बचपन और बुढ़ापे में रोगप्रतिरोधक शक्ति सामान्य तौर पर युवावस्था से कुछ कमजोर होती है, पर खराब जीवनशैली व आदतों के चलते युवावस्था में भी यह कमजोर हो सकती है।
- स्वच्छता बनाए रखें ज्यादातर इन्फेक्शन दूषित जगहों को छूने से और फिर उन्ही को अपने मुंह आँख नाक पर लगाने से फैलते हैं। इस इन्फेक्शन को कुछ अच्छी आदतों को अपनाकर दूर किया जा सकता है, जैसे आस पास स्वछता का ध्यान रखें, खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद हाथों को अच्छे से साबुन से धोएं, दूषित व पुराना भोजन न खाएं, नाखूनों को काट कर व स्वच्छ रखें आदि।
- रिफाइंड शुगर और प्रोसेस्ड फूड,जंक फूड का बहुत लम्बे समय तक और बहुत ज्यादा सेवन हमारी वाइट ब्लड सेल्स जो बैक्टीरिया को मारती हैं उनकी क्षमता कम हो जाती है। जिसके कारण अनेक बीमारियां होने का खतरा बढ़ सकता है।
- कम पानी पीने से इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है, क्योंकि पर्याप्त पानी के अभाव में शरीर से विजातीय द्रव्यों को बाहर निकाल पाना कठिन हो जाता है।
- अगर चीनी ज्यादा सेवन करते हैं तो यह इम्यूनिटी केा कम करती है।
- वजन बहुत कम या ज्यादा होना। शरीर को ठीक से पोषण न मिलना। धूम्रपान, शराब, ड्रग आदि का ज्यादा सेवन करना।
- पेनकिलर, एंटीबॉयोटिक दवाओं का लंबे समय तक सेवन करना ,तनाव में रहना , लंबे समय तक कम नींद लेना अथवा अनावश्यक रूप से देर तक सोना।
- शारीरिक श्रम का अभाव।
- प्रदूषित वातावरण में लंबे समय तक रहना।
इस ब्लॉग की जानकारी ज्ञान के उद्देश्य से है और इसमें कोई चिकित्सकीय सिफारिश शामिल नहीं है। सलाह का पालन करने से पहले एक प्रमाणित चिकित्सक से परामर्श करें।
पढ़ने के लिए धन्यवाद!
रीना जैन
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