रागी (Ragi) हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक है यह दिखने में हुबहु सरसों की तरह लगती है। इसे अंग्रेजी में Finger Millets और हिन्दीं में या हमारे देश भारत में नाचनी बोला जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम एलुसीन कोरकाना (Eleusine Coracana) है। रागी की तासीर गरम होती है और ये खराब नहीं होता। इसलिए इसकी पोषटिकता बनी रहती है। रागी में फाइबर, विटामिन्स, कार्बोहाइड्रेट जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें काफी अधिक मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। ये मधुमेह और वज़न कम करने में बहुत ही सहायक है। इसे खाने से कई बीमारियां छूमंतर हो सकती हैं। ये ग्लूटेन फ्री होने के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट से भी युक्त होती है। बड़ों ही नहीं बल्कि बच्चों के लिए भी रागी सुपरफूड का काम करती है।
रागी क्या है? (What is Ragi?)
रागी खाने वाला एक मोटा अन्न है जो अनेक प्रकार के पोषक पदार्थ से युक्त और ऊर्जा प्राप्त करने का काफी अच्छा स्त्रोत है। कई लोग इसे मंडुआ के नाम से भी जानते हैं। प्रायः रागी के आटे को गेहूं के आटे में मिलाकर प्रयोग में लाया जाता है शरीर में कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन आदि की कमी को पूरा करने के अलावा रागी कई बीमारियों से बचाता है और देश भर में इससे कई तरह के व्यंजन तैयार किए जाते हैं। रागी का पौधा लगभग 1 मीटर तक ऊंचा होता है, इसके फल गोलाकार अथवा चपटे तथा झुर्रीदार होते हैं। रागी के बीज गोलाकार, गहरे-भूरे रंग के और चिकने होते हैं। इसकी बीज झुर्रीदार और एक ओर से चपटी होते हैं।
रागी में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Ragi Nutritional value)
पोषक पदार्थों के मामले में रागी काफी आगे है तथा अनाजों में इसका एक मुख्य स्थान है।
100 ग्राम के रागी में 19.1 ग्राम डायट्री फाइबर, 102 मि.ग्रा फेनोल, 72.6 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 344 मि.ग्रा कैल्शियम, 283 मि.ग्रा फास्फोरस, 3.9 मि.ग्रा आयरन, 137 मि.ग्रा मैग्नीशियम, 11 मि.ग्रा सोडियम, 408 मि.ग्रा पोटैशियम, 0.47 मि.ग्रा कॉपर, 5.49 मि.ग्रा मैंगनीज, 2.3 मि.ग्रा जिंक, 0.42 मि.ग्रा थायमिन, 0.19 मि.ग्रा राइबोफ्लेविन और 1.1 मि.ग्रा नियासिन होता है।
रागी खाने के फायदे (Benefits of Eating Ragi in Hindi)
कम ही भारतीय इसके स्वास्थ्य लाभ और पोषण के बारे में जानते हैं। यदि आप उन लोगों में से हैं जो अपने आहार में रागी को शामिल करने के लाभों से अनजान हैं, तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं रागी के कई सारे फायदों के बारे मे जिसे आपको जान लेना बेहद आवश्यक है।
कैल्शियम के लिए (For Calcium)
रागी के आटे में अन्य सभी अनाजों के आटे की तुलना में कैल्शियम अधिक मात्रा में पाया जाता है। गैर डेयरी उत्पादों में कैल्शियम के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण अनाज अगर कोई है तो वह है रागी। कैल्शियम हमारे शरीर को स्वस्थ्य रखने के साथ ही हमारी हड्डियों व दांतों के लिए अति आवश्यक है। अत: रागी में मौजूद उच्च मात्रा का कैल्शियम बढ़ते बच्चों व बजुर्गो के लिए आवश्यक है। रागी में पाया जाने वाला फास्फोरस हड्डियों के विकास में सहायक होता है। ये हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ जोड़ों में होने वाले दर्द से भी छुटकारा दिलाता है।
