वसंत ऋतु के आरम्भ होते ही रंगों के त्योहार, होली का बेसब्री से इंतजार रहता है। लेकिन इस त्योहार सूखा गुलाल और गीले रंग में प्रयोग किए जाने वाले रंग क्या आपकी त्वचा एवं बालों के लिए सुरक्षित हैं? होली में इस्तेमाल किए जाने वाला सूखा गुलाल और गीले रंगों को प्राकृतिक उत्पादों से नहीं बनाया जाता है। बाजार में बिकने वाले जिन रंगों का प्रयोग करते हैं इन सभी रंगों में माईका, लेड जैसे कैमिकल पाए जाते हैं, इससे बाल तथा त्वचा रूखी एवं बेजान हो जाती है। बालों का झड़ना शुरू हो जाता है तथा त्वचा में जलन एवं खुजली शुरू हो जाती है। ऐसे में जरूरी है कि होली में रंग खेलने से पहले आप कुछ जरूरी स्किन केयर रूटीन को फॉलो करें, ताकि बाद में न तो आपकी स्किन खराब हो और ना ही आपको रंग छुड़ाने में दिक्कत आए।
होली के लिए स्किन केयर टिप्स (Holi Skincare Tips)
- होली खेलने से करीब 20 मिनट पहले फेस मॉइश्चराइजर और सनस्क्रीन 30 एसपीएफ सनस्क्रीन लगाएं। चेहरे के साथ-साथ शरीर के उन हिस्सों पर भी क्रीम लगाएं, जहां पर डायरेक्ट धूप पड़ सकती है। मॉइस्चराइजर की जगह नारियल तेल का उपयोग भी किया जा सकता है। यह रंग को त्वचा के सीधे संपर्क में आने से रोक सकता है।
- होली खेलने से पहले आप अपने चेहरे पर आइस क्यूब रगड़ लें, ताकि ये आपके चेहरे के छिद्रों को बंद कर दे। इससे गुलाल आपके स्किन छिद्रों में प्रवेश नहीं करेगा।
- पेट्रोलियम जेली का इस्तेमाल उन जगहों पर कर सकते हैं जहां रंग के चिपकने का खतरा ज्यादा रहता है। जैसे कान, होंठ, हाथ, पैर पर पेट्रोलियम जेली का इस्तेमाल आपके होंठों, हाथों, पैरों के साथ-साथ अपने नाखूनों को रंग चढ़ने से बचा सकता है।
- अगर होली खेलने के बाद आपको खुजली हो रही हो, तो पानी के मग में दो चम्मच सिरका मिलाकर स्किन पर लगाएं. इससे खुजली खत्म हो जाएगी।
- त्वचा में जलन महसूस होने पर तुरंत एलोवेरा जेल (Aloe Vera Gel) लगा लें। इससे आपको ठंडक मिलेगी और जलन खत्म हो जाएगी।
- रंगों को धोने के लिए पानी में नमक या ग्लिसरीन मिला सकते हैं। इसकी एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण से रंग में मिले केमिकल का असर कम हो जाएगा।
- होली के एक हफ्ते पहले और बाद ब्लीचिंग, वैक्सिंग या फेशियल ना कराएं। ऐसा करने से स्किन के छिद्र (pores) खुल जाते हैं और रंग त्वचा में हो सकता है।
- होली खेलने से पहले और खेलने के दौरान पानी पीते रहे ताकि आपकी स्किन हाइड्रेट रहेगी।
- ग्रीन, ब्लैक, सिल्क, और गोल्डन कलर का उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसमें सबसे ज्यादा नुक्सान पहुंचाने वाले केमिकल्स होते है।
- रंग छुडाने के लिए आप त्वचा को निम्बू से रगड़ कर भी साफ़ कर सकते हैं या बेसन में कच्चा दूध मिलाकर भी रंग छुड़ा सकते है।
- आधी कटोरी दही में दो चम्मच नींबू का रस मिक्स कर लें। इसके बाद इसे अपनी बॉडी पर लगा लें और 10 मिनट बाद अच्छे से मसल लें। इससे आपकी त्वचा पर चढ़ा रंग भी उतर जाएगा और स्किन भी रूखी नहीं लगेगी।
- त्वचा को मुलायम बनाने के लिए आप रंग खेलने के बाद त्वचा को रूखेपन से बचाने के लिए दही में शहद और हल्दी मिला कर लगाएं और ठंडे पानी से धो लें इससे त्वचा को मुलायम बनाया जा सकता है।
