क्या है पादहस्तासन? (What is Padahastasana/Hand To Foot Pose?)
यह हठ योग शैली का आसन है पादहस्तासन योग हठ योग के 12 मूल आसनों में से एक है। यह सूर्य नमस्कार अनुक्रम की तीसरी मुद्रा भी है। पादहस्तासन शब्द तीन शब्दों से मिलकर बना है। पादहस्तासन संस्कृत शब्द है। इसका अर्थ होता है, पैरों को हाथों से छूने वाला आसन। संस्कृत भाषा में पाद का अर्थ होता है पैर और हस्त का अर्थ होता है हाथ। आसन का अर्थ होता है मुद्रा यानी स्थिति। पादहस्तासन योग का अंग्रेजी नाम गोरिल्ला पोज (Gorilla pose) और Hand To Foot Pose भी कहा जाता है।
यह आसन पूरे शरीर को स्ट्रेच करता है। पादहस्तासन योग पेट की चर्बी को कम करने, पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने, लम्बाई बढ़ाने और जांघ की मांसपेशियों को एक अच्छा खिंचाव देने के लिए, तनाव को कम करने में मदद मिलती है। । पादहस्तासन योग सिर के रक्त संचार को बढ़ने में मदद करता हैं।।पादहस्तासन योग में खड़े होकर आगे की ओर झुका जाता है और अपने दोनों हाथों से पैर को छूना पड़ता है। पादहस्तासन के नियमित अभ्यास से शरीर में रक्त संचार अच्छी तरह होता है
पादहस्तासन करने का तरीका (Padahastasana Steps)
- इसे करने के लिए मैट पर सीधी खड़ें हो जाएं।
- फिर ताड़ासन में खड़ें हो जाएं।
- लंबी गहरी सांस लेते हुए अब दोनों हाथों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर ले जाएं।
- फिर सांस को बाहर की ओर छोड़ते हुए कमर के हिस्से से शरीर को मोड़ते हुए नीचे की ओर झुक जाएं।
- ध्यान रखे कि ऊपर के हिस्से को सीधा रखें बस कमर के हिस्से से ही मुड़ें।
- अपने दोनों हाथों से पैरों को छूने की कोशिश करें।
- सिर को अपने घुटने पर लगाने की कोशिश करें।
- अपनी क्षमतानुसार इस मुद्रा में कुछ सेकंड के लिए रहें और 5-6 बार सांस लें।
- अब पहली मुद्रा में आने के लिए सांसों को अन्दर लेते हुए कमर को धीरे-धीरे सीधा करते जाएं।
- कुल मिला कर पाँच बार साँस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें। धीरे धीरे जैसे आपके शरीर में ताक़त और लचीलापन बढ़ने लगे, आप समय बढ़ा सकते हैं।
पादहस्तासन करने से पहले करें यह आसन –
पादहस्तासन योग करने से आपको कुछ आसन करना चाहिए जिससे आपको इस आसन को करने में आसानी होगी जैसे-
- सूर्य नमस्कार
- जानुशीर्षासन
- पश्चिमोत्तानासन
पादहस्तासन करने के बाद ये आसन करें–
- त्रिकोणासन
- शवासन
प्रैक्टिस टिप्स (Practice Tips)
- पादहस्तासन करने के पूर्व हमेशा दस मिनट का वार्मअप करना चाहिए।
- पूरे अभ्यास में पैरों और घुटनों को सीधा रखें।
- पैरों के नीचे हाथों तक पहुंचने में कुछ दिन लग सकते हैं। जहाँ तक आप आराम से रह सकते हैं और वहाँ रहें।
- जबरदस्ती ज्यादा जोर लगाने का प्रयत्न कभी न करें।
- हाथों को ऊपर ले जाते समय श्वास लीजिये।आगे की ओर झुकते समय श्वास छोड़िये।
- खाने के तुरंत बाद आसन को कभी न करें।
- खाने के 1 घण्टा पहले और खाने के 2 से 3 घण्टे बाद ही इसका अभ्यास करें।
- पहले दिन समय सीमा कम रखें अभ्यास के बाद इसे बढ़ाये।
- अगर आप पहली बार योग कर रहे हैं तो एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं।
पादहस्तासन करने के फायदे (Health Benefits of Padahastasana)
पाचनतंत्र को मजबूत करने में (Strengthen the Digestive System)
पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में मदद करता है जिससे गैस, पेट फूलने जैसी समस्या, कब्ज को दूर करने में सहायता करता है। पादहस्तासन हमारे पेट, लिवर और आँतो में खिंचाव को पैदा करता है जिससे हमारी शरीर के पाचन क्रिया में भाग लेने वाले सभी अंग ठीक तरह से काम करते है।
रक्त संचार के लिए (For Blood Circulation)
ब्लड यानी रक्त मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। आपके पूरे शरीर में न्यूट्रिएंट्स, इलेक्ट्रोलाइट्स, हार्मोन्स, हीट और ऑक्सीजन पहुंचाने का काम रक्त ही करता है। ‘इस योग को करने से ब्लड का फ्लो शरीर के निचले हिस्से के साथ-साथ ऊपरी हिस्से में भी बढ़ता है। ऐसा तब होता है जब आप आगे की तरफ झुकती हैं। इससे शरीर के ऊपर के अंग जैसे हार्ट, ब्रेन, किडनी और लिवर, इन सभी के भी यह आसन बहुत अच्छा होता है। ” शरीर के विभिन्न हिस्सों को स्वस्थ्य रखने और इम्यूनिटी सिस्टम यानि रोग-प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करने का काम भी ब्लड ही करता है |
माइग्रेन के लिए (For Migraine)
जिन लोगों को माइग्रेन की शिकायत होती है उनके लिए भी पादहस्तासन योग बहुत फायदेमंद होता है। पादहस्तासन के नियमित अभ्यास से माइग्रेन की समस्या को दूर किया जा सकता है। सिरदर्द को कम करने एवं अनिद्रा को दूर करने में सक्षम होता है।
लंबाई बढ़ाए (Increase Height)
अगर आपके बच्चे की हाइट कम है और आप इस बात को लेकर चिंतित रहते हैं, तो पादहस्तासन योग आपके लिए फायदेमंद होता है। पादहस्तासन योग से जांघ की मांसपेशियों का खिंचाव होता है। पादहस्तासन आपके शरीर में संतुलन, मुद्रा और लचीलेपन में सुधार करता है। नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास करने से आपकी लंबाई बढ़ती है।
मोटापा कम करने के लिए (Reduce Fat)
पेट की चर्बी को कम करने के लिए यह एक मुख्य योगासन है इस योगासन को नियमित करने से वजन कम होता है और अतिरिक्त चर्बी दूर होती है। मोटापा घटने लगता है।
शारीरिक और मानसिक रूप से फिट (Physically And Mentally Fit)
पादहस्तासन का नियमित अभ्यास करने से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्वास्थ्य लाभ मिलता है। मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव व हल्के डिप्रेशन में राहत देने में मदद करता है।
लचीलेपन के लिए (For Flexibility)
लचीलेपन में सुधार करता है यह हैमस्ट्रिंग, कूल्हों, जांघों के लचीलेपन को बढ़ाने में मदद करता है। इस आसन को नियमित रूप से करने से हड्डियों में खिंचाव होता है और इस खिंचाव के कारण इन स्थानों में लचीलापन बढ़ जाता है और हड्डियां मजबूत हो जाती है। अगर आप इस योग मुद्रा को करने में अच्छी तरह कामयाब हो जाते हैं तो आपके लिए अन्य योग मुद्राएं करना भी आसान हो जाता है।
पादहस्तासन में सावधानियां (Precautions of Padahastasana)
- पीठ में दर्द या चोट होने पर इस आसन को न करें।
- यह आसन करते समय अगर पीठ में दर्द होने लगे तो विशेषज्ञ की से सलाह लेने के बाद ही या दर्द ठीक होने के बाद ही करें।
- हृदय रोग हर्निया और पेट में सूजन वाले लोगों को इस आसन को न करने की सलाह दी जाती है।
- गर्भावस्था के दौरान भी पादहस्तासन नहीं करना चाहिए।
- हाल ही में अगर घुटने या पेट का ऑपरेशन हुआ हो तो इस योगासन को न करें।
- अल्सर रोगियों को भी पादहस्तासन न करने की सलाह दी जाती है।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!
रीना जैन
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