वज्रासन योग का एक सरल आसन हैं जिसका अभ्यास हर उम्र के लोग आसानी से कर सकते हैं। वज्रासन से आप योग की शुरूआत भी कर सकते हैं साथ ही वज्रासन के फायदे भी अनेक हैं। वज्रासन सबसे अच्छी बात यह हैं की आप दिन के किसी भी समय इसका अभ्यास कर सकते हैं। वज्रासन योग का एक अकेला ऐसा आसन हैं जिसका अभ्यास भोजन के तुरंत बाद भी किया जा सकता हैं। भोजन के बाद वज्रासन करने से भोजन जल्दी पचता हैं जिससे पेट स्वस्थ रहता हैं और बॉडी भी फिट रहती हैं।
वज्रासन क्या है? (What is Vajrasana?)
वज्रासन को वीरासन भी कहते हैं। इस आसन में शरीर वज्र की तरह मजबूत व शक्तिशाली होता है, इसलिए इसे वज्रासन कहते हैं। वज्रासन संस्कृत भाषा का शब्द है। जिसको दो शब्द (वज्र+आसन) को मिलाकर बनाया गया है। जिसमे ‘वज्र’ का अर्थ ‘आकाश में गरजने वाली बिजली’ और ‘आसन’ का मतलब योग करते समय बैठने की मुद्रा होता है। वज्रासन अंग्रेजी में ‘डायमंड पोज़’ (Diamond Pose) से भी जाना जाता है। वज्र, हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण देव इंद्र, के हथियार को भी कहा जाता है। जिनका प्रयोग कर इंद्र देव बारिश अथवा आकाश में गर्जना करते थे। वज्रासन का अभ्यास करते समय शरीर का आकर उस वज्र के समान तथा हीरे के आकर में परिवर्तित होता है। यही कारण है कि इसका नाम प्राचीन काल में ही योगियों ने वज्रासन रख दिया था। ये आसन आपकी पाचन क्रिया को तो दुरुस्त करता ही है साथ ही आपके शरीर को मजबूत और स्थिर भी बनाता है। हठयोग में इस आसन का बहुत महत्व है घरण्ड ऋषि ने इसके बारे में कहा है कि जो भी विधि से वज्रासन को करते हैं उसका शरीर दृढ़ व शक्तिशाली बन जाता है तथा उसकी कुण्डलिनी शक्ति का विकास करने में लाभकारी होता है।
वज्रासन करने का तरीका (How To Do The Vajrasana?)
- वज्रासन करने के लिए घुटनों के बल जमीन पर बैठ जाएं।
- इस दौरान दोनों पैरों के अंगुठों को साथ में मिलाएं और एडि़यों को अलग रखें।
- अब अपने नितंबों को एडि़यों पर टिकाएं। दोनों हाथों को घुटनों के ऊपर या ध्यान मुद्रा में गोद में रखें।
- इस दौरान अपनी पीठ और सिर को सीधा रखें।
- ध्यान रखें कि आपके दोनों घुटने आपस में मिले हों।
- आंखें बंद कर मन को शांत करने का प्रयास करें और गहरी सांसे लें।
- इस अवस्था में जब तक संभव हो, आप बैठने का प्रयास करें।
वज्रासन के फायदे (Vajrasana Benefits in Hindi)
- वज्रासन से पाचनशक्ति मज़बूत बनती है और कब्ज की समस्या दूर होती है।
- यह आसन करने से मन की चंचलता दूर होती है और मन को शांत करता है।
- वज्रासन में बैठकर कई मुद्राएं, कपालभाति तथा अनुलोम विलोम करने से इनके फ़ायदे दोगुने हो जाते हैं।
- पैर और जांघ की मांसपेशियों को मज़बूत करता है। वज्रासन करने से पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती है। आज की जनरेशन ज्यादातर समय बैठी रहती है या खड़ी रहती है, ऐसे में पैरों में होनेवाले दर्द से यह राहत दिलाता है। बैक के दर्द से राहत मिलेगी। एंकल पेन नहीं सताएगा। मांसपेशियों में जकड़न नहीं होगी।
- वज्रासन की स्थिति में बैठने से आपका पूरा शरीर एकदम सीधा हो जाता है ध्यान का अभ्यास करने के लिए वज्रासन एक अच्छा आसन है। इस मुद्रा में व्यायाम करने से अपने मन को शांत करने में मदद मिलती है और आपको भावनात्मक रूप से लाभ होता है। इसलिए ध्यान करने के लिए वज्रासन एक महत्वपूर्ण आसन है।
- वज्रासन के अभ्यास से शरीर स्फुर्तीला बनता है।