एनीमिया के लिए (For Anemia)
शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर कम होना एवं एनीमिया का रोगियों के लिए रागी एक वरदान से कम नहीं है इसका नियमित तौर पर सेवन करने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर अपने सही लेबल में आ जाता है और एनीमिया के रोग से भी छुटकारा मिल जाता है।
वजन कम करने के लिए (To Reduce Weight)
रागी फाइबर से भरपूर होता हैं इसलिए इसको खाने से भूख कम लगती है। अधिक से अधिक लाभ पाने के लिए नाश्ते में रागी का सेवन करें।
प्रोटीन के लिए (For Protein)
शरीर के लिए कई पोषक तत्व जरूरी होते हैं और प्रोटीन भी उन्हीं आवश्यक पोषक तत्वों में से एक है। मांसपेशियों और हड्डियों को बनाने और उन्हें स्वस्थ रखने में प्रोटीन की अहम भूमिका होती है। इसके अलावा, प्रोटीन शरीर को ऊर्जा प्रदान करने का काम भी करता है रागी में भरपूर मात्रा में प्रोटीन मौजूद होता है।
बच्चों के लिए (For Infants)
इसका सेवन न सिर्फ युवाओं और बड़े-बुजर्गों के लिए लाभकारी होता है। बल्कि इसका सेवन बच्चों के लिए भी फायदेमंद साबित होता है। रागी की बात करें तो यह अनेक पोषक तत्वों से भरपूर एक ऐसा अनाज है जिसका सेवन बढ़ती उम्र के बच्चों के विकास के लिए बहुत जरूरी होता है। इसमें आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर और मिनरल्स की पर्याप्त मात्रा मौजूद होती है। ये सभी चीजें बच्चों के विकास के लिए बहुत जरूरी होती हैं। इसलिए आप भी अपने बढ़ते बच्चे के विकास के लिए उसकी डाइट में रागी को जरूर शामिल करें।
स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए (For Lactating women)
यह माँ के दूध को पोषक तत्वों से भरपूर बना देता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं नवजात शिशु 6 माह तक अपने पोषण के लिए माँ के दूध पर पूरी तरह निर्भर होता है। इसलिए यह जरूरी है कि बच्चे को दूध के जरिए शरीर के विकास के लिए जरूरी सभी पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाए। इसके लिए जरूरी है कि नवजात शिशु की माँ अपने आहार में सुपरफूड कहलाये जाने वाले रागी को शामिल करे और अपने दूध को हेल्दी और पोषक तत्वों से भरपूर बनाए।
हृदय के लिए (For Heart)
रागी में कोलेस्ट्रॉल और सोडियम कम होता है। इसमें आयरन, मैग्नीशियम और फाइबर काफी होता है जिससे कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है। इसे खाने से हार्ट अटैक का खतरा भी कम हो जाता है रागी खाने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। रागी खाने से शरीर में आसानी से प्रोटीन, कैल्शियम, मेथिओनाइन, आयरन आदि की कमी पूरी हो सकती है इसलिए ये डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी सहायक और असरदार माना गया है।
स्किन के लिए (For Skin)
रागी समय से पहले बूढ़ा होने से रोककर त्वचा की यौवनशीलता और जीवन शक्ति बनाए रखने के लिए अद्भुत काम करता है। रागी का उपयोग सबसे प्रभावी प्राकृतिक एंटी एजिंग ड्रिंक के रूप में किया जा सकता है। अनाज में मौजूद महत्वपूर्ण अमीनो एसिड मेथियोनीन और लाइसिन कोलेजन के निर्माण और रखरखाव में मदद करता है। यह एक ऐसा पदार्थ है जो त्वचा के ऊतकों को कोमल और जीवंत बनाने में मदद करता है, जिससे यह झुर्रियों को कम करता है और शिथिलता देता है।
रागी के नुकसान (Ragi (Finger Millet) Side Effects in Hindi)
