अश्वगंधा एक चमत्कारी हर्ब है। अश्वगंधा, कहने को तो एक जंगली झाड़ीदार पौधा है किंतु औषधीय गुणों से भरपूर है। इसे आयुर्वेद में अहम् स्थान प्राप्त है। अनेक लाभकारी गुणो से परिपूर्ण होने के कारण इसे उत्तम औषधि भी कहा जाता है। अश्वगंधा को अंग्रेजी में ‘विंटर चेरी’ कहा जाता है। अश्वगंधा का वैज्ञानिक नाम विथानिया सोम्निफेरा (Withania Somnifera) है। अश्वगंधा का नाम अश्व यानी घोड़े पर रखा गया है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है अश्व अर्थात् घोड़ा, गंध अर्थात् बू अर्थात् घोड़े जैसी गंध, इसकी जड़ और पत्तों की सुगंध अश्व के मूत्र के सामान होती है। इस को अश्वगंधा कहने का दूसरा कारण यह है कि इसका सेवन करते रहने से शरीर में अश्व जैसा उत्साह उत्पन्न होता है। यही वजह है कि इसे अश्वगंधा के नाम से पुकारा जाता है। इसकी जड़ों में बहुत से पौष्टिक तत्व होते हैं। अश्वगंधा में महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीस्ट्रेस और एंटीबैक्टेरियल जैसे तत्व और इम्यून सिस्टम को बेहतर करने वाले सारे गुण मौजूद होते हैं अश्वगंधा के उपयोगी भाग पत्ते, जड़, फल और बीज हैं।
अश्वगंधा का उपयोग कैसे करें
अश्वगंधा के काफी फायदे होते हैं, लेकिन हर बीमारी के लिए इसका सेवन करने का अलग तरीका होता है। ऐसे में अगर अश्वगंधा का सेवन कर रहे हैं तो पहले किसी जानकार व्यक्ति से इसके बारे में सलाह ले लें और उसके बाद इसका सेवन करें। सामान्य तौर पर इसका सेवन काड़ा बनाकर दिया जाता है, जिसमें इसकी जड़ का चूर्ण मिलाया जाता है।अश्वगंधा खाने का तरीका बहुत आसान है। शहद, पानी, दूध या फिर घी में मिलाकर अश्वगंधा चूर्ण का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, बाजार में या फिर ऑनलाइन अश्वगंधा कैप्सूल और अश्वगंधा का रस भी आसानी से मिल जाता है।
अश्वगंधा के फायदे
वजन करें कम- रोजाना एक गिलास दूध में एक चम्मच अश्वगंधा और मीठापन के लिए एक चम्मच शहद मिला लें। इसका सेवन करने से आपका पाचन तंत्र ठीक ढंग से काम करेगा। इसके साथ ही आपका वजन तेजी से कम होगा।
हाई ब्लड प्रेशर को करें कंट्रोल- अगर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो आप इसका सेवन कर काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं। इसके लिए 2 ग्राम अश्वगंधा पाउडर के साथ1 गिलास दूध के साथ लें।
पाचन ठीक रहता है- कई लोगों को पाचन से संबंधित समस्याओं से परेशान रहते है, इसलिए रोजाना एक गिलास दूध में एक चम्मच अश्वगंधा और शहद मिलाकर पीने से पाचन तंत्र ठीक रहता है।
लिवर रोगों से बचाव- अश्वगंधा में पाए जाने वाले एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण लिवर में होने वाली सूजन की समस्या दूर करने में सहायक होता है. यह सूजन कम करता है। अगर रात में सोने से पहले दूध के साथ इसका सेवन किया जाए तो काफी फायदेमंद होगा।
नींद में फायदेमंद- दिनभर थकान से भरे रहते हैं और रात को अच्छी नींद नहीं आती है तो रोजाना 1 चम्मच अश्वगंधा के साथ एक गिलास दूध पीना शुरु कर दें। इससे आपकी दोनों परेशानी दूर हो जाएगी।
कैंसर के लिए- कैंसर के मरीज़ों के लिए लाभकारी है। एक रिसर्च के मुताबिक़ अश्वगंधा कीमोथेरेपी के बुरे प्रभाव को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा नई कैंसर सेल्स को बनने से भी रोकता है।
संक्रमण के लिए- आयुर्वेदिक चिकित्सा ग्रंथों के अनुसार, अश्वगंधा मानव में बैक्टीरिया के संक्रमण को नियंत्रित करने में प्रभावी है। अश्वगंधा में श्वसन तंत्र के संक्रमण को कंट्रोल करने में प्रभावी है।
मस्तिष्क के लिए- अश्वगंधा मस्तिष्क के विकार चिंता, अवसाद और तनाव को कम करने में मदद करता है। अश्वगंधा में मौजूद विथनोलाइड्स कंपाउंड तंत्रिका विकास में मदद कर सकता हैइतना ही नहीं, मस्तिष्क के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अश्वगंधा लाभकारी है।
डायबिटीज के लिए- अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज है तो रोजाना गिलोय या फिर गिलोय जूस का सेवन करें। इसमें पाया जाने वाला हाइपोग्लाईकैमिक ब्लड शगर को कंट्रोल करने में मदद करता है।
इम्यूनिटी बढ़ाएं- गिलोय में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो इम्यूनिटी बूस्ट कर सकते हैं। इसलिए रोजाना गिलोय, तुलसी, लहसुन, अश्वगंधा और हल्दी का काढ़ा पीना चाहिए। जो इम्यूनिटी बूस्ट करने में मदद करता है।
