माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द (headache) है।यह एक न्यूरोलॉजिकल (neurological) समस्या है।यह मस्तिष्क में तंत्रिका तंत्र के विकार के कारण होता है।जिसमें सिर के आधे हिस्से में दर्द होता है। यह दर्द आपको कुछ घंटों से लेकर कई दिनों तक रह सकता है, और कभी- कभी पूरे सिर में भी हो सकता है। माइग्रेन दो तरह का होता है-
- क्लासिकल माइग्रेन और
- नॉन क्लासिकल माइग्रेन।
क्लासिकल माइग्रेन होने की स्थिति में व्यक्ति को सिरदर्द शुरू होने से पहले कुछ चेतावनी भरे लक्षण दिखने लगते हैं। वहीं नॉन क्लासिकल माइग्रेन में समय- समय पर बहुत तेज़ सिरदर्द होने लगता है पर इसके कोई दूसरे लक्षण नज़र नहीं आते हैं। वैसे तो माइग्रेन का दर्द उठने की स्थिति में डॉक्टर को दिखा लेना बेहतर होता है लेकिन कुछ ऐसे घरेलू उपाय हैं जिनसे इस बीमारी से राहत जरूर मिल सकती है।
माईग्रेन के लक्षण-
माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इसमें रह-रहकर सिर में एक तरफ बहुत ही चुभन भरा दर्द होता है। कभी सिर के दाएं तो कभी बाएं हिस्से में अचानक उठने वाला दर्द को कहा जाता है। जिसे हम माइग्रेन कहते हैं लेकिन यह आम सिरदर्द से बिल्कुल अलग है। इसमें होने वाला सिरदर्द काफी तकलीफदेह होता है। ऐसा लगता है जैसे सिर के अंदर कोई जोर-जोर से हथौड़े मार रहा है। गर्मी, मानसिक तनाव और कम नींद के कारण होने वाली यह समस्या पुरुषों की बजाए महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है। इस रोग की सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसमें दिन में अचनाक कभी भी तेज दर्द उभर आता है। बहुत बार यह हफ्तों या महीनों तक रुक-रुक कर उठता रहता है। कई बार इसमें सिरदर्द के समय सिर के नीचे की धमनियां बढ़ जाती हैं। दर्द वाले हिस्से में सूजन भी आ जाती है। तेज सिर दर्द के साथ ही साथ और भी लक्षण महसूस होते हैं। यह जानना भी जरूरी है। कई बार हम यह नहीं समझ पाते हैं, कि माइग्रेन का दर्द, सामान्य सिर दर्द से कैसे अलग है।
- माईग्रेन में अक्सर पीड़ित व्यक्ति को एक ऑरा, किसी भी वस्तु या व्यक्ति के आसपास उसी आकार में रोशनी का दिखना, माईग्रेन का सबसे पहला लक्षण होता है। ऐसा दर्द के दौरान 5 मिनट से 1 घंटे तक रहता है।
- सिर के एक हिस्से या केन्द्र में तेज दर्द का होना । जैसे सिर के आधे दाएं हिस्से में या बाएं में, लेकिन यह जरूरी नहीं है, कि हर बार ऐसा ही हो। सिर में पीछे की तरफ या सिर में ऊपर की तरफ भी हो सकता है।
- दर्द में ऐसा महसूस होता है कि नसें तेजी से फड़क रही हैं।
- माईग्रेन एक मस्तिष्क विकार है। इसमें पीड़ित व्यक्ति को आंखों और गर्दन में दर्द होता है। आँखों के आगे धुँधलापन आ जाता है। आँखों से पानी निकलना।
- नींद ठीक से न आना, थकान महसूस होना।
- उल्टी का मन करता है, उल्टी आना या जी मिचलाना
- तेज आवाज या रोशनी से घबराहट होना।
- सुबह उठते ही सिर पर तेज दर्द होना।
माइग्रेन के कारण
- डाइट (चाय या कॉफी का अधिक सेवन या भूखे रहना)
- हार्मोनल परिवर्तन
- नींद अच्छे से न आना।
- तेजलाइट, तेजआवज ,तेज धूप से भी समस्या होना।
