आजकल देखने में आता है कि कम उम्र में ही लोग डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल बढ़ने और मोटापा जैसी समस्या से ग्रस्त हो जाते हैं। बहुत हद तक चीनी का अधिक सेवन करना इसका एक अहम कारण है। आमतौर पर हम सभी के घरों में सफेद चीनी का इस्तेमाल किया जाता है पर स्वास्थ्य के लिहाज से इसे फायदेमंद नहीं माना जाता है। चलने, दौड़ने , सामान उठाने , तैरने या किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि के लिए जब भी ताकत की जरुरत होती है तो कोशिकाएँ रक्त से ग्लूकोज़ यानि शक्कर लेकर ऊर्जा प्राप्त करती हैं। इस प्रकार की शक्कर शरीर के लिए जरुरी होती है। रक्त में मौजूद यह शुगर काम आती रहती है और रक्त में शक्कर की मात्रा नियंत्रित बनी रहती है। इस तरह से ग्लूकोज के रूप में ली जाने वाली शक्कर की कम मात्रा नुकसानदेह नहीं होती है।
हालांकि सेहत को तवज्जो देने वाले अब सफेद चीनी की जगह ब्राउन शुगर का इस्तेमाल करने लगे हैं पर यही एकमात्र विकल्प नहीं है।स्वस्थ रहने के लिए मीठा छोड़ने की जरूरत नहीं है बल्कि मिठास के लिए चीनी की जगह उन नैचरल विकल्पों (Natural Substitute) का इस्तेमाल करना हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं।जो कि चीनी की तरह ही मीठे होते हैं जो बड़े आसानी से मिल जाते हैं और महंगे भी नहीं होते आप चाहें तो चीनी की जगह इन चीजों को विकल्प के रूप में इस्तेमाल में ला सकते हैं।
देसी खांड (Desi Khand)
खानपान में मिठास लाने के लिए यह सेहतमंद विकल्प है। यह केवल मिठास ही नहीं देता, बल्कि पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। इसमें मिनरल और कैल्शियम पाए जाते हैं। इन्हें रिफाइंड नहीं किये जाने के कारण यह नुकसान नहीं करते। देसी खांड को बनाने मे किसी भी प्रकार के रसायन (Chemical) का प्रयोग नहीं किया जाता है। यह दिखने मे चीनी जैसा ही होता है परंतु इसका रंग हल्का पीला (Yellowish) होता है और इसका दाना चीनी से बारीक होता है। सबसे खास बात यह है की इसका स्वाद चीनी जैसा होता है ।
कोकोनट शुगर (Coconut Sugar)
चीनी का एक बढ़िया विकल्प कोकोनट शुगर भी है।कोकोनट शुगर को नारियल के ताड़ के रस से निकाला जाता है। इसमें आयरन, जिंक, कैल्शियम, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। नारियल के पेड़ से निकलने वाले मीठे द्रव्य को जमा कर इसे तैयार किया जाता है। इसमें चीनी के बराबर ही कैलोरी होती है लेकिन ग्लाइसेमिक इंडेक्स चीनी के बनिस्पत कम होती है। हमारा शरीर इसे आसानी से पचा लेता है।कोकोनट शुगर को आप दूध में, दही में, केक्स में, ओट्स में और अन्य ब्रेकफास्ट में बड़े आराम से यूज कर सकते हैं।
डेट्स (खजूर ) शुगर (Dates Sugar)
इसमें सेलेनियम, कॉपर, पोटेशियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, आयरन, फॉस्फोरस और कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है, लेकिन डायबिटीज़ पेशेंट इस बात को लेकर दुविधा में रहते हैं कि उनके लिए खजूर खाना ठीक है या नहीं? क्योंकि इसमें शुगर और कैलोरी की अधिक मात्रा होती है, लेकिन यह नेचुरल शुगर होता है। खजूर में प्राकृतिक रूप से शुगर मौजूद होती है। इसे पाउडर और पेस्ट दोनों रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
