सनस्क्रीन का उपयोग हमारी स्किन को धूप की हानिकारक किरणों से बचाता है। स्किन पर सनस्क्रीन लगाने से स्किन डल, ड्राई , डैमेज और त्वचा के कैंसर होने जैसी कई समस्याओं से बच जाते है। सिर्फ सनस्क्रीन लगा लेने से स्किन की सुरक्षा नहीं होती है, इसके लिए हमें सनस्क्रीन के उपयोग करने से जुड़ी कुछ गलतियों से भी बचना पड़ता है। सनस्क्रीन कितने भी अच्छे ब्रैंड का क्यों न हो, अगर आप को उसे इस्तेमाल करने का सही तरीका पता नहीं है, तो वह आप की त्वचा पर बेअसर ही साबित होगा,तो आइए जानते हैं सनस्क्रीन इस्तेमाल करने के सही तरीके के बारे मे।
सनस्क्रीन से पहले क्या लगाएं (What to Apply Before Sunscreen?)
अकसर सनस्क्रीन सनस्क्रीन पहले या मॉइस्चराइजर पहले ये काफी भ्रमित करने वाला सवाल है,सब से पहले त्वचा पर मौइश्चराइजर लगाएं।उस के 20-30 मिनट बाद सनस्क्रीन लगाएं ताकि त्वचा पहले मौइश्चराइजर को अच्छी तरह सोख ले।यदि आप चेहरे पर मेकअप लगाती हैं, तो सनस्क्रीन लगाने के बाद ही मेकअप का इस्तेमाल करें।यदि मेकअप नहीं लगाती हैं तो सनस्क्रीन ही आप के चेहरे पर लगने वाला आखिरी उत्पाद होना चाहिए।
घर पर भी करें सनस्क्रीन का इस्तेमाल (Use Sunscreen Even at Home)
घर से बाहर हो या घर के अंदर दोनों ही स्थिति में स्किन की देखभाल आवश्यक है। घर के अंदर हों या बाहर लेकिन खिड़की के करीब हैं तो भी आप यूवीए किरणों के संपर्क में आ सकते हैं और अपनी स्किन को नुकसान पहुंचा सकते हैं। आज के जमाने में हम तमाम डिवाइसों से घिरे हुए हैं,घर में रहने के दौरान भी हम सोते या बैठते वक्त लैपटॉप, मोबाइल फोन टैबलेट का उपयोग करते हैं और और इनसे निकलने वाली हानिकारक विकिरणों का दुष्प्रभाव हमारी त्वचा पर पड़ती है इससे सुरक्षा के लिए घर के अंदर रहने के दौरान भी चेहरे पर सनस्क्रीन लगाए।
सनस्क्रीन या सनब्लॉक क्या लगाएं (What to Apply Sunscreen or Sunblock?)
अल्ट्रावॉयलेट किरणें दो स्तर की होती हैं- यूवीए और यूवीबी।यूवीए किरणें ज्यादा खतरनाक होती हैं। लंबे समय तक धूप में रहने वाले पर यह ज्यादा असर छोड़ती हैं, जबकि यूवीबी किरणें सनबर्न और फोटो एजिंग के लिए जिम्मेदार होती हैं।ऐसे में सनस्क्रीन यूवीबी किरणों को फिल्टर करने का काम करता है, जबकि सनब्लॉक में जिंक ऑक्साइड होता है, जो दोनों तरह की किरणों से त्वचा को बचाता है।
सनस्क्रीन दो प्रकार की होती है —
- केमिकल सनस्क्रीन जिसे आम भाषा में सनस्क्रीन भी कहा जाता है।
- मिनरल सनस्क्रीन जिसे सनब्लॉक या फिजिकल सनस्क्रीन भी कहा जाता है।
- केमिकल सनस्क्रीन मुख्यतः केमिकल्स से बनी होती है जबकि सनब्लॉक नेचुरल चीज़ों से बना होता है।
- सनस्क्रीन को लगाने के 20 मिनट बाद ही धूप मे निकला जा सकता है जबकि सनब्लॉक को लगा कर तुरंत धूप में जा सकते हैं।
- केमिकल सनस्क्रीन (सनस्क्रीन) सिर्फ UVA किरणों से ही त्वचा की रक्षा करती हैं जबकि सनब्लॉक सूरज की UVA और UVB दोनों किरणों से रक्षा करता है।
- सनस्क्रीन सूरज की हानिकारक किरणों को अवशोषित करके त्वचा की रक्षा करता है जबकि सनब्लॉक सूरज की हानिकारक किरणों को त्वचा से सीधे परावर्तित करके त्वचा की रक्षा करता है।
कितनी बार सनस्क्रीन लगानी चाहिए? (How Often Should Sunscreen be Applied?)
