All About Tea : कहीं आपकी चाय में मिलावट तो नहीं?

हमारी सुबह हर रोज़ चाय की एक गरम प्याली से होती है इसके बिना दिन अधूरा लगता है और चाय एक ऐसी चीज़ है जो दुनिया में पानी के बाद सबसे ज़्यादा पी जाती है। चाय में टैनिन और कैफीन होता है जो शरीर को स्फुर्ति प्रदान करने में सहायता करता है। इसलिए अक्सर थक जाने पर चाय पीने से फिर से स्फुर्ति का एहसास होता है।हमारे देश में चाय की जितनी वैरायटी है, उतने ही इसको पीने के अलग-अलग तरीके भी हैं। कोई चीनी और गाढ़े दूध वाली चाय पीना पसंद करता है, तो किसी को बिना दूध और चीनी वाली ब्लैक टी अच्छी लगती है। किसी को अदरक वाली मसालेदार चाय का शौक होता है, तो किसी को लेमन टी पीना अच्छा लगता है। हेल्थ कांशस लोग ग्रीन टी पीना पसंद करते हैं, लेकिन क्या हो अगर आपकी चाय में मिलावट हो और आप चाय की चुस्कियों की जगह जहर के घूंट पी रहे हों?

कई सारे लोग तो चाय के इतने बड़े दीवाने होते हैं कि दिनभर में 6-7 कप चाय के पी लेते हैं। उन लोगों को तो मिलावटी चाय से भारी नुकसान हो सकता है। चाय लिमिट में लेना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि फ्लेवोनोइड्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चाय शरीर को आराम पहुंचाती है। लेकिन जब चाय मिलावटी हो तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए कितनी हानिकारक हो सकती है। क्या आप जानते हैं कि बाजार में नकली चायपत्ती इसमें कई तरह के हानिकारक पदार्थों की मिलावट की जाती है।इस आर्टिकल में हम आपको कुछ आसान तरीके बताएंगे जिनकी मदद से घर बैठे ही चायपत्ती में मिलावट का पता लगाया जा सकता है।

चाय एक सुगंधित पेय है जो सदाबहार झाड़ी कैमेलिया साइनेंसिस की सूखी या ताजा पत्तियों से बनाई जाती है ,जो चीन, भारत और अन्य पूर्वी एशियाई देशों में पाई जाती है। भारत की असम, दार्जिलिंग और नीलगिरि चाय को दुनिया में बेहतरीन चाय में से एक माना जाता है।

चाय की पत्ती में खराब पत्तियों और कलरिंग पदार्थों की मिलावट की जाती है। ये पत्तियां ऐसी होती हैं जिन्हें एक बार इस्तेमाल करने के बाद दोबारा यूज किया जाता है। वहीं प्रोसेस्ड और कलर्ड टी की मिलावट भी चाय की पत्ती में की जाती है। इससे लिवर डिसऑर्डर और सेहत से जुड़ी कई दूसरी समस्याएं हो सकती हैं। रंग चायपत्ती को आकर्षक बनाने के लिए कृत्रिम रंगों का उपयोग किया जाता है।चाय बनाने के दौरान निकलने वाली धूल को भी चायपत्ती में मिला दिया जाता है।
कभी-कभी चायपत्ती में अन्य पत्तों जैसे कि नीम के पत्ते, आम के पत्ते आदि मिला दिए जाते हैं।
कुछ मामलों में चायपत्ती में कागज के टुकड़े भी मिलाए जाते हैं।

चाय की क्वालिटी को इस तरह से पहचाना जा सकता है:

