यह एक बहुत ही सरल योगासन है, इस आसन में शरीर को ताड़ के वृक्ष की तरह खींचते हैं, इसलिए इसका नाम ताड़ासन हैं। ताड़ का एक पेड़ और हिमालय को भी संस्कृत में ताड़ कहा जाता हैं। योग की शुरूआत करने वाले लोगों के लिए ताड़ासन एक बेहतरीन योगासन हैं और इसके अनेकों लाभ हैं। ताड़ासन के अभ्यास से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती हैं, साथ ही शरीर के पूरे अंगों में खिंचाव होता हैं जिससे शरीर के ये अंग लचीले बनते हैं इसका अभ्यास किसी भी उम्र के लोग आसानी से कर सकते हैं।
ताड़ासन का अर्थ (Meaning of Mountain Pose)
ताड़ासन संस्कृत भाषा से लिया गया है,जो दो शब्दों से मिलकर बना है “ताड़ + आसन”। जिसका अर्थ होता है खजूर का पेड़(लम्बा) + मुद्रा। इस आसन की स्थिति ताड़(खजूर)वृक्ष के जैसी होने के कारण ताड़ासन नाम दिया गया है।इसका संस्कृत नाम समस्थिति है, जिसका अर्थ होता है समान स्तर पर खड़े रहना। इंग्लिश में इसे माउंटेन पोज (Mountain Pose) भी कहा जाता हैं।
ताड़ासन योग करने का तरीका (Steps to do Mountain Pose )
किसी भी योगासन को गलत तरीके से करने से उसके नुकसान हो सकते हैं। इसलिए, सही तरह से ताड़ासन करने का तरीका नीचे बताया गया है।
- सबसे पहले किसी साफ और खुली जगह का चुनाव करें और योग मैट बिछाएं।
- अब पैर और कमर को सीधा करके योग मैट पर खड़े हो जाएं।
- इस दौरान एड़ियों को एक दूसरे से मिला कर रखें।
- अपने दोनों हाथों को बगल में सीधा रखें।
- अगले चरण में हाथों की उंगलियों को एक दूसरे से इंटरलॉक कर लें,ऊपर उठाएं। हथेलियों की दिशा आकाश की तरफ होनी चाहिए।
- अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए, पंजों के बल खड़े होते हुए शरीर को ऊपर की ओर खीचें।
- जब शरीर पूरी तरह तन जाए, तो इस मुद्रा में कुछ देर बने रहने की कोशिश करें। साथ ही सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
- इस अवस्था में शरीर का पूरा भार पंजों पर होगा।
- शरीर को पूरी तरह खींचिए। जितनी देर रुक सके उतनी देर रुकिए।
- फिर सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
- इस पूरी प्रक्रिया को लगभग 8 से 10 बार क्षमतानुसार दोहराएं।
- दृष्टि को सीध में किसी बिंदु पर टिकाएं, आपकी नजर इधर-उधर भटकनी नहीं चाहिए। पूरे अभ्यास के दौरान आपको ऐसा ही करना है।
- श्वास ऊपर उठते समय श्वास अंदर लीजिये। उठी हुई अवस्था में श्वास रोक कर रखे। नीचे की ओर आते समय श्वास बाहर छोड़िये।
ताड़ासन योग के फायदे (Mountain Pose Benefits)
लंबाई बढ़ाता है (Increases The length)
ताड़ासन को लंबाई बढ़ाने में विशेष रूप से लाभदायक माना जाता है। कम लंबाई वालों को योगा टीचर ताड़ासन करने के लिए कहते हैं। इस आसन को करने से पूरे शरीर में स्ट्रैचिंग होती है अर्थात इस आसन को करते समय हम शरीर को ऊपर की तरफ खींचते हैं जिससे पूरे शरीर में खिंचाव उत्पन्न होता है जिससे हमारी लंबाई धीरे-धीरे बढ़ने लगती है। इसलिए आपकी भी लंबाई यदि कम है तो आप रोजाना ताड़ आसन का अभ्यास कर सकते हैं।
संतुलन बनाने में मदद (Help to Balance)
यह आसन शरीर के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है क्योंकि इसमें आपको अपने पैरों की उंगलियों पर खड़े होकर शरीर को बैलेंस करना होता है। इसके अभ्यास से लचीलापन भी बढ़ता है।