- विशिष्ट इत्र या सुगंध से।
- तनाव के कारण।
- वातावरण में बदलाव
- आनुवांशिकता
घरेलू उपाय-
कुछ घरेलू उपायों व लाइफ स्टाइल में बदलाव लाकर भी कुछ राहत पाया जा सकता है माइग्रेन में दवा से ज्यादा व्यक्ति के सही तरीके से खानपान और लाइफस्टाइल में सुधार की जरूरत होती है।
देसी घी
माइग्रेन के असहनीय दर्द को दूर भगाने के लिए कई वर्षों से देसी घी का इस्तेमाल किया जाता है। गाय का शुद्ध ताजा घी सुबह-शाम दो-चार बूंद नाक में रुई से टपकाने से माइग्रेन से काफी राहत मिलेगी।
दालचीनी
दालचीनी भी माइग्रेन के दर्द से राहत दिलाती है। दालचीनी को पीसकर इसका पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को माथे पर करीब आधे घंटे तक लगाकर रखें। ऐसा करने से माइग्रेन के दर्द से राहत मिलेगी।दालचीनी पाउडर को दिन में तीन से चार बार ठंडे पानी के साथ लें।
अंगूर का जूस
अंगूर में कई डायटरी फाइबर, विटामिन ए, सी और कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जो माइग्रेन के दर्द से राहत दिलाने में मदद करते है। माइग्रेन का दर्द होने पर इसे मरीज को दिन में 2 बार पीलाएं।
बर्फ
बर्फ माइग्रेन में कारगर साबित होता है। जब भी माइग्रेन का दर्द उठे तब बर्फ के चार क्यूब्स को रूमाल में लपेटकर इसे सिर पर रखें। प्रभावित क्षेत्र, कनपटी और गर्दन पर प्रभावी राहत के लिए आइस पैक को धीरे-धीरे रगड़ें। इससे आपको सिरदर्द से काफी हद तक राहत मिलेगी। आइस पैक मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करता है और दर्द को कम कर देता है।
अदरक
अदरक माइग्रेन के दर्द को दूर करने के लिए कारगर है। इसके इस्तेमाल के लिए 1 चम्मच अदरक के रस में शहद मिला लें। इस मिक्सचर को पीने से जल्दी फायदा मिलता है। या अदरक का टुकड़ा मुंह में रख लें। अदरक का किसी भी रूप में सेवन करने से फायदा मिलता है।
सेब का सिरका
ऐपल साइडर विनेगर यानी सेब का सिरका माइग्रेन में राहत दिलाता है। एक गिलास पानी में एक छोटा चम्मच सेब का सिरका और एक चम्मच शहद डालकर पिएं। जब माइग्रेन हो या लगे कि होनेवाला है तो 2-3 चम्मच लें। सेब का सिरका नहीं है तो आप सेब भी खा सकते हैं। ग्रीन ऐपल को सूंघना व खाना भी फायदेमंद होता है।
गुड़ और दूध
रोज सुबह खाली पेट छोटा सा गुड़ का टुकड़ा मुंह में रखें और ठंडे दूध के साथ इसे पी जाएं। रोज सुबह इसके सेवन से माइग्रेन के दर्द में काफी आराम मिलता है।
मसाज करें
सर में लगाने वाला तेल को हल्का गर्म कर लें फिर सिर के जिस हिस्से में दर्द हो रहा हो, वहां पर हल्के हाथों से मालिश कर लें। हेड मसाज के साथ ही हाथ-पैर, गर्दन व कंधे की मालिश भी करवाएं। इससे जल्द राहत मिलेगा और अच्छा महसूस करेंगे।इसके लिए हल्की खुश्बू वाले अरोमा तेल का प्रयोग भी किया जा सकता है।
नींद पूरी करें
कई बार नींद पूरी न होने की वजह से भी माइग्रेन का दर्द होता है।सुबह जल्दी उठना और जल्दी सोना जरूरी है। ज्यादा सोना या कम सोना भी माइग्रेन का कारण होता है। इसलिए माइग्रेन के मरीजों को अपनी नींद पूरी करना चाहिए। गहरी नींद आने पर माइग्रेन के दर्द से काफी हद तक राहत मिलती है। इसलिए कोशिश करें कि शोर शराबे से दूर शांत कमरे में सोएं।