अस्थमा में फायदेमंद- जिन लोगों को अस्थमा की समस्या हैं उनके लिए भी गिलोय काफी फायदेमंद है। इसके लिए रोजाना इसके पत्ते या जड़ का सेवन करें।
घाव के लिए- घावों में अश्वगंधा चूर्ण लगाने से घावों में मवाद आदि नहीं होते और घाव जल्द ठीक हो जाता है। अश्वगंधा की जड़ों को पीस कर पानी के साथ एक चिकना पेस्ट बना लें। घावों पर इस पेस्ट को लगाएं।
त्वचा की समस्या के लिए- अश्वगंधा में उच्च स्तर के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो झुर्रियों, काले धब्बे जैसे उम्र बढ़ने के संकेतों से लड़ने में सहायक हैं। अश्वगंधा त्वचा कैंसर से भी बचाता है।
बालों के लिए- अश्वगंधा शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को कम करके बालों के गिरने को नियंत्रित करता है। अश्वगंधा बालों में मेलेनिन की हानि को रोक कर समय से पहले बालों के ग्रे होने को रोकता है।
अश्वगंधा की चाय और काढ़ा इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार है–
आज जब पूरा देश कोरोनावायरस महामारी के चपेट में है, तब अपनी हेल्थ का खास ख्याल रखें। इस वायरस की चपेट में ज्यादातर ऐसे लोग आ रहे हैं, जो या तो पहले से बीमार हैं या फिर उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है। ऐसे में सामान्य चाय से अश्वगंधा चाय पीना अधिक फायदेमंद है क्योंकि यह आपकी इम्युनिटी को मजबूत बनाने में सहायक होती है।
इम्युनिटी बूस्टर चाय को बनाने की सामग्री-
- 1 चम्मच अश्वगंधा पाउडर
- 1 चम्मच शहद
- 1 नींबू
चाय को बनाने का तरीका-
इसके लिए एक पैन में 1 गिलास पानी गर्म करें। फिर इसमें आप 1 या 2 अश्वगंधा की जड़ या पाउडर डालकर 5-7 मिनट तक उबालें। अब इस चाय में स्वादानुसार शहद और नींबू का रस डालकर पीएं। इस चाय को आप दिन में 1-2 बार पी सकते हैं।
अश्वगंधा का इम्युनिटी बूस्टर काढ़ा
काढ़ा बनाने की सामग्री-
- 1लीटर पानी या अपने आवश्यकता अनुसार
- 1 छोटा चम्मच अश्वगंधा पाउडर
- 5-6 तुलसी का पत्ता
- 3-4 लौंग
- 5-6 काली मिर्च (साबुत)
- 1 इंच अदरक (कद्दूकस किया हुआ)
- 1 छोटा चम्मच दालचीनी पाउडर या 1 दालचीनी का स्टिक
- 1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
- 1 छोटा चम्मच गिलोय पाउडर या 1 टुकड़ा गिलोय का
काढ़ा बनाने का तरीका
इसके लिए एक पैन में पानी गर्म करें। और अब जितने साबुत सामग्री हैं उन्हें उबलते हुए पानी में डालकर 10-15 मिनट तक उबालें , और पाउडर फॉर्म में जो हैं, अब चम्मच से मिलाते हुए काढ़ा को थोड़ी सी गाढ़ी कर लें,अब आपका काढ़ा तैयार है, अब गैस को बंद कर दें अब इस काढ़े को किसी बरतन में छननी के सहारे छान लें और गरम-गरम चाय के तरह कर पियें, और अपनी इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग करें।
अश्वगंधा के नुकसान
अश्वगंधा के अनगिनत फायदों के अलावा अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से अश्वगंधा के नुकसान से सेहत के लिए असुविधा उत्पन्न हो सकता है। सही फायदा पाने और नुकसान से बचने के लिए चिकित्सक के परामर्श के अनुसार सेवन करना चाहिए-
- जड़ का चूर्ण – 2-4 ग्राम
- काढ़ा – 10-30 मिलीग्राम तक सेवन करें।
- अश्वगंधा सामान्य रूप से ली जा रही दवाइयों के साथ हस्तक्षेप कर सकता है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो मधुमेह, हाई बीपी, चिंता, अवसाद और अनिद्रा जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं। अश्वगंधा का उपयोग करते समय डॉक्टर सावधानी रखने की सलाह देते हैं
- गर्म प्रकृति वाले व्यक्ति के लिए अश्वगंधा का प्रयोग नुकसानदेह होता है।
- अश्वगंधा के नुकसानदेह प्रभाव को गोंद एवं घी के सेवन से ठीक किया जाता है।
- अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है। इसी वजह से इसका सेवन अधिक मात्रा में करने से बचना चाहिए।
- इसका सेवन लंबे समय तक नहीं किया जाना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को अश्वगंधा का सेवन ना करने की सलाह दी जाती हैं।
- अत्यधिक लेने से इससे डायरिया हो सकता है।
- इसका अधिक सेवन करने से पेट में दर्द भी हो सकता है।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!
इस ब्लॉग की जानकारी ज्ञान के उद्देश्य से है और इसमें कोई चिकित्सकीय सिफारिश शामिल नहीं है। सलाह का पालन करने से पहले एक प्रमाणित चिकित्सक से परामर्श करें।
रीना जैन
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