पैरों को मजबूत करता है (Strengthens Legs)
ताड़ासन योग पैरों की समस्याओं जैसे कि पैरों में सूजन, पैर सुन्न रहना, दर्द, जलन और झनझनाहट के लिए काफी लाभदायक माना जाता है। ताडासन को करते समय पैरों में खिंचाव उत्पन्न होता है जिससे यह आसन पैरों की कमजोरी को दूर कर पैरों को मजबूत करता है।
पोस्चर में सुधार होता है (Perfect Posture)
यह आसन आपको हर रोज करना चाहिए क्योंकि यह अधिक देर तक बैठे रहने या लेटे रहने से खराब हुए पोस्चर में सुधार करता है। ताड़ासन का अभ्यास आपकी रीढ़ के पोस्चर को सुधारता है।इस योगासन को करते समय रीढ़ की हड्डी को बिलकुल सीधा रखा जाता है, जिससे शरीर का पोस्चर बनाए रखने में मदद मिलती है। साथ ही, ताड़ासन रीढ़ को सकारात्मक रूप से लचीला और शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है
पीठ दर्द में फायदेमंद (Relief From Back Pain)
रीढ़ की हड्डी मजबूत बनाने के साथ-साथ ताड़ासन के फायदे कमर दर्द के लिए भी अच्छे हैं। जो लोग 8-10 घंटे एक जगह बैठकर कार्य करते हैं उनको अक्सर कमर दर्द की शिकायत रहती हैं। ऐसे में अगर नियमित सुबह उठकर ताड़ासन का अभ्यास किया जाए तो कमर दर्द की शिकायत दूर हो सकती हैं और कमर और रीढ़ की हड्डी मजबूत रह सकती हैं। कमर की जकड़न को दूर करने के लिए यह एक अच्छा योगासन हैं।
एकाग्रता को बढ़ाने के लिए ताड़ासन (Increase Concentration)
इस आसन के निरंतर अभ्यास से एकाग्रता शक्ति (Concentration power) बढ़ती है। आपने देखा होगा कि इस आसन को लंबे समय तक एक ही मुद्रा को बनाए रखना होता है। जिससे एकाग्रता में वृद्धि होती है।इसके अभ्यास से मन की एकाग्रता बढ़ती है और व्यक्ति की ध्यान शक्ति का विकास होता है।
ताड़ासन करने के लिए समय और अवधि
(Time and Duration to do Mountain Pose)
ताड़ासन करने का सबसे सही समय सुबह का होता हैं।सुबह के समय इसे करने से दुगुना लाभ प्राप्त होता हैं। यदि सवेरे आपकों वक्त नहीं मिल पाता हैं तो आप इसे दिन के किसी भी समय कर सकते हैं। इस बात का ध्यान रखे कि खाना खाने केव तुरंत बाद ताड़ासन नहीं करना चाहिए। शुरुआत में इस आसन का दो तीन बार ही अभ्यास करें, धीरे-धीरे कुछ हफ्तों के अभ्यास के बाद आप ताड़ासन को रोजाना आठ से दस बार तक कर सकते हैं। यदि आप अधिक थक रहे हैं तो बीच में छोटा अंतराल लेकर इसे जारी रखे।
ताड़ासन की सावधानियां (Precautions of Mountain Pose)
बहुत से लोग ग़लत तरीके से योग का अभ्यास करते हैं जिसके रिज़ल्ट कुछ भी नहीं आता और वो फिर योगा करना छोड़ देते हैं। तो अगर आपको योगा से फायदा लेना है तो आपको ज़रूर सावधानियां बरतनी होंगी।
- ताड़ासन योग सिर में दर्द होने पर न करें।
- प्रेग्नेंट महिला को यह आसन नहीं करना चाहिए।
- जिनके घुटनों में ज़्यादा दर्द हो उन्हें ये आसन नहीं करना चाहिए।
- लो ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोग भी इस आसन को ना करें।
- अगर आप इसोमनिया से परेशान हैं, तो ताड़ासन का अभ्यास न करें।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!
रीना जैन
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