- यह आसन महिलाओं को प्रसव पीड़ा और मासिक धर्म में ऐंठन को कम करने में मदद करता है।
- वज्रासन का अभ्यास साइटिका की समस्या को दूर करता है।
- पेट की समस्या जैसे गैस होना, अपचा, पेट की चर्बी को कम करता है। पेट को पतला रखना चाहते हैं तो नियमित रूप से खाना खाने के बाद वज्रासन करें। आपका पेट बाहर नहीं निकलेगा।
- कभी कभी पसंदीदा भोजन अधिक मात्रा मेँ खा लेनें की वजह से हृदय के नीचे और पेट के ऊपर दबाव महसूस होता है, इस समस्या को दूर करने के लिए तीन से पाँच मिनट वज्रासन पर बैठना चाहिए।
- शरीर का वजन कम (Weight loss) करने में सहायता करता है। सिटिंग जॉब में रहनेवाले वे लोग जो अपना फिगर मेंटेन रखने की चाहते रखते हैं लेकिन वक्त की कमी है, उन्हें यह आसान राहत देगा।
- नियमित तौर पर वज्रासन का अभ्यास वेरिकोज वेन्स, ज्वाइंट पेन और गठिया जैसे रोगों से दूर रखने में मददगार है।
वज्रासन किसे नहीं करना चाहिए (Who Should not do Vajrasana)
- जिनके घुटनों में ज्यादा दर्द रहता हो।
- जिनके पांव में किसी तरह की कोई चोट लगी हो।
- तेज कमर दर्द से जूझ रहे लोग किसी योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही इसका अभ्यास करें।
- जो लोग ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या से जूझ रहे हों उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए।
- गर्भवती महिला को अपने डॉक्टर से राय लेने के बाद ही इस आसन को करना चाहिए।
- अगर आपको पाईल्स से जुडी समस्या है तो बेहतर यही होगा की इस आसन को नहीं करे।
वज्रासन कितनी देर करना चाहिए
(How Long Should Vajrasana be Done?)
वज्रासन सुबह मेँ खाली पेट भी किया जा सकता है और भोजन के बाद भी किया जा सकता है। वज्रासन करने का कोई निर्धारित समय नहीं हैं, आप 30 सेकंड से लेकर 20 मिनट तक वज्रासन में रह सकते हैं। बिगिनर्स शुरुआत में 30 सेकंड तक वज्रासन में रह सकते हैं और फिर धीरे-धीरे समय को बढ़ा सकते हैं।
इस आसन को ज़्यादा-से-ज़्यादा आधा घंटे और कम-से-कम दस मिनट करना चाहिए।
वज्रासन में सावधानियां (Precautions in Vajrasana)
- वैसे तो वज्रासन को बेहद सुरक्षित आसन माना जाता है, लेकिन फिर भी इस आसन का अभ्यास शुरू करने से पहले आपको कुछ बेहद खास बातों को जान लेना चाहिए।
- शुरूआत में वज्रासन करने से आपके पैरों में थोड़ा दर्द हो सकता हैं, आप इस दर्द से घबराए नहीं, निरंतर अभ्यास से यह दर्द कुछ ही दिनों में अपने आप गायब हो जाएगा।
- वज्रासन करते समय किसी प्रकार की कोई जोर जबरदस्ती न करें जब आपको किसी भी प्रकार की कोई परेशानी महसूस हो तो तुरंत आसन से बाहर आ जाए।
- वज्रासन में आप प्राणायाम व मैडिटेशन भी कर सकते हैं।
- वज्रासन करते समय हमेशा लंबी और गहरी सांस लेते रहना चाहिए।
नोट- आसन के साथ यह होता है कि उसे अगर सही तरीके से न किया जाये तो कुछ भी रिज़ल्ट नहीं मिलता है। इसलिए हर आसान के सही पोज़ जानना बेहद जरूरी है। साथ ही आपको इस बात का भी ख़याल रखना चाहिए कि अगर आप इस आसन को एक ही दिन में अधिक बार कर लेंगे और अधिक देर के लिए कर लेंगे तो यह आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए धीरे-धीरे ही इस आसन की अवधि बढ़ानी चाहिए। अगर आपके पास वॉक करने का वक्त नहीं है या ऑड टाइम हो जाने के कारण आप वॉक पर नहीं जा सकते हैं तो आप वज्रासन करते हुए वॉक के फायदे प्राप्त कर सकते हैं।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!
रीना जैन
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