डेट्स शुगर जैसे कि नाम से ही पता चलता है डेट्स से बनती है डेट्स यानी की खजूर नेचुरल ही बड़े मीठे फ्रूट होते हैं, डेट शुगर को शुगर का एक बड़ा ही हेल्दीअर अल्टरनेटर माना जाता है और इसको बनाना भी बेहद ही इजी है इसको घर पर भी बना सकते हैं, बस खजूर को रोस्ट कर कर पीस कर लें और बाद में इसके पाउडर को छान लें, खजूर से बनी इस शुगर में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है साथ ही इसमें विटामिंस एंड मिनरल्स काफी पाए जाते हैं, डेट्स शुगर को आप दूध, चाय, दही, मिठाईयां आदि में डाल सकते हैं।
गुड़ (Jaggery)
गुड़ का इस्तेमाल चीनी की जगह करना अच्छा है। इसमें फाइबर और मिनरल्स मौजूद होते हैं जो शरीर के लिए जरूरी होते हैं। हम सभी जानते हैं कि गुड़ गन्ने से प्राप्त चीनी विकल्प का एक प्राकृतिक रूप है।इसके अनरिफाइन होने के कारण इसमें आवश्यक विटामिन, खनिज, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट का एक पॉपरहाउस माना जाता है।भोजन के बाद गुड़ का एक छोटा टुकड़ा आपके पाचन एंजाइम को सक्रिय करता है।यह एनीमिक रोगियों के लिए बहुत अच्छा माना जाता है, ये शरीर में हीमोग्लोबिन के लेवल को बढ़ाने का काम कर सकता है। चीनी को सफेद जहर कहा जाता है। जबकि गुड़ स्वास्थ्य के लिए अमृत होता है। क्योंकि गुड़ खाने के बाद वह शरीर में क्षार पैदा करता है जो हमारे पाचन को अच्छा बनाता है। जबकि चीनी अम्ल पैदा करती है जो शरीर के लिए हानिकारक है।
शहद (Honey)
हनी एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट्स होने के कारण एक जबरदस्त अल्टरनेटिव है शुगर का, शहद दिल को स्वस्थ, दिमाग को तेज और बॉडी की एक्स्ट्रा चर्बी को कम करने में बड़ा उपयोगी है, हनी को चपाती, ब्रेड, नींबू पानी और दूध में डालकर लिया जा सकता है इनमें कच्चा शहद सबसे बेस्ट माना जाता है।
मिश्री (Mishri)
चीनी और मिश्री दोनों गन्ने से ही बनते हैं लेकिन चीनी रिफाइंड होती है। वहीं मिश्री अनरिफाइंड होती है, जो शरीर के लिए बहुत अच्छी होती है।चीनी को बनाने के लिए कई तरह के रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है बल्कि मिश्री गन्ने से प्राप्त पूरी तरह से प्राकृतिक उत्पाद है। मीठा खाने के शौकीन होते हैं और किसी भी चीज को मीठा बनाने के लिए चीनी का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अगर आप चीनी के स्थान पर मिश्री का प्रयोग करेंगे तो यह आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद रहेगा। मिश्री पाचन क्रिया में मदद और हिमोग्लोबिन को भी बढ़ाती है, मिश्री को आप जैसे चाहे यूज कर सकते हैं चाय, कॉफी, मिल्क, जूस, मिठाइयां इत्यादि, बस हमेशा ध्यान रहे कि हमेसा धागे वाली मिश्री ही खरीदें, जो बाजार में चौकोर मिश्री मिलती है उसको बिल्कुल ना खरीदें, क्योंकि वो रिफाइंड शुगर का ही बड़ा वर्जन होती है ।
स्टेविया (Stevia)
स्टीविया जीरो कैलरी नेचुरल स्वीटनर है जो कि स्टीविया प्लांट के पत्ते ही होते हैं ।आज स्टीविया पूरे विश्व में पाया जाता है और मीठे के प्राकृतिक विकल्प के तौर पर मशहूर है। ये नेचुरल स्वीटनर स्टेविया रिबॉदियाना के पौधे से हासिल होता है। इसमें मीठा प्राकृतिक रूप से पाया जाता है और ये साधारण चीनी से 200 गुणा अधिक मीठा होता है। इसकी यह ख़ासियत दो मिश्रणों की वजह से हैं। पहला स्टेवियोसाइड और दूसरा रिबॉडियोसाइड चीनी के विकल्प के रूप में आप स्टेविया का इस्तेमाल कर सकते हैं। मार्केट में यह पाउडर और तरल दोनों रूप में उपलब्ध है। इसमें कैलोरी की मात्रा शून्य होने के कारण यह चीनी की तरह वजन बढ़ाने का कार्य नहीं करता। इस पर हुए अध्ययन बताते हैं कि इसमें मौजूद कम्पाउंड ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के साथ ब्लड प्रेसर को भी नियंत्रित करने का काम करते हैं।
क्यों ख़तरनाक है शक्कर? (Why is Sugar Dangerous?)