गैजेट्स का समय सीमित करें
लंबे समय तक टीवी, कंप्यूटर, टैबलेट, सेल फोन और वीडियो गेम देखने से थकान, शरीर में रक्त संचार में कमी और आंखों में खिंचाव होता है। इसके परिणामस्वरूप सिरदर्द हो सकता है। इसलिए, इन गैजेट्स के संपर्क में आने के समय को सीमित करें।
कैफीन, शराब और धूम्रपान को ना कहें
न केवल शराब, बल्कि धूम्रपान, कैफीन भी अत्यधिक प्रयोग से आपके शरीर को अंदर से प्रभावित कर सकता है, हैंगओवर का कारण बन सकते हैं कुछ लोगों के लिए, ये माइग्रेन के लिए प्रमुख ट्रिगर है। इसलिए, यह सिरदर्द और अन्य लक्षणों को भी बढ़ा सकते है। कैफीन की खपत को एक दिन में एक कप तक सीमित करें।हालांकि यह कई लोगों को सिरदर्द से राहत दिलाने में मदद करता है, लेकिन अगर सेवन अधिक है, तो आपको एक बार में थोड़ा कम करना पड़ सकता है।
जंक फूड से परहेज करें
जिन लोगों को माइग्रेन की तकलीफ होती है, उन्हें जंक फूड, फास्ट फूड और डिब्बा बंद भोजन से दूर रहना चाहिए। चॉकलेट, नूडल्स, मैगी आदि में पाएं जाने वाले तत्व माइग्रेन के दर्द को बढ़ा सकते हैं। माइग्रेन से ग्रसित लोगों को घर का बना खाना खाना चाहिए। माइग्रेन से पीड़ित लोगों को अधिक से अधिक हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए। पत्तेदार सब्जियों में मैग्निशियम पाया जाता है। शरीर में मैग्निशियम की मात्रा से माइग्रेन में राहत मिलती है।
हाइड्रेट
रोजाना 8 से 10 ग्लास पानी जरूर पिये वरना आपको डिहाइड्रेशन हो सकता है क्योंकि डिहाइड्रेशन माइग्रेन की समस्या का सबसे बड़ा कारण होता है । नियमित व्यायाम, नींद व आहार के साथ-साथ स्वयं को हाइड्रेट रखना (पानी पीना) और कैफेटिन और मदिरापान जैसे पेय को सीमित करना भी सामान्य स्वस्थ जीवनशैली को बनाये रखने में सहायक होता है।
योगासन व प्राणायाम
रोजाना 30 मिनट तक योगासन व प्राणायाम जरूर करें इससे आपको काफी फायदा मिलेगा, रोजाना 10 मिनट मेडिटेशन करना भी हमारे लिए काफी फायदेमंद होता है। रोजाना सुबह टहलने जाये, नंगे पांव घास पर चले क्योंकि इससे तनाव कम होता है और अगर तनाव कम रहेगा तो हार्मोंस भी बैलेंस में रहेगा जिससे माइग्रेन भी कम हो जाता है।
माइग्रेन में सावधानी
- धूप में जाने से बचें, ज्यादा शोर या रोशनी में न रहें।
- भूखे बिलकुल न रहें, क्योंकि ये एसिडीटी को बढ़ावा देता है।
- बहुत ज्यादा एक्सरसाइज या नींद भी माइग्रेन का कारण बन जाती है।
- बहुत अधिक गर्मी या ठंड से खुद को बचाएं। एक दम ठण्डे से गर्म में न निकले और तेज गर्मी से आकर बहुत ज्यादा ठण्डा पानी न पिये।
- गर्मी के मौसम में अधिक ट्रेवल करने से बचे।
- माइग्रेन में जंकफूड और मैदे से बनी चीज़े,डिब्बे बंद पदार्थो और ज्यादा मसालेयुक्त आहार को नहीं लेना चाहिए।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!
इस ब्लॉग की जानकारी ज्ञान के उद्देश्य से है और इसमें कोई चिकित्सकीय सिफारिश शामिल नहीं है। सलाह का पालन करने से पहले एक प्रमाणित चिकित्सक से परामर्श करें।
रीना जैन
Leave a Reply