  • अच्छी चाय की पत्ती में मीठी सुगंध आती है।
  • चाय की पत्ती को छूने के बाद हाथों पर लंबे समय तक उसकी खुशबू बनी रहती है। 
  • इसके लिए दो चम्मच चायपत्ती को टिश्यू पेपर पर रखकर उस पर थोड़ा पानी छिड़कें, फिर इस टिश्यू पेपर को धूप में सुखा दें। अगर टिश्यू पेपर पर रंगीन धब्बे या निशान लग जाते हैं तो समझ जाएं कि चायपत्ती में मिलावट है। असली चाय पत्ती से टिश्यू पेपर साफ रहेगा।
  • असली और अच्छी चाय की पत्ती उबालने पर ज़्यादा रंग नहीं देती, लेकिन उसका स्वाद अच्छा होता है। 
  • अगर चाय की पत्ती पुरानी या खराब क्वालिटी की है, तो उसमें लकड़ी जैसी गंध आती है। 
  • आप ठंडे पानी का टेस्ट भी कर सकते हैं। इसके लिए एक गिलास ठंडे पानी में दो चम्मच चायपत्ती डालें और अच्छी तरह मिलाएं। अगर चायपत्ती असली है तो धीरे-धीरे पानी में रंग छोड़ेगी और रंग गाढ़ा होने में कुछ समय लगेगा, लेकिन अगर चायपत्ती नकली है तो पानी का रंग एक मिनट के अंदर ही बदल जाएगा।
  • चाय की पत्ती बाजार में खरीदने जाएंगे तो आपको छोटे दाने और लंबे दानों वाली चाय की पत्ती मिलेगी। आपको लंबे दानों वाली पत्ती ही लेनी है क्योंकि उसे ऑर्सोडॉक्स मेथड से तैयार किया गया होगा। और चाय के उबलने पर सारी रोल की गई पत्तियां खुल जाएंगी।
  • अच्छी क्वालिटी की चाय की पत्ती काले और भूरे रंग की होगी। मगर बहुत अधिक काले रंग की पत्ती नहीं होनी चाहिए। ऐसा होने पर समझ जाएं कि उसमें फूड कल मिलाया गया है।
  • ज्यादा मात्रा में बार बार चाय पीना स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है।
  • दिन भर में तीन कप से ज्यादा पीने से एसिडिटी हो सकती है।
  • आयरन एब्जॉर्ब करने की शरीर की क्षमता को कम कर देती है।
  • कैफीन होने के कारण चाय पीने की लत लग सकती है।
  • ज्यादा पीने से खुश्की आ सकती है।
  • पाचन में दिक्कत हो सकती है।
  • दांतों पर दाग आ सकते हैं।
  • देर रात पीने से नींद न आने की समस्या हो सकती है।
  • बहुत अधिक मात्रा में सेवन करने पर चाय में स्थित टैनिन नामक रासायनिक यौगिक, शरीर की लोहे को अवशोषित करने की क्षमता को कम करता है।
  • अधिक मात्रा में चाय का सेवन करने से अतिरिक्त कैलोरीज लेने का खतरा होता है, जो वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है।
  • ज्यादा चाय पीने से यूरिन भी बार-बार आता है और इससे बॉडी से कई जरूरी मिनरल्स बाहर निकल जाते हैं।
  • दूध और चीनी मिलाने से चाय के गुण कम हो जाते हैं। दूध मिलाने से एंटी-ऑक्सिडेंट तत्वों की ऐक्टिविटी भी कम हो जाती है। चीनी डालने से कैल्शियम घट जाता है और वजन बढ़ता है। इससे एसिडिटी (जलन) की आशंका बढ़ जाती है। दरअसल, चाय में फाइब्रीन व एल्ब्यूमिन होते हैं, जबकि चाय में टैनिन। ये आपस में मिलकर ड्रिंक को गंदला कर देते हैं। दूध में मौजूद प्रोटीन चाय के फायदों को खत्म करता है।
  • हमने आमतौर पर देखा है कि लोग एक बार में ज्यादा चाय बनाकर रख लेते हैं और उसे बार-बार गर्म करके पीते हैं, जो कि आपकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए इस बात पर विशेष तौर पर ध्यान दें कि जितनी जरूरत हो, उतनी ही चाय बनाएं और ताजी चाय का ही सेवन करें।
  • दिन में 2-3 कप से ज्यादा चाय का सेवन न करें।
  • खाना खाने के तुरंत बाद चाय न पीयें।
  • खाली पेट चाय न पीयें।
  • नाश्ता या खाना खाने के आधा घंटा बाद ही पीयें।
  • रात में चाय न पीयें, इससे नींद न आने की समस्या हो सकती है।
  • चाय में दूध और शक्कर नहीं मिलाना चाहिए।

ग्रीन टी (हरी चाय)

ज्यादातर लोग चाय के साथ कुछ न कुछ जरूर खाते हैं। लेकिन कई चीजें ऐसी होती हैं जिनको चाय के साथ खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। आओ जानते हैं:-

  • चाय के साथ कभी भी बेसन से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। चाय के साथ बेसन से बनी चीजें खाने से शरीर में पोषक तत्व कम हो जाते हैं। इससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
  • चाय के साथ कच्ची चीजें जैसे सलाद, अंकुरित अनाज आदि का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि गर्म और ठंडे का मिश्रण होने के कारण यह पेट संबंधी समस्याएं दे सकता है।
  • चाय के साथ कभी भी ऐसी चीज न खाएं, जिसमें नींबू मिला हो। चाय के साथ नींबू युक्त चीज खाने से गैस, कब्ज और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
  • चाय पीने के तुरंत बाद ऐसी चीजों का सेवन न करें जिसमें हल्दी की मात्रा अधिक हो इसका प्रमुख कारण है कि चाय और हल्दी में मौजूद रासायनिक तत्व, जो आपस में क्रिया करके पेट में पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकते हैं और पेट के लिए हानिकारक है।
  • चाय पीने के बाद पानी नहीं पीना चाहिए और न ही कोई भी ठंडी चीज खानी चाहिए। इससे गर्म-सर्द की परेशानी हो सकती है। इसके अलावा पाचन तंत्र भी कमजोर होता है।
  • चाय के साथ कभी भी मीठे का सेवन न करें। ऐसा करने से मधुमेह होने की संभावना बढ़ सकती है। इसके अलावा पेट में जलन की समस्या भी हो सकती है।
  • चाय में टैनिन होता है। इसके साथ प्रोटीन या आयरन रिच फूड का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि टैनिन, आयरन व प्रोटीन को अवशोषित कर लेता है। जिससे कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • भोजन करने के तुरंत बाद चाय का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि चाय की पत्तियों में प्रकृतिक अम्लीय होती हैं जिससे भोजन में मौजूद पोषक तत्व शरीर तक न पहुंच पाने के कारण पाचन सही तरह से नहीं हो पाता। इसके अतिरिक्त यह रक्त में शर्करा के स्तर को भी प्रभावित कर सकता है।

ध्यान रखें कि आधुनिक समय में अधिकतर फलों सब्जियों से लेकर अनाज तक में मिलावट हो रही है। इसलिए इन मिलावटी चीजों को खरीदने से पहले इसकी जांच जरूर करें। ताकि आप खुद को और अपने परिवार को मिलावटी चीजों से होने वाले खतरों से बचा सकें।

पढ़ने के लिए धन्यवाद ! 

रीना जैन

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