपने आप बढ़ जाएगा।
- इस आसन को किसी प्रशिक्षक की जानकारी में करें।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!
रीना जैन
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