होली के लिए हेयर केयर टिप्स (Holi Hair Care Tips)
- होली खेलने से पहले बालों पर हेयर सीरम या कंडीशनर का उपयोग करें। इससे बालों को गुलाल से पहुंचने वाले सूखेपन से सुरक्षा मिलेगी तथा सूर्य की किरणों से होने वाले नुकसान से भी बचाव होगा।
- होली खेलने से पहले नारियल तेल से सर को अच्छी तरह मसाज कर लें इससे बाल की उपरी सतह पर तेल की एक परत जम जायेगी और रंग छुड़ाना आसान होगा।
- तेल में निम्बू मिलाने से बालों को कम नुकसान पहुंचेगा।
- अपने बालों को अच्छी तरह से ढक कर होली खेलें।आप टोपी लगा सकते हैं या लड़कियां जूड़ा या चोटी बनाकर दुपट्टे से अपने बालों को ढक सकती हैं।
- होली खेलने के बाद जितनी जल्दी हो सके अपने बालों को शैम्पू से धो लें और कंडिशनर भी लगा लें।
- बालो में आप निम्बू का रस लगाके भी आपके बालो में से रंग को आसानी से निकाल सकते हो और ये स्कैल्प के केमिकल बैलेंस को भी बनाए रखता है।
होली के लिए आँखों की केयर कैसे करें? ( Holi Eye Care Tips )
- अपनी आंखों की सुरक्षा के लिए, धूप का चश्मा पहनें। आपकी आंखों के आसपास की त्वचा सबसे पतली होती है और इसीलिए आपको इसे रंगों से बचाना चाहिए।
- होली खलेते समय जहाँ तक हो सके आँखों में लेंस ना लगाएं। लेंस में चिपका हुआ रंग संक्रमण का कारण हो सकता है।
- यदि आँखों में रंग चला जाए तो आप को गुलाब जल का उपयोग करना चाहिए आराम न मिले तो किसी आँख के डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
- कभी भी आँखों में रंग या गुलाल जाने पर इसे रगडें नहीं बल्कि पानी की छींटे मारकर आँख धोएं।
- आप अपनी आँखों को रंग और गुलाल से बचाएं अगर आँखों में रंग या गुलाल पड़ता है तो आपको ठन्डे पानी से अपनी आँखों को धो लेना चहिये।
- हरे रंग के सिंथेटिक कलर से खासतौर से बचें जो आँखों को काफी नुक्सान पहुंचा सकते है।
होली के लिए नाखुनो की केयर कैसे करें?( Holi Nails Care Tips)
- होली खेलने के बाद हमारे नाखुनो के उपर रंग लग जाता है तो उसको निकालने में काफी तकलीफ होती है। और खाने के साथ ही रंग हमारे शरीर के अंदर जाने का रिस्क होता है।
- होली खेलने से पहले आप अपने नाखुनो में नारियल का तेल लगा कर मालिश करे जिससे आपके नाखुनो के उपर रंग न लग सके।
- नाखुनो में नेल पोलिश का उपयोग कर सकते हैं और बाद में उसे नेल रिमूवर से हटा सकते हैं।
- नाखुनो में मोमबत्ती रगड़ सकते हैं, इसकी वजह से आपके नाखुनो में रंग नहीं लगेगा।
- आपके नाखुनो में आप ग्लिसरीन को भी लगा सकते है जिससे रंग आसानी से निकल जाता है।
होली पर कैसे बनाएं हर्बल रंग (How to Make Herbal Color on Holi)
इस होली आप बाजार से मिलावटी रंग लेने के बजाए खुद घर पर हर्बल रंग बना सकते हैं। हर्बल रंग बनाना बहुत आसान है और आपकी स्किन के लिए भी बिल्कुल सुरक्षित है। तो चलिए जानते हैं किस प्रकार से विभिन्न प्रकार के रंग आप घर पर खुद बना सकते हैं।
हर्बल गुलाल (Herbal Gulal)