ध्यान रखें कि दिन में एक बार सनस्क्रीन लगाकर दिनभर की छुट्टी नहीं हो सकती। सनस्क्रीन क्रीम हर दो घंटे बाद फिर से लगाएं। कई महिलाएं सुबह घर से निकलने से पहले सनस्क्रीन लगाती हैं और फिर पूरा दिन उसी में बिता देती हैं, जबकि यह सही नहीं है। सनस्क्रीन हर 2 घंटे बाद लगाएं खासतौर पर तब जब आप का काम बाहर आनेजाने का ज्यादा हो और आप को बहुत पसीना आता हो। व्यायाम और स्विमिंग करने से पहले भी सनस्क्रीन जरूर लगाएं।यदि आप धूप में ज्यादा नहीं निकलतीं या फिर दिन भर घर में ही रहती हैं तो दिन भर में 1-2 बार भी सनस्क्रीन लगाएंगी तब भी आप की त्वचा सुरक्षित रहेगी।
एसपीएफ लेवल देखना न भूलें (Don’t Forget to Check the SPF Level)
सनस्क्रीन लोशन में SPF का अर्थ है – Sun Protection Factor। यह अल्ट्रा वॉइलेट किरणों को त्वचा तक पहुँचने में रोकने की क्षमता को दर्शाता है।त्वचा की बेहतर सुरक्षा के लिए सनस्क्रीन खरीदते समय उसका एसपीएफ लेवल देखना न भूलें।अमूमन मार्किट में एसपीएफ 15 से एसपीएफ100 तक की सनस्क्रीन मिलती हैं। सनस्क्रीन का प्रभाव सबसे ज्यादा निर्भर करता है उसमें मौजूद ‘एसपीएफ’ यानि ‘सन प्रोटेक्टिंग फैक्टर’ पर। सनस्क्रीन में एसपीएफ जितना ज्यादा होगा, सनस्क्रीन उतना ज्यादा प्रभावी होगा। यदि आप कभी-कभार ही बाहर होते हैं तो इसका सन प्रोटेक्शन फैक्टर (SPF) 15 या उससे अधिक हो ,यदि आप बहुत अधिक बाहर हैं तो इसका एसपीएफ़ 30 से अधिक हो।
सनस्क्रीन लगाने का तरीका (How to Apply Sunscreen?)
- जब भी आपको घर से बाहर निकलना है सनस्क्रीन लगाने के आधा घंटा बाद ही आपको घर से बाहर निकलना है।
- सनस्क्रीन लगाया और तुरंत ही बाहर निकल गए ऐसा बिल्कुल भी नही करना है।
- त्वचा विशेषज्ञ कहती हैं कि सनस्क्रीन का चुनाव हमेशा अपनी त्वचा के अनुसार ही करना चाहिए। यदि आपकी त्वचा पहले से ही ऑयली है, तो स्प्रे या जेल बेस्ड सनस्क्रीन यूज करें। यह आपके रोमछिद्रों को बंद नहीं करेगी और त्वचा ऑयली भी नहीं होगी।
- ड्राई स्किन के लिए मॉइस्चराइजर बेस्ड सनस्क्रीन सही रहती है। मॉइस्चराइजर वाला सनस्क्रीन का चुनाव करें या त्वचा पर पहले मॉइस्चराइजर लगाएं, फिर सनस्क्रीन लगाएं।
- पर्याप्त मात्रा में सनस्क्रीन लेकर चेहरे पर, गले व गले के पीछे गर्दन पर छोटे छोटे बिंदु लगाए हल्के हाथ से एकसार फैला लें। सनस्क्रीन लगाने के बाद चेहरा सफेद और चिपचिपा लग सकता है। यह पांच से दस मिनिट में सेट हो जाता है और चेहरा सही लगने लगता है, यह सनस्क्रीन सेट होने की प्रक्रिया होती है।
- सनस्क्रीन को रगड़ कर लगाने की बजाय हल्के हाथों से पूरे चेहरे पर अप्लाई करें। सनस्क्रीन की पतली परत ही त्वचा पर लगाएं।
सनस्क्रीन लगाने के फायदे (Sunscreen Benefits)
सनस्क्रीन धूप से त्वचा को जलने और काली पड़ने से बचाने का काम करता है। इसके साथ ही उचित रूप से सनस्क्रीन के उपयोग से त्वचा पर झुर्रिया पड़ना , ढ़ीली होने और तिल मस्से आदि होने से भी बचाया जा सकता है। यहाँ तक की सूरज की UV किरणों के कारण त्वचा पर होने कैंसर से भी बचाव हो सकता है। सनस्क्रीन में मॉइस्चराइज़र तथा अन्य चीजों के अलावा टाइटेनियम डाई ऑक्साइड व ज़िंक ऑक्साइड या क्रोमोफ़ोर्स जैसे तत्व होते हैं जो सूरज की किरणों को अवशोषित कर लेते हैं। इससे त्वचा नुकसान से बच जाती है।
धूप से बचाव के अन्य तरीके (Other ways to Protect Yourself from the Sun)
हम सोचते हैं कि सनस्क्रीन लगाने के बाद हमारी स्किन पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन ऐसा नहीं होता है।
- जितना हो सके, त्वचा को धूप के सीधे संपर्क में आने से भी बचाना चाहिए। सनस्क्रीन लगाने के साथ-साथ पूरे और ज्यादा कपड़े पहनें। स्कार्फ या छतरी यूज करें।
- संतरा, आंवला, हरी सब्जियां खाएं। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, जो अंदरूनी सनस्क्रीन का काम करते हैं।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी जरूरी होता है, ताकि स्किन ड्राई न हो।
- धूप में बाहर निकलते समय आंखों पर बड़े फ्रेम वाले गॉगल्स लगाएं।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!
रीना जैन
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