रागी के फायदे बहुत है नुकसान ना के बराबर रागी हमारे लिए बहुत फायदेमंद है लेकिन किसी भी चीज की अति ठीक नहीं होती इसी तरह इसका का भी अत्यधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
- रागी कैल्शियम का एक स्रोत है। लेकिन अधिक सेवन से किडनी स्टोन का कारण बन सकता है ।
- रागी में फाइबर भी पाया जाता है। ऐसे में अधिक फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन से पेट संबंधी समस्याएं जैसे – गैस ,पेट फूलना और पेट में ऐंठन हो सकती है।
- थायरॉयड के मरीजों के लिए भी रागी का सेवन नुकसानदायक हो सकता है। इसके ज्यादा सेवन से उनको कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
- जिन लोगों को कब्ज की समस्या हैं उन्हें रागी का सेवन नहीं करना चाहिए। ये आसानी से पच नहीं पाते जिसके चलते कब्ज की समस्या हो सकती है।
- किसी व्यक्ति को अगर एलर्जी है तो उसे रागी का सेवन नहीं करना चाहिए।
रागी का प्रयोग कैसे करें (How to Use Ragi (Finger Millet) in Hindi)
अगर आप यह सोच रहे हैं कि आखिर इस मोटे अनाज का किस तरह से आप प्रयोग कर सकते हैं तो उसकी जानकारी हम बता रहे हैं-
- साबुत रागी को सुबह के नाश्ते में अंकुरित करके खा सकते हैं.
- रागी की रोटी बनाकर भी खा सकते हैं।
- लड्डू के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।
- इडली और डोसा बना कर खा सकते हैं।
- बिस्किट और कुकीज़ जैसी चीजों को भी इससे बनाया जा सकता है।
- हमारे देश में ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो बर्फी बनाने के लिए रागी का इस्तेमाल करते हैं।
- रागी के आटे का हलवा भी बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
- रागी का रंग पकाने के बाद गहरा भूरा हो जाता है और बच्चो को शायद पसंद न आए इसलिए रागी को अन्य अनाज के साथ मिला कर इस पोष्टिक खाने को उनके आहार मे मिला सकते है।
रागी की रेसिपीज ( Ragi recipes In Hindi)
रागी का हलवा
रागी का हलवा बनाने के लिए घी को कड़ाई में हल्की आँच पे गरम करे। फिर उसमे रागी का आटा मिलाकर पाच, सात मिनट तक घी में भूने। फिर ईलाईची और चीनी मिलाए और चीनी के पूरी तरह मिलने तक हलवे को धीमी आँच पे पकाए।
डोसा या इडली
रागी और चावल को बराबर मात्रा में मिलाकर आप स्वादिष्ट और पोस्टिक रागी डोसा या इडली या उप्मा बना सकते है।
रागी की खिचड़ी
रागी की खिचड़ी बनाने के लिए मूंग दाल और रागी के दानो को चार घंटे लिए पानी में भिगो दें। अब मूंग दाल और रागी और हींग को कुकर में मध्यम आंच पे चढ़ा दें। तीन से चार सिटी तक इसे पकाएं। जब ये पक जाये तो कुकर के आंच को बंद कर दें और कुकर को ठंडा होने के लिए छोड़ दें।
रागी पोरिज
रागी पोररिज बनाने के लिए जरूरत मात्रा में रागी को पानी में भिगोकर पीस ले । रागी के दूध को छानकर थोड़े से घी, नमक या दूध में पका ले गाढ़ा होने तक पका ले। रागी के आटे के पेस्ट को दूध में और अपनी पसंद के फल, सूखे मेवे और नट्स से मिलाकर एक आसान सा पोररिज बनाया जा सकता है।
रागी के लड्डू
भुने हुए रागी को पीसी हुई चीनी ,ईलाईची और घी के साथ मिलकर हम रागी के लड्डू भी बना सकते है।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!
इस ब्लॉग की जानकारी ज्ञान के उद्देश्य से है और इसमें कोई चिकित्सकीय सिफारिश शामिल नहीं है। सलाह का पालन करने से पहले एक प्रमाणित चिकित्सक से परामर्श करें।
रीना जैन
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