हर्बल गुलाल बनाने के लिए 200 ग्राम अरारोट पाउडर लें और उस में 100 ग्राम हल्दी, 50 ग्राम गेंदे के फूल का पाउडर, और 20 ग्राम संतरे के छिल्के का पाउडर मिला लें। फिर उस सामग्री को एक बड़े बर्तन में डालें और अपने हाथों से मिक्स करें। थोड़ी ही देर में पीले रंग का गुलाल तैयार हो जाएगा।
नीम की पत्तियों को सुखाकर इसके पाउडर को भी हरा रंग का गुलाल की तरह लगाया जा सकता है। मेंहदी का प्रयोग भी कर सकते हैं।
हर्बल ड्राई कलर (Herbal Dry Color)
अगर सूखी होली खेलना चाहते हैं तो इसके लिए भी आप घर पर हर्बल रंग बना सकते हैं। बस थोड़ा सा चावल का आंटा लें और उस में फूड कलर और 2 चम्मच पानी मिला दें। आपका हर्बल ड्राई कलर तैयार है।
पीला रंग
मक्के के आटे में मिलाएं हल्दी । हल्दी एंटीसेप्टिक और एंटीइंफ्लेमेट्री होती है जो स्किन के लिए काफी फायदेमंद है। पीला रंग तैयार करने के लिए हल्दी को जौ या मक्के के आटे में मिलाकर पेस्ट बना सकते हैं। इसे रंग की तरह इस्तेमाल करें। यह डेड स्किन हटाकर नेचुरल स्क्रब की तरह काम करेगा। हल्दी को आरारोट या चावल के पाउडर में भी मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है।
लाल रंग
चुकंदर पीसकर पानी में उबालें इस मौसम में चुकंदर आसानी से उपलब्ध है। इसे घिसकर पानी में उबाल लें और लाल रंग तैयार है। इसके अलावा इसे पीसकर पेस्ट भी बना सकते हैं। खासबात है कि यह रंग आंखों और मुंह में चले जाने पर नुकसान भी नहीं होता है। बच्चों को नुकसान से बचाने के लिए इस रंग को पिचकारी में भरकर भी दे सकते हैं।
हरा रंग
नीम की पत्तियों को पीसकर तैयार हुआ पेस्ट से हरा रंग बना सकते हैं। इस पेस्ट को पानी में मिलाकर की रंग खेला जा सकता है। नीम एंटीबैक्टीरियल और एंटीएलर्जिक होने के कारण स्किन के लिए फायदेमंद है।
होली के नैचरल या ऑर्गेनिक कलर कैसे खरीदें? (How to Buy Natural or Organic Colors of Holi?)
आजकल होली में नैचरल या कहें ऑर्गेनिक कलर्स का इस्तेमाल बढ़ गया है। इस बार अगर आप भी नैचरल कलर्स का इस्तेमाल करने के मूड में हैं तो हम बता रहे हैं कुछ काम के टिप्स, ताकि आपको कोई नैचरल के नाम पर केमिकल युक्त कलर न पकड़ा दे।
- कभी भी जब आप गुलाल सेलेक्ट करें ध्यान में रखें कि आपको हमेशा ऐसी कंपनी के गुलाल और रंग खरीदने चाहिए जो अच्छी क्वालिटी के प्रोडक्ट बनाती है।
- पैकेट पर भले ही नैचरल लिखा हो लेकिन उसके इन्ग्रीडियेंट्स जरूर चेक करें जिससे यह साफ हो जाएगा कि उस कलर में कहीं कोई केमिकल तो नहीं मिला है।
- अक्सर लोग जब होली के लिए गुलाल खरीदने जाते हैं तब आकर्षक ऑफ़र , मुफ्त उपहार और प्रोडक्ट में मिलने वाली छूट पर ज्यादा ध्यान देते हैं। दरअसल इस तरह के कोई भी ऑफर किसी नकली प्रोडक्ट की ज्यादा बिक्री के लिए दिए जाते हैं।
- ऐसा गुलाल या रंग चुनें जिसमें शाइनी पार्टिकल्स न हों। प्राकृतिक गुलाल हल्दी या मेहंदी के फूलों जैसे गेंदा, गुलदाउदी, गुलाब से बनाए जाते हैं और इसमें बेसन या चावल के आटे जैसी सामग्री मिली होती है। इनमें से किसी में भी चमकदार कण नहीं होते हैं। इसलिए ध्यान दें कि चमकदार कणों का मतलब एक केमिकल प्रोडक्ट हो सकता है।
हैप्पी होली!!
पढ़ने के लिए धन्यवाद!
रीना जैन
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