चीनी में कोई पोषक तत्व नहीं होते हैं।चीनी बनाने में रासयनिक प्रक्रिया के दौरान उसमें मौजूद सारे पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं और केवल कैलोरी रह जाती है।
ज़्यादा शक्कर इम्यून सिस्टम पर असर डालता है। शुगर के अधिक सेवन से बॉडी की इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है।
- चीनी को पचाने में शरीर को काफ़ी मेहनत करनी पड़ती है।
- एक रिसर्च के मुताबिक़, फ्रक्टोज और ग्लूकोज का ज़्यादा मात्रा में सेवन करने से लिवर पर असर होता है।
- ज़्यादा मीठा खाने से मोटापा तो बढ़ता ही है साथ ही टाइप-2 डायबिटीज़ और हाई ब्लडप्रेशर का ख़तरा भी बढ़ जाता है।
- ज़्यादा मीठा दिमाग़ को नुक़सान पहुंचाता है, जिससे याद्दाश्त कमज़ोर हो जाती है।
- यह शरीर में अतिरिक्त इंसुलिन बनाती है, जिससे धमनियों में ब्लॉकेज का ख़तरा बढ़ जाता है और हार्टअटैक और स्ट्रोक का ख़तरा बढ़ जाता है।
- ब्लड में बहुत अधिक शुगर की मात्रा त्वचा के लिए भी खतरनाक हो सकती है।
शक्कर कितनी मात्रा में लें (How much Sugar can be consumed?)
विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO (World Health Organisation) के अनुसार भोजन से ली गई ऊर्जा में शक्कर 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। दूध , फल और सब्जी में मौजूद शक्कर से किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता। अतिरिक्त शुगर नुकसान देह होती है। बच्चों और युवा लोगों को कुल ऊर्जा का 10 प्रतिशत से कम शक्कर लेनी चाहिये।
चीनी की दिन भर में ली जाने वाली कुल मात्रा इससे अधिक नहीं होनी चाहिए –
पुरुष : 35 .5 ग्राम या 9 छोटे चम्मच
महिला : 25 ग्राम या 6 छोटे चम्मच
यदि आप शारीरिक रूप से अधिक क्रियाशील हैं तो चीनी की अधिक मात्रा सहन करने की क्षमता ज्यादा हो सकती है लेकिन यदि शारीरिक गतिविधि कम है तो अधिक मात्रा खतरनाक हो सकती है।
डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ में चीनी केसे चेक करे
(How to Check Sugar in Canned Food?)
डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ में चीनी मिली हो सकती है। बाजार से खरीदे जाने वाले खाने पीने के पैकेट पर शक्कर की मात्रा लिखी होती है। इसे अवश्य चेक कर लें। यदि उनमे 5 ग्राम प्रति 100 ग्राम तक ठीक है लेकिन 20 ग्राम प्रति 100 ग्राम है तो यह अधिक है ।
पैकेट पर शक्कर कई प्रकार के नाम से लिखी होती है जिसे पढ़कर जाना जा सकता है की उसमे कितनी शक्कर है। ये सभी नाम शक्कर के ही होते हैं – शुगर , सुक्रोस , HFCS , फ्रुक्टोस एस्पार्टेम, सैकरिन, ग्लूकोज , डेक्सट्रॉस , केन शुगर , रॉ शुगर , कॉर्न सिरप , कोकोनट शुगर आदि।
नोट– वाइट शुगर के इन्हीं हेल्दीयर अल्टरनेटिव से 21 दिन के लिए रिप्लेस करके देखिए और आप पाएंगे कि आपका बॉडी फैट कम हो रहा है, स्किन ग्लो कर रही है और एनर्जी बढ़ती जा रही है। मीठा खाने का मन करे तो मिठाई ,सोडा ड्रिंक्स जुसेस, बिस्किट चॉकलेट, की जगह फ्रूट्स खाएं। अगर फ्लेवर्ड ड्रिंक पसन्द हैं, तो घर पर ही डिटॉक्स वाटर तैयार करें।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!
इस ब्लॉग की जानकारी ज्ञान के उद्देश्य से है और इसमें कोई चिकित्सकीय सिफारिश शामिल नहीं है। सलाह का पालन करने से पहले एक प्रमाणित चिकित्सक से परामर्श करें।
